नेत्रदान में मिसाल बना राजगढ़िया परिवार, छठी बार दिया अमूल्य उपहार
Eye Donation: धनबाद कतरास के राजगढ़िया परिवार ने छह नेत्रदान कर समाज में मिसाल कायम की है। इस परिवार ने नेत्रदान के महत्व को समझते हुए यह कदम उठाया है। उनके प्रयासों से समाज में नेत्रदान के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। राजगढ़िया परिवार का यह कार्य अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणादायक है।

नेत्रदान से नेत्रहीन के जीवन में मिलती रोशनी।
जागरण संवाददाता, धनबाद। कतरास के राजगढ़िया परिवार ने समाजसेवा की अनूठी मिसाल पेश की है। एसएनएमएमसीएच में मरणोपरांत आलोक राजगढ़िया का नेत्रदान किया गया। बुधवार को 36 वर्षीय आलोक राजगढ़िया की मृत्यु के बाद उनके परिवार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया।
आलोक की मौत घर की सीढ़ियों से गिरने के कारण ब्रेन हैमरेज से हुई। इसके बाद समाजसेवी अंकित राजगढ़िया ने आलोक के पिता जगदीश राजगढ़िया और बहन अमृता को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया।
स्वजनों की सहमति से मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग में नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की गई।मृतक के पिता जगदीश राजगढ़िया और बहन अमृता ने नेत्रदान के फैसले पर गर्व महसूस किया। पिता ने कहा कि आलोक इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन उनके नेत्रदान से दो नेत्रहीन व्यक्तियों को जीवन में रोशनी मिलेगी।
अंकित ने बताया कि परिवार के अन्य सदस्यों का भी मरणोपरांत नेत्रदान हो चुका है। अस्पताल प्रबंधन ने इस कार्य की सराहना की। अधीक्षक डा. डीके गिंदौरिया ने इसे मानव सेवा का बेहतरीन उदाहरण बताया।
अंकित ने कहा कि नेत्रदान जीवन का सबसे अमूल्य दान है और हर व्यक्ति को इस महान कार्य के लिए आगे आना चाहिए।

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