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    Dharmendra: 1966 में तोपचांची झील बनी थी फिल्म सेट, धनबाद-कतरास से उमड़ती थी भीड़; माडा के पूर्व कर्मी कयूम अंसारी की जुबानी

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 02:41 AM (IST)

    1966 में अभिनेता धर्मेंद्र की एक फिल्म की शूटिंग तोपचांची झील पर हुई थी, जिससे धनबाद और कतरास से भारी भीड़ उमड़ी थी। माडा के पूर्व कर्मी कयूम अंसारी ने बताया कि शूटिंग के दौरान उत्सव का माहौल था और स्थानीय लोग धर्मेंद्र की एक झलक पाने के लिए उत्साहित थे। यह अनुभव कयूम अंसारी के जीवन का एक यादगार पल था।

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    अवध किशोर मिश्रा, तोपचांची। तोपचांची झील की प्राकृतिक वादियों में फिल्म स्टार धर्मेंद्र सन 1966 में आई फिल्म मोहब्बत जिंदगी है की शूटिंग के लिए तोपचांची आए थे। निर्माता केसी गुलाटी और निदेशक जगदीश नरूला की इस फिल्म में धर्मेंद्र, उस जमाने की खूबसूरत अभिनेत्री राज श्री राजेश्वरी के साथ पूरी यूनिट पहुंची थी।

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    तोपचांची झील की खूबसूरती तथा नैसर्गिक सौंदर्यता को देखकर पूरी फिल्म यूनिट करीब एक माह तक झील के गेस्ट हाउस में ही रुकी थी। झील तथा उसके आस पास ढोलकठा नाला, पवेलियन, लीची बगान सहित कई जगहों पर फिल्म तथा गाने फिल्माए गए थे।

    झील के पास प्राकृतिक वादियों के बीच फिल्म के एक गाने की आधी शूटिंग हुई

    फिल्म में मोहम्मद रफी के द्वारा गाई गई गीत- तुम्हारे मुलाकात से मुझको पता ए चला- कि मेरे भी सीने में है दिल एक धड़कता हुआ- जिसे अभिनेता धर्मेंद्र तथा अभिनेत्री राजश्री राजेश्वरी पर फिल्माया गया था। उस गाने की आधी शूटिंग झील में ही फिल्माई गई थी।

    झील के गेस्ट हाउस में खाना बनाने वाले मरहूम अब्दुल रजाक का पुत्र अब्दुल कयूम अंसारी ने बताया कि उस समय झील झरिया वाटर बोर्ड के अंतर्गत चलता था। मेरे अब्बा झरिया वाटर बोर्ड के कर्मी हुआ करते थे। गेस्ट हाउस में खाना बनाने का काम करते थे।

    1966 में झील में शूटिंग के लिए फिल्म यूनिट की पूरी टीम के साथ धर्मेंद्र, राजश्री राजेश्वरी आई थी। उस समय मेरी उम्र 10 वर्ष थी। अपने अब्बा के साथ मैं भी गेस्ट हाउस जाता था।

    मेरे अब्बा फिल्म कलाकारों के लिए खाना बनाते थे, मैं भी उनके साथ रहता था

    कयूम अंसारी ने बताया कि करीब एक माह तक फिल्म की पूरी यूनिट झील के गेस्ट हाउस में ही रुकी थी। झील, ढोलकता नाला, दो नंबर गेट के साथ कई अन्य जगहों पर फिल्म की शूटिंग हुई थी।

    उन्होंने बताया कि उस समय झील में शूटिंग देखने के लिए झरिया, धनबाद, कतरास, बाघमारा, गोमो सहित कई जगहों के दर्शक आते थे। झील में मेला लगा हुआ रहता था। कयूम अंसारी 1976 से लेकर 2018 तक माडा में फिल्टर ऑपरेटर के रूप में कार्यरत थे।