Dr Archana Suicide News: काफी हिम्मती थीं डा. अर्चना, बहन ने सिस्टम को बताया हत्यारा
Doctor Archana Sharma Suicide Case राजस्थान के दाैसा में आत्महत्या करने वाली डा. अर्चना शर्मा का झारखंड के गहरा नाता रहा है। उन्होंने रांची के रिम्स में मेडिकल की पढ़ाई की थीं। उनकी बड़ी बहन डा. मनीषा शर्मा धनबाद में रहती हैं।

जागरण संवाददाता, धनबाद। Dr Archana Sharma Suicide राजस्थान के दौसा जिले (Dausa District) के लालसोट में महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा ने मंगलवार को कथित तौर पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। डॉक्टर के खिलाफ सोमवार को एक मामला दर्ज किया गया था। उसके निजी अस्पताल में एक गर्भवती युवती की प्रसव के बाद हुए रक्तस्त्राव से मौत हो गई थी, जिसके बाद मृतका के स्वजनों की शिकायत पर इलाज में लापरवाही का मामला दर्ज किया गया था। डॉक्टर ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उसने कहा है कि उसने किसी को नहीं मारा और उसके निर्दोष परिवारवालों को परेशान ना किया जाए। डा. अर्चना का झारखंड से गहरा रिश्ता रहा है। वह राजधानी रांची स्थित RIMS से मेडिकल की पढ़ाई की थीं। साथ ही उनकी बड़ी बहन डा. मनीषा शर्मा धनबाद में रहती हैं। बहन की माैत के बाद मनीषा विचलित हैं। उन्होंने बहन की माैत के लिए सिस्टम को जिम्मेवार ठहराया है।
डा. अर्चना काफी हिम्मती थीं
राजस्थान के दौसा में सिस्टम से तंग आकर जान देने वाली डॉक्टर अर्चना शर्मा की बहन डॉक्टर मनीषा शर्मा धनबाद में रहती हैं। घटना की खबर सुनकर डॉक्टर मनीषा शर्मा और उनके पति अनूप शर्मा राजस्थान के दौसा पहुंच गए हैं। घटना पर पूरा परिवार सदमे में है। डॉ मनीषा धनबाद में प्रसिद्ध रेडियोलॉजिस्ट है। वहीं डॉक्टर अनूप शर्मा प्रसिद्ध लेप्रोस्कोपी सर्जन हैं। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत करते हुए डॉक्टर मनीषा शर्मा ने बताया कि उनकी बहन को सिस्टम ने मार दिया है। दौसा की घटना को लेकर कई दिनों से उनकी बहन काफी तनाव में थी। हालांकि वह काफी हिम्मती थी और मृदुभाषी किस्म की थी। परिस्थिति ने उनको काफी मजबूर कर दिया। ऐसे में कोई डॉक्टर समाज की सेवा क्यों करना चाहेगा। डॉ मनीषा शर्मा और उनके पति डॉ अनूप शर्मा ने सरकार से न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि यदि यही स्थिति रही तो समाज में डॉक्टरों का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। डॉ मनीषा शर्मा पहले झरिया में रेडियोलॉज सेवा देती थी। दोनों पति पत्नी मेमको मोड़ के पास लगभग 4 वर्ष से मातोश्री क्लीनिक चला रहे थे।
न्याय की आस अब किससे करें
डॉ मनीषा शर्मा और उनके पति डॉ अनूप शर्मा ने कहा कि जब सिस्टम की वजह से जान चली जाए, तो आखिर न्याय की मांग किस से की जा सकती है। कई बार अपनी बेगुनाही साबित करने के बावजूद डॉ अर्चना शर्मा को दोषी के जैसा व्यवहार किया जा रहा था। लगातार उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। आज डॉक्टर अर्चना शर्मा के बच्चे अनाथ हो गए हैं। उनके सिर से मां का साया उठ गया है। इसकी भरपाई क्या समाज के वैसे अराजक तत्व उठा पाएंगे, जिनके वजह से यह घटना हुई है।
यही हाल रहा तो समाज में डॉक्टर नहीं मिलेंगे
डॉ अनूप शर्मा ने कहा कि यही हाल रहा तो आज से लगभग 20 वर्ष के बाद किसी के इलाज करने के लिए डॉक्टर नहीं होंगे। क्योंकि कोरोना संक्रमण के बाद समाज को अपनी जान की परवाह किए बगैर बचाने वाले डॉक्टरों की यह गति होगी, कोई सोच भी नहीं सकता। आखिर लोग डॉक्टर क्यों बनेंगे मार खाने के लिए, या जान देने के लिए।
परिवार के साथ बाहर यात्रा करने पर हो रहा था विचार, और हो गई घटना
डॉ अनूप शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण लगभग 2 वर्षों से कहीं पर भी परिवार के साथ हम लोग घूम नहीं पाए थे। इस बार सभी लोग कहीं बाहर जाकर घूमने का प्लान कर रहे थे। अर्चना शर्मा की मौत से दो-तीन दिन पहले ही बातचीत भी हुई थी। दोनों बहन के बीच में अक्सर बातचीत हुआ करती थी। लेकिन आखिरकार मनहूस सूचना हम लोगों को मिल गई।
मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर ने लगाया काला बिल्ला
इधर घटना के बाद धनबाद के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया। शहीद निर्मल महतो मेमोरियल कॉलेज एवं अस्पताल के तमाम डॉक्टरों ने काला बिल्ला लगाकर काम किया। इसके साथ ही डॉक्टर ने राजस्थान सरकार के खिलाफ नारे लगाए। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के साथ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी, और गायनोकोलॉजिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भी विरोध प्रदर्शन किया। शुक्रवार की शाम को सभी जिले के डॉक्टर कैंडल मार्च निकालेंगे। जानकारी देते हुए डॉ रेनू उपाध्याय ने बताया कि घटना से चिकित्सा समुदाय काफी मायूस है। राजस्थान सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

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