15 साल पुराने वाहनों का नहीं छोड़ पा रहे मोह तो तत्काल ले लें फिटनेस सर्टिफिकेट, यह है नियम...
उच्च पथ परिवहन मंत्रालय भारत सरकार के नए नियम के अनुसार कॉमर्शियल वाहनों के रजिस्ट्रेशन की उम्र सीमा निर्धारित कर दी गई है। अब 15 साल पुराने कॉमर्शियल वाहनों को फिर से रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। फिर से रजिस्ट्रेशन के लिए कॉमर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य है।

जागरण संवाददाता, धनबाद: पहले व्यावसायिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन की उम्र सीमा (काल अवधि) निर्धारित नहीं थी। एक बार रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद वह जब तक सड़क पर चलने योग्य है, उसका रजिस्ट्रेशन मान्य रहता था, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। उच्च पथ परिवहन मंत्रालय, भारत सरकार के नए नियम के अनुसार, कॉमर्शियल वाहनों के रजिस्ट्रेशन की उम्र सीमा निर्धारित कर दी गई है। अब 15 साल पुराने कॉमर्शियल वाहनों को फिर से रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। फिर से रजिस्ट्रेशन के लिए कॉमर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया है।
फिटनेस सर्टिफिकेट एक साल के लिए मान्य
उत्तरी छोटानागपुर के उप परिवहन आयुक्त सह सचिव, प्रादेशिक परिवहन प्राधिकार रविराज शर्मा ने बताया कि फिटनेस सर्टिफिकेट एक वर्ष के लिए मान्य होगा। इस प्रकार उस वाहन की उम्र फिटनेस सर्टिफिकेट के आधार पर जीवित रहेगी। फिटनेस नहीं रहने पर रजिस्ट्रेशन अमान्य हो जाएगा। रजिस्ट्रेशन के 15 साल की मान्यता संबंधी नियम हर प्रकार के निजी वाहनों में पूर्व से लागू है, जिसे अगले पांच वर्ष के लिए रिन्यू किया जाता रहा है। अब तक इससे कॉमर्शियल वाहनों को मुक्त रखा गया था लेकिन भारत सरकार की ओर से अक्टूबर 2021 के नोटिफिकेशन को अब झारखंड सरकार ने भी लागू कर दिया है।
उप परिवहन आयुक्त ने बताया कि अगर रजिस्ट्रेशन नहीं रहा तो 15 साल पुराने कॉमर्शियल वाहनों को परमिट जारी नहीं होगा। केवल यही नहीं, सर्टिफिकेट एक्सपायर होने के बाद प्रतिदिन 50 रुपये की दर से विलंब शुल्क भी चुकाना होगा। इसी तरह बाइक के लिए 15 वर्ष बाद रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराने के लिए एक हजार रुपये, इंस्पेक्शन के लिए पांच सौ रुपये और फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए एक हजार रुपये खर्च होंगे। उन्होंने बताया कि नए नियम के तहत वाहन चालकों को कई तरह की सुविधाएं दी गई हैं। इसके अलावा विकल्प भी दिए गए हैं।

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