Indian Railways News: धनबाद रेल मंडल के पूर्व डीआरएम सुधीर कुमार देंगे रेल मंत्री को सलाह, जानिए खासियत
Sudhir Kuamar Rail Minister Advisor धनबाद में कार्यकाल पूरा होने के बाद सुधीर कुमार रेलवे बोर्ड भेजे गए थे। काफी वक्त तक बतौर एडिशनल मेंबर रेलवे बोर्ड ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, धनबाद। रेलवे के लिए राजस्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण धनबाद रेल मंडल में रिजल्ट आधारित काम कर चुके अधिकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पसंद आ रहे हैं। वैष्णव के रेलमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद वेद प्रकाश को उनका ओएसडी नियुक्त किया गया था। वेद प्रकाश ने धनबाद रेल मंडल में सीनियर डीओएम के पद पर रहते हुए अच्छा काम किया था। अब रेलमंत्री के सलाहकार के तौर पर धनबाद रेल मंडल के पूर्व डीआरएम सुधीर कुमार का चयन किया गया है। रेल मंत्रालय ने इससे जुड़ा आदेश भी जारी कर दिया है। सुधीर कुमार को रेल मंत्री का सलाहकार बनाने के साथ ही रेलवे के एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की जिम्मेवारी भी दी गई है।

काैन हैं सुधीर कुमार
धनबाद में कार्यकाल पूरा होने के बाद सुधीर कुमार रेलवे बोर्ड भेजे गए थे। काफी वक्त तक बतौर एडिशनल मेंबर रेलवे बोर्ड विद्युतीकरण रहने के बाद सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के बाद अब उन्हें बतौर सलाहकार रेल मंत्रालय में महत्वपूर्ण जगह मिली है। उन्हें न सिर्फ रेल मंत्री का सलाहकार बनाया गया है बल्कि रेल मंत्रालय के नेट जीरो कार्बन एमिशन प्रोजेक्ट के मिशन हेड की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। जून 1980 को जन्मे सुधीर कुमार 1981 बैच के अधिकारी हैं। धनबाद में डीआरएम रहने के साथ-साथ रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डेवलपमेंट, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एनर्जी मैनेजमेंट, प्रिंसिपल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ट्रांसफॉरमेशन, एडवाइजर रोलिंग स्टॉक जैसे पदों पर भी रहे हैं। रेलवे बोर्ड के एडिशनल मेंबर प्लानिंग रहने के दौरान रेलवे से जुड़ी विस्तृत प्लानिंग और आधारभूत संरचना विस्तार के लिए बजट की प्लानिंग में भी इनकी सक्रिय भागीदारी रही है। बिहार के मधेपुरा में विद्युत इंजन कारखाना की स्थापना में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यही वजह है कि रेल मंत्रालय ने रेल मंत्री के सलाहकार के साथ साथ इन्हें जीरो कार्बन मिशन के प्रमुख की जिम्मेदारी भी सौंपी है।
दोनों अधिकारी धनबाद मंडल में साथ कर चुके काम
रेलमंत्री के ओएसडी वेद प्रकाश और नए सलाहकार सुधीर कुमार दोनों ही धनबाद रेल मंडल में साथ काम कर चुके हैं। इन दोनों की जुगलबंदी में ही पहली बार धनबाद मंडल ने 100 मिलीयन लोडिंग का लक्ष्य पूरा किया था। धनबाद में लोडिंग के लिए बेहतर आधारभूत संरचना के विस्तार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इनके कार्यकाल में रेल मंडल में कई नये प्रोजेक्ट शुरू हुए थे। ऐसे बहुत सारी खासियत हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।