फायरिंग व बमबाजी से थर्राया एना परियोजना, झरिया में खत्म हुआ पुलिस का खौफ Dhanbad News
एना में सिंह मैंशन का दबदबा था। संजीव सिंह के चुनाव हारने और पूर्णिमा नीरज सिंह के जीतने के बाद रघुकुल एना में वर्चस्व कायम करना चाहता है। इस बात को लेकर आए दिन टकराव हो रहा है।
झरिया, जेएनएन। झरिया में पुलिस का खौफ पूरी तरह से खत्म होता जा रहा है। कोयले की काली कमाई पर वर्चस्व स्थापित करने के लिए आए दिन गोलीबारी और बमबाजी हो रही है। प्रायः घटनाएं पुलिस के सामने ही होती हैं। लेकिन पुलिस देखती रह जाती है। झरिया में पुलिस का काम सिर्फ प्राथमकी दर्ज करना रह गया है। शुक्रवार को झरिया अंचल में पुलिस के सामने ही एक युवक को गोली मारी गई। इसके अगले दिन शनिवार को दोपहर समय एना परियोजना में तीन बाइक से पहुंचे गुर्गों ने कई राउंड फायरिंग की। बम भी फोड़े। इससे पूरा इलाका थर्रा गया। गोलीबारी और बमबाजी करने के बाद गुर्गे आराम से चलते बने। इन घटनाओं के लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर पुलिस के हाथ किसने बांध रखे हैं?
झरिया की एना आउटसोर्सिंग परियोजना में वर्चस्व को लेकर शनिवार को दोपहर लगभग 1: 15 बजे तीन बाइक में सवार छह अपराधियों ने कई राउंड फायरिंग की और बमों का विस्फोट कर दहशत फैलाया। टाइम ऑफिस के पास हुई फायरिंग व बम के विस्फोट से कर्मियों में दहशत छा गया। कर्मियों ने छह राउंड से अधिक फायरिंग होने की बात कही है। कर्मियों ने बताया कि बाइक सवार फायरिंग करने के बाद परियोजना मुख्य मार्ग से फरार हो गए। घटना के बाद आउटसोर्सिंग के कर्मी काम बंद कर दिए हैं। सूचना पाकर झरिया थाना प्रभारी पीके सिंह व पुलिस पहुंची। सीआईएसएफ के जवान भी पहुंचे। पुलिस ने मौके से तीन गोली और एक बम बरामद किया है। पुलिस को एक खोखा भी मिले हैं। परियोजना में आरके माइनिंग का काम होता है।
थानेदार का कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। एना परियोजना में सिंह मैंशन का दबदबा था। संजीव सिंह के चुनाव हारने और पूर्णिमा नीरज सिंह के जीतने के बाद रघुकुल एना में वर्चस्व कायम करना चाहता है। इस बात को लेकर दोनों कई बार आमने-सामने आ चुके हैं। पुलिस का मानना है कि गोलीबारी और फायरिंग करने वाले दोनों में से किसी एक गुट के हो सकते हैं।
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