कोयलांचल में अवैध खनन का खूनी खेल जारी, मलबा धंसने से 25 वर्षीय युवक की दर्दनाक मौत
सरकार के तमाम दावों के बीच कोयलांचल में अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है। बीसीसीएल के ईस्ट बसुरिया कोलियरी में अवैध कोयला खनन के दौरान मलबा धंसने से 25 वर्षीय युवक छोटू भुइयां की मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हो गए। स्थानीय प्रशासन बीसीसीएल और आउटसोर्सिंग कंपनी ने घटना से अनभिज्ञता जाहिर कर मामले को दबाने की कोशिश की।
जागरण संवाददाता, कतरास/निचितपुर। कोयलांचल में अवैध कोयला खनन का खूनी खेल बेखौफ जारी है। बीसीसीएल के कुसुंडा क्षेत्र के तहत ईस्ट बसुरिया कोलियरी में एक भीषण हादसे में मलबा धंसने से एक 25 वर्षीय युवक छोटू भुइयां की मौके पर ही मौत हो गई।
रविवार सुबह इस हादसे में एक युवती समेत दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोग पुलिस प्रशासन पर हादसे को दबाने का आरोप लगा रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि स्थानीय प्रशासन और बीसीसीएल प्रबंधन की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार किस कदर फल-फूल रहा है।
हादसा या साजिश?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रविवार सुबह कई लोग आउटसोर्सिंग स्थल के पास अवैध रूप से कोयला निकाल रहे थे। तभी अचानक ऊपर से एक विशाल मलबा भरभराकर नीचे आ गिरा। मलबे की चपेट में आने से छोटू भुइयां की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके साथ मौजूद पूजा कुमारी (18) और बाघा भुइयां (40) गंभीर रूप से घायल हो गए। बाघा को दाहिने पैर में गहरी चोट लगी है। छोटू और बाघा आपस में साला-बहनोई हैं।
हादसे के तुरंत बाद अवैध कारोबारियों ने बिना किसी कानूनी कार्रवाई का इंतजार किए, मृतक के शव और घायलों को मौके से हटा दिया। मृतक के परिजनों ने भी पुलिस को सूचना दिए बिना शव का आनन-फानन में अंतिम संस्कार कर दिया। घायल युवती को धनबाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि बाघा भुइयां ने स्थानीय क्लिनिक में चुपचाप इलाज कराया। इस तरह मामले को दबाने का प्रयास कई गंभीर सवाल खड़े करता है।
अधिकारियों की चुप्पी, सवालों के घेरे में व्यवस्था
इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद भी, बीसीसीएल के अधिकारी और पुलिस ने जानकारी होने से साफ इनकार कर दिया, जो उनकी संवेदनहीनता और निष्क्रियता को दर्शाता है। ईस्ट बसुरिया कोलियरी के पीओ मोजेलाल राम ने दावा किया कि उनके क्षेत्र में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। वहीं ईस्ट बसुरिया ओपी की पुलिस ने भी यही जवाब दिया कि उन्हें ऐसी किसी घटना की जानकारी नहीं है। आउटसोर्सिंग कंपनी के साइट इंचार्ज दिलीप चंद्र मालाकार ने भी मामले से अनभिज्ञता जाहिर कर पल्ला झाड़ लिया।
अधिकारियों का यह रवैया इस बात की पुष्टि करता है कि वे अवैध खनन को रोकने के बजाय इसे संरक्षण दे रहे हैं। यह हादसा महज एक दुर्घटना नहीं, बल्कि उस भ्रष्ट व्यवस्था का परिणाम है जो कोयले के काले कारोबार को पनपने दे रही है।
एक साल की बेटी ने खोया पिता
मृतक छोटू भुइयां की पत्नी किरण देवी का दुख इस कदर गहरा है कि वह बिलख-बिलखकर रो रही हैं। उनकी एक साल की मासूम बेटी यह भी नहीं जानती कि उसने हमेशा के लिए अपने पिता को खो दिया है। किरण देवी ने बताया कि उनके पति सिर्फ जलावन के लिए कोयला चुनने गए थे। यह दर्दनाक सच्चाई उस गरीबी और बेबसी को उजागर करती है जो लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर मौत के कुएं में उतरने के लिए मजबूर करती है।
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर भारी रोष है। उन्होंने प्रशासन से सख्त कदम उठाने और अवैध खनन के सरगनाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। जब तक प्रशासन और बीसीसीएल प्रबंधन की जवाबदेही तय नहीं होती, तब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे और बेकसूर गरीबों की जानें जाती रहेंगी।
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