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    रजिस्टर में 53 लेकिन मौके पर मात्र 21 बच्चे, धनबाद के स्कूल में टाट पर एक साथ पांच कक्षाएं

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 03:06 PM (IST)

    धनबाद के एक स्कूल में रजिस्टर में 53 बच्चे दर्ज हैं, लेकिन मौके पर केवल 21 उपस्थित पाए गए। स्कूल में टाट पर ही एक साथ पांच कक्षाओं के संचालन की व्यवस् ...और पढ़ें

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    रजिस्टर में 53 लेकिन मौके पर मात्र 21 बच्चे

    रविशंकर सिंह, धनबाद। कुम्हार टोला भुईयां बस्ती गन्साडीह नंबर 4 का नया प्राथमिक विद्यालय सरकारी स्कूलों की बदहाली व मनमाने ढंग से संचालित होने वाले स्कूल का अनोखा उदाहरण है। मंगलवार को नया प्राथमिक विद्यालय गन्साडीह नंबर–4 में जो हाल मिला, वह सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। 

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    पहली से पांचवीं तक चलने वाले इस स्कूल में कुल 83 बच्चे नामांकित हैं। मंगलवार को स्कूल के रजिस्टर में 53 छात्रों की उपस्थिति दर्ज थी, लेकिन मौके पर महज 21 बच्चे ही मौजूद मिले।

    दैनिक जागरण की टीम जब स्कूल पहुंची तो कुम्हार टोला भुईयां बस्ती स्थित विद्यालय के बरामदे में टाट पर पांचों कक्षाओं के बच्चे एक साथ बैठे मिले। न अलग कक्षा, न व्यवस्थित पढ़ाई। बच्चे अपने मन से लिखते–पढ़ते नजर आए। स्कूल में केवल एक शिक्षक मनोज कुमार मौजूद थे, जो बच्चों को बारी-बारी से समझा रहे थे।

    स्कूल में नहीं बना मिड डे मील

    मिड डे मील और स्कूल की हालत और भी चिंताजनक मिली। मंगलवार को स्कूल में मिड डे मील नहीं बना, क्योंकि रसोइया के नहीं आने की बात कही गई। स्कूल में शौचालय है, लेकिन बंद मिला। छात्राओं ने बताया कि मजबूरी में उन्हें बाहर जाना पड़ता है। 

    कई लड़कियां तो शौचालय नहीं होने से स्कूल आने से भी कतराती हैं। पांचवीं की छात्रा खुशबू कुमारी ने कहा कि उसका सपना डॉक्टर बनने का है। वहीं नीतीश कुमार और काजल कुमारी ने साफ कहा कि मंगलवार को स्कूल में खाना नहीं मिला।

    उखड़े बोर्ड पर कैसे संवरेगा भविष्य

    स्कूल के बरामदे में जहां बच्चे पढ़ने बेठे थे, उसकी दीवार के ब्लैक बोर्ड पर 16 दिसंबर की तारीख लिखी मिली, जबकि बोर्ड उखड़ा मिला। स्कूल भवन पर विद्यालय का नाम तक मिटने के कगार पर है। समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र पासवान ने छात्रों की कम मौजूदगी और अव्यवस्था पर चिंता जताई। 

    हद तो यह है कि छात्रों की उपस्थिति रजिस्टर और हकीकत में जमीन-आसमान का फर्क दिखा। स्कूल से बच्चों और शिक्षकों के बिना सूचना गायब रहने की शिकायतें भी सामने आईं।

    कहते हैं जिम्मेदार

    धनबाद के डीएसई आयुष कुमार ने कहा कि अगर मिड डे मील नहीं बना है और उपस्थिति में गड़बड़ी है तो यह गंभीर मामला है, जांच कर कार्रवाई होगी। 

    वहीं प्रभारी शिक्षिका सुजीता मिश्रा ने सफाई दी कि बगल के स्कूल में शिक्षक की मौत के कारण कुछ लोग वहां गए थे, और रसोइया के नहीं आने से उस दिन खाना नहीं बन सका।