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    पूजा के बाद नदी-तालाब में मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन पर लगी रोक, पूजन सामग्री भी नहीं बहा सकेंगे

    By Jagran NewsEdited By: Deepak Kumar Pandey
    Updated: Mon, 03 Oct 2022 09:13 AM (IST)

    जिला प्रशासन ने दु्र्गापूजा के बाद जिले के किसी भी प्राकृतिक जलस्रोत में मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे संबंधित आदेश रविवार की देर शाम जारी किया गया। धनबाद नगर निगम ने भी अपने इलाके के किसी भी जलस्रोत में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी है।

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    इस आदेश से शहरी इलाकों की पूजा समितियों में असमंजस की स्थिति बन गई है।

    जागरण संवाददाता, धनबाद: जिला प्रशासन ने दु्र्गापूजा के बाद जिले के किसी भी प्राकृतिक जलस्रोत में मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे संबंधित आदेश रविवार की देर शाम जारी किया गया। धनबाद नगर निगम ने भी अपने इलाके के किसी भी जलस्रोत में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी है। हालांकि प्रशासन ने थोड़ी राहत देते हुए कहा है कि वैसे जलाशयों की सूची जारी की जाएगी, जहां प्रतिमा का विसर्जन किया जा सकेगा।

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    इस आदेश से शहरी इलाकों की पूजा समितियों में असमंजस की स्थिति बन गई है। कुछ पूजा समितियों के पदाधिकारी इस मामले को लेकर जिला प्रशासन से बात कर कोई समाधान निकालने की बात कह रहे हैं तो कुछ ऐसे भी हैं जो इस नियम की अवहेलना कर उन तालाबों में प्रतिमा विसर्जन करने के लिए अडिग हैं, जहां वे अब तक विसर्जन करते आ रहे हैं।

    इस संबंध में जिले के उपायुक्‍त संदीप सिंह ने कहा कि यह निर्णय एनजीटी के आदेश पर लिया गया है। वैसे किसी को इसे लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं। शहर के कुछ तालाबों को प्रतिमा विसर्जन के लिए चिह्नित किया गया है, जहां प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में पूजा समितियां मूर्ति विसर्जन कर सकती हैं। जल्‍द ही ऐसे तालाबों की सूची जारी कर दी जाएगी।

    जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी ईशा खंडेलवाल ने बताया कि उपायुक्त के आदेश से धनबाद नगर निगम क्षेत्र सहित जिले के सभी नदी, तालाब और अन्य जलस्रोतों में मूर्ति या किसी प्रकार की पूजा सामग्री के विसर्जन पर रोक लगा दी गई है। इस आदेश का उल्लंघन करनेवालों के खिलाफ दंडात्मक कारवाई करने का निर्देश दिया है। वहीं धनबाद नगर निगम के नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने बताया कि वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के निर्देशानुसार, इन्वायर्नमेंट प्रोटेक्शन एक्ट 1986 की धारा 5 के तहत नदी, तालाब व अन्य जल स्रोतों में मूर्ति या किसी प्रकार की पूजा सामग्री का विसर्जन करना पूर्णतः प्रतिबंधित है। इसलिए आम जनों से नदी, तालाब व अन्य जलस्रोतों में विसर्जन नहीं करने का आग्रह किया गया है। ऐसा नहीं करने वाले व्यक्ति या समूह पर नियमानुसार विधि सम्मत करवाई की जाएगी।

    जनभावना के विपरीत नियम

    दूसरी ओर, इस नियम को गलत करार देते हुए झारखंड मैदान स्थित सत्यम शिवम सुंदरम दुर्गापूजा समिति के पदाधिकारी विकास कुमार साव कहते हैं कि नगर निगम का यह निर्णय जनभावना के विपरीत है। आखिर मूर्ति विसर्जन करने कहां जाएंगे। शहर के तालाबों में मूर्ति विसर्जन करने का अलावा हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं है। उनके सुर में सुर मिलाते हुए तेतुलतल्ला पूजा समिति के अध्यक्ष कहते हैं कि वैसे तो अभी उनको आदेश की प्रति नहीं मिली है, लेकिन यदि ऐसा कोई आदेश आता भी है तो भी वह शहर के ही तालाबों में मूर्ति का विसर्जन करेंगे।