नहीं हटा स्पेशल का टैग, 1 जनवरी तक चलेगी महंगे किराए वाली धनबाद-भुवनेश्वर ट्रेन
धनबाद-भुवनेश्वर ट्रेन पर स्पेशल टैग बरकरार रहेगा। रेलवे ने इसे 1 जनवरी तक जारी रखने का फैसला किया है, जिससे किराया महंगा रहेगा। यात्रियों को सामान्य से अधिक किराया देना होगा। रेलवे प्रशासन ने अभी तक टैग हटाने का कोई निर्णय नहीं लिया है, जिससे यात्रियों में निराशा है।

नहीं हटा स्पेशल का टैग, 1 जनवरी तक चलेगी महंगे किराए वाली धनबाद-भुवनेश्वर ट्रेन
जागरण संवाददाता, धनबाद। धनबाद से भुवनेश्वर के बीच चलने वाली ट्रेन से स्पेशल का टैग हटने और किराए घटने की उम्मीदें एक बार फिर बेपटरी हो गई हैं। ट्रेन को नियमित बनाने का प्रस्ताव कचरे के ढेर में फेंक दिया गया है। पूर्व तटीय रेल ने शुक्रवार को धनबाद-भुवनेश्वर स्पेशल के फेरे बढ़ाने की घोषणा कर दी है।
भुवनेश्वर से एक से 31 दिसंबर तथा धनबाद से दो दिसंबर से एक जनवरी तक फेरे बढ़ा दिए गए हैं। भुवनेश्वर से धनबाद के लिए 31 दिसंबर तक टिकटों की बुकिंग भी शुरू हो गई है। शनिवार से धनबाद से बुकिंग शुरू होने की संभावना है।
कोरोना काल के 28 महीने बाद चली, तभी से स्पेशल का टैग
कोराना काल में बंद होने के बाद धनबाद-भुवनेश्वर गरीब रथ को 28 महीने बाद 23 अगस्त 2022 को दोबारा चलाने की अनुमति मिली। गरीब रथ के बदले सामान्य एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे के साथ चली पर स्पेशल का टैग लगने का किराया 25 प्रतिशत बढ़ गया।
अब लगभग पांच साल होने को है। रेलवे को अतिरिक्त आमदनी का ऐसा चस्का लगा है कि नियमित ट्रेन के बजाय कभी एक महीने तो कभी दो महीने के लिए फेरे बढ़ाए जा रहे हैं।
अधिक किराया वसूली के बाद भी हर दिन लेट की गारंटी
भुवनेश्वर-धनबाद स्पेशल ट्रेन में किराया अधिक होने के बाद भी हर दिन लेट होने की गारंटी है। शुक्रवार को दिन में 11 बजे के बदले तीन घंटे 57 मिनट देर से दोपहर 2:57 पर आई। विलंब से आने के कारण धनबाद से भुवनेश्वर जानेवाली ट्रेन शाम 4:00 के बदले एक घंटे 13 मिनट 13 मिनट विलंब से शाम 5:13 पर रवाना हुई। इससे पहले नवंबर माह में भी हर दिन घंटों विलंब से आई।
स्पेशल के नाम पर हर फेरे में 1.19 लाख का रेलवे को एक्सट्रा इनकम
धनबाद-भुवनेश्वर की ट्रेन में स्पेशल का टैग लगाकर रेलवे यात्रियों से प्रतिदिन हर फेरे में एक लाख 18 हजार 560 रुपये का एक्सट्रा इनकम कर रही है। स्पेशल का टैग हट गया तो यात्रियों को सामान्य एक्सप्रेस ट्रेन का किराया चुकाना होगा जिससे जेब को राहत मिलेगी।
ऐसे समझे रेलवे की एक्सट्रा इनकम का गणित
- स्लीपर, थर्ड एसी व सेकंड एसी मिलाकर ट्रेन में कुल 816 सीटें
- स्लीपर का किराया 440 के बदले 525, थर्ड एसी 1155 के बदले 1425 और सेकंड एसी 1635 के बजाय 2005 रुपये
- स्लीपर में प्रति यात्री 85, थर्ड एसी 270 तो सेकंड एसी में 370 रुपये की अतिरिक्त वसूली
- स्लीपर की कुल 576 सीटों से 253440 के बदले 3024400 रुपये का किराया वसूली से हर फेरे में 48960 रुपये अधिक
- थर्ड एसी की कुल 192 सीटों से प्रति ट्रिप 221760 रुपये की तुलना में 273600 यानी 51840 रुपये की अधिक वसूली
- सेकंड एसी की 48 सीटों का किराया 78480 के स्थान पर 96240 रुपये यानी 17760 रुपये अतिरिक्त किराया

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