Dhanbad: पर्यावरण को लेकर सेल में लगा लोक सुनवाई, ग्रामीणों ने जताई सहमति
सेल चासनाला के मुख्य महाप्रबंधक मो. अदनान ने बताया की इकाई की पर्यावरणीय प्रबंधन योजना व पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन प्रतिवेदन केन्द्रीय खनन व इंधन अन ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, चासनाला: झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से भारत सरकार के वन व पर्यावरण मंत्रालय की नई अधिसूचना के तहत सेल बीएसएल कोलियरीज के 1.5 एमटीपीए चासनाला भूमिगत कोयला खान सहित चार एमटीपीए कोल वाशरी का संयुक्त पर्यावरण स्वीकृति के लिए शुक्रवार को चासनाला अकादमी स्कूल प्रांगण में लोक सुनवाई हुई। जिसमे भारी संख्या में चासनाला, कांड्रा के ग्रामीणों व कोलियरी से प्रभावित लोगों ने हिस्सा लिया। ग्रामीणों ने पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए लोक-सुनवाई में अपनी सर्वसम्मति जताई।
लोक सुनवाई की अध्यक्षता डीआरडीए धनबाद के निदेशक मुमताज अली अहमद व संचालन सेल राजभाषा प्रभारी केएम तिवारी ने की। कार्यक्रम में झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के क्षेत्रीय पदाधिकारी रामप्रवेश कुमार ने लोक-सुनवाई के उद्देश्यों, प्रक्रिया इत्यादि के संबंध में प्रभावित होने वाले ग्रामीणों को अवगत कराया।
वहीं सेल चासनाला के मुख्य महाप्रबंधक मो. अदनान ने बताया की इकाई की पर्यावरणीय प्रबंधन योजना व पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन प्रतिवेदन केन्द्रीय खनन व इंधन अनुसंधान संस्थान की ओर से तैयार किया गया है। इस संबंध में उनके द्वारा परियोजना व पर्यावरण प्रबंधन, जल, वायु, ध्वनि प्रदूषण इत्यादि पर जानकारी दी गई| जिसके बाद प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय पदाधिकारी ने उपस्थित नागरिकों, ग्रामीणों को अपना विचार रखने के लिए आमंत्रित किया। ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को क्रमवार रखा।
जिसमें मुख्य रूप से रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा, प्रशिक्षण, कौशल विकास, ग्रामीण क्षेत्रों में निगमित सामाजिक दायित्व के अंतर्गत विकास कार्यों को लागू करने की मांग रखी। वार्ड 52 की पूर्व पार्षद प्रियंका देवी ने ग्रामीणों के समस्याओं का निराकरण करने के साथ क्षेत्र के विकाश के लिए बंद खदानों को चालू कर उत्पादन के महत्ता पर जोर दिया। साथ अधिकाधिक पौधारोपण करने की बात कही। कांड्रा के ग्रामीण योगेंद्र महतो ने कहा कि कांड्रा, चासनाला के ग्रामीणों के बेरोजगार युवकों को रोजगार देने, सीएसआर के तहत गांवों का विकाश करने व ढाई साल से बंद कोयला खदानों को तत्काल चालू करने की मांग की। ताकि ठेका मजदूरों को रोजगार मिल सके। चासनाला के ग्रामीण सुंदरलाल महतो ने कहा कि वर्ष 1975 में हुई डीप माइंस खान दुर्घटना के बाद कोयला उत्पादन बंद हो गया था। ग्रामीणों ने अपनी जमीन देकर खदान से उत्पादन शुरू कराया था।
उन्होंने 1977 के समझौता के तहत ग्रामीणों का हक देने, ग्रामीण बेरोजगारों को रोजगार व गांवों के विकास पर जोर दिया। वहीं दुर्गा दास ओझा, दिलीप ओझा, मुरारी मोहन झा, सफाउल्लाह खान, रंजय सिंह, बिरंची महतो, अमर सिंह, प्रदीप महतो, विकाश ओझा, संजय सिंह, सुधीर सिंह, धनंजय सिंह, बमभोली सिंह, नमिता देवी आदि ने भी विचार रखे। जिसपर सेल चासनाला के सीजीएम मो. अदनान ने कंपनी के नियमानुसार ग्रामीणों के उठाए गए मुद्दों पर समाधान हेतू सेल की ओर से प्रतिबद्धता जताई।
डीआरडीए के निदेशक मुमताज अली अहमद ने सेल प्रबंधन की ओर से दिए गए आश्वासन कि सराहना की। कहा कि प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों से समन्वय बनाकर इस क्षेत्र का विकास करने का निर्देश दिया। लोक सुनवाई में झरिया सीओ परमेश कुमार कुशवाहा, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के कुमार आशुतोष, सिंफर के वैज्ञानिक प्रिंसिपल सिद्दार्थ सिंह, अभय सिंह के अलावे सेल के मुख्य महाप्रबंधक कार्मिक व प्रशासनिक संजय तिवारी, शिवराम बनर्जी, एसएस सिंह, एएनजी हेंब्रम, हीरालाल गुप्ता, संजय कुमार, आदित्य कुमार सिंह, यूके कुलकर्णी, अजय चौधरी, मनीष कुमार, विद्याभूषण पांडेय, दीपक कुमार, पंकज मंडल, एसबी चौधरी, शैलेश कुमार, वरुण कुमार, अखिकेश कुमार, चिन्मय बंशल, पीएनपी बारीक, राहुल सिंह, पंकज कुमार आदि थे।

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