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    Dumka Love Jihad: संताल में हो रही बांग्लादेश से घुसपैठ, पाकुड़ में 10 साल में इतने प्रतिशत बढ़ गई मुस्लिम आबादी

    By Atul SinghEdited By:
    Updated: Thu, 01 Sep 2022 08:08 PM (IST)

    जागरण पड़ताल में कई नए राज खुलकर सामने आ रहे है। बांग्‍लादेश‍ी घुसपैठ‍िए संताल में लव-ज‍िहाद के खेल को अंजाम देने में लगे हुए है। ये संगठन के रूप में वर्षों से संताल में सक्र‍िय है। इन इलाकों मुस्‍ल‍िम आबादी में तेजी से बढ़ोतरी में इनका महत्‍वपूर्ण योगदान है।

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    संताल में लगी लव-ज‍िहाद की आग, नहीं रुकी तो दुमका की बेटी की तरह कई बेट‍ियां और झुलस सकती है।

    राजीव, दुमका:  जल्‍लाद शाहरुख ने दुमका की बेटी को ज‍िंदा जला द‍िया।  इसी के तहत सनसनी खेज खुलासे सामने आ रहे है। बांग्‍लादेश से संताल में घुसपैठ‍िओं का प्रवेश इसमें से एक है। शुरुआत में यहां आकर धीरे-धीरे परि‍स्‍थ‍िति‍ को समझते है। कुछ द‍िन ब‍ितने के बाद शुरू कर देते हैं अपना घ‍िनौना खेल। लव-‍ज‍िहाद का। इसमें बांग्‍लादेश के ऐसे संगठन सक्र‍िय है, जो प्रत‍िबंध‍ित हैं। इनके टारगेट में रहती हैं ह‍िंदू नाबाल‍िग लड़क‍ियां। ज‍िन्‍हें फांसना आसान हो जाता है। ऐसी लड़क‍ियां ज्‍यादातर स्‍कूल गर्ल होती हैं। चमक-दमक द‍िखा कर इन्‍हें आसानी से झांसे में ले ल‍िया जाता है। बीते कुछ वर्षों में कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। पहले प्‍यार । उसके बाद न‍िकाह। फ‍िर धर्म पर‍िर्वतन के ल‍िए दबाब। कई ऐसी लड़क‍ियां हैं जो इस चंगुल में फंस चुकी है। कुछ के बच्‍चे बड़े होकर स्‍कूल भी जाने लगे है। अब इन्‍हें अपनी गलत‍ी का ऐहसास होता है। काफी देर हो चुकी है। इधर पीड़‍िता मामले में जांच की आचं भी तेज हो गई है। शायद इसकी लपट इन संगठनों पर पड़े। ज‍िस तरह पीड़‍िता को जलाया गया उससे भी बुरी तहर से इनको जलाकर राख कर द‍िया जाए। ताक‍ि भव‍िष्‍य में संताल की बेटी पर आंच न आए।

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    बांग्लादेश से संताल में हो रही ताबड़तोड़ घुसपैठ

    पूर्व में राज्य के गृह विभाग ने एक रिपोर्ट दी थी। इसमें कहा गया था कि संताल परगना के साहिबगंज व पाकुड़ में चिह्नित अवैध प्रवासियों ने वोटर आइडी, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस तक बनवाए हैं। यहां जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश व पापुलर फ्रंट आफ इंडिया और अंसार उल बांग्ला जैसे प्रतिबंधित संगठनों की पकड़ बढ़ रही है। साहिबगंज, पाकुड़ समेत कई जिलों में जेएमबी आतंकियों की गतिविधियां हो रहीं हैं। इस क्षेत्र में तेजी से जनसांख्यिकी बदल रही है। पाकुड़ में 2001 में मुस्लिम आबादी 33.11 प्रतिशत थी जो 2011 में 35.87 प्रतिशत हो गई। अवैध प्रवासियों के इन इलाकों में आदिवासियों की आबादी घट रही है।