Bulldozer Action: धनबाद के इस जगह गरजा बुलडोजर, 40 दुकानों और मकानों को किया गया ध्वस्त; जमकर हुआ विरोध
निरसा में एलिवेटेड रोड निर्माण के लिए अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। इस दौरान 40 मकान और दुकानें तोड़ी गईं जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया। एनएचएआई के अनुसार एनएच टू के डिवाइडर के दोनों ओर 23 मीटर तक अतिक्रमण हटाया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि मुआवजा प्राप्त करने के बावजूद जगह खाली न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

संवाद सूत्र, निरसा। निरसा में एलिवेटेड रोड निर्माण को लेकर सीओ रमेश रविदास व एनएचएआई के अधिकारी निगम बेहरा के नेतृत्व में शुक्रवार को निरसा में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया।
करीब 40 स्थाई व अस्थाई मकानों व दुकानों को तोड़ा गया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने अतिक्रमण हटाने का जमकर विरोध किया। मगर अभियान में शामिल भारी संख्या में पुलिस के आने लोगों की एक न चली।
दोपहर करीब 12 बजे से निरसा बाजार स्थित काली मंदिर से अतिक्रमण हटाने का काम शुरू हुआ, जो शाम लगभग 4:45 बजे तक तुलसी साव के आवास तक चला।
दिल्ली-कोलकाता सर्विस लेन से अतिक्रमण हटाया गया। इस दौरान निरसा काली मंदिर, हटिया मोड़, गुरुद्वारा, कब्रिस्तान के समझ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ नोकझोंक हुई। मगर अधिकारियों व पुलिस ने संयम का परिचय देते हुए सख्ती के साथ अतिक्रमण हटाया।
एनएच टू बीच के डिवाइडर से 23 मीटर दोनों ओर हटेगा अतिक्रमण
एनएचएआई के अधिकारी निगम बेहरा ने बताया कि एनएच टू के बीच के डिवाइडर के दोनों ओर 23 मीटर के अंदर अतिक्रमण किए गए जगहों को खाली कराया जा रहा है। अतिक्रमण हटाने का यह अभियान निरसा में तीन दिनों तक चलेगा।
इस दौरान जिन्होंने भी एनएचएआई के जगह को अतिक्रमण कर रखा है वह स्वेच्छा से खाली कर दें, वरना बलपूर्वक उन्हें हटाया जाएगा। जो लोग ज्यादा अति करेंगे उनपर मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।
एक दूसरे का अतिक्रमण हटाने में सक्रिय दिखे लोग
अभियान के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने जिनके अतिक्रमित जमीन को खाली कराया, वे लोग स्वयं ही दूसरे के अतिक्रमण किए गए जगह की जानकारी देकर तुड़वाने में ज्यादा सक्रिय दिखे। इसके कारण प्रशासनिक अधिकारियों का काम और आसान हो गया।
वहीं, कुछ लोगों की शिकायत थी कि अभियान में शामिल अधिकारी कुछ खास लोगों को अतिक्रमण हटाने में रियायत दे रहे हैं। कुछ लोगों की दुकानों एवं अतिक्रमण किए गए जगह को छोड़ दिया गया है। यह ठीक नहीं है। इधर अतिक्रमण हटाए जाने से कई लोगों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है।
इस संबंध में अंचलाधिकारी रमेश रविदास ने कहा कि जिनकी जमीनों के पैसे का भुगतान एनएचएआई द्वारा कर दिया गया है। परंतु उन्होंने जगह खाली नहीं की है। उनकी जगह को खाली कराया जा रहा है।
जिनकी जमीन का मुआवजा नहीं मिला है तथा जिनका मामला न्यायालय में विचाराधीन है वैसे लोगों को तत्काल राहत दी गई है। अतिक्रमणकारियों अच्छी तरह समझने की यदि वह स्वयं से नहीं हटेंगे तो बलपूर्वक हटाया जाएगा।
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