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    अस्‍पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहे थानेदार, फिर भी दिग्गजों पर हाथ नहीं डाल रही धनबाद पुलिस

    By Deepak Kumar PandeyEdited By:
    Updated: Sat, 03 Sep 2022 04:24 PM (IST)

    सिंदरी के शहरपुरा में 25 अगस्त को हथियारबंद ग्रामीणों के हमले से बुरी तरह से जख्मी भौंरा ओपी प्रभारी हिमांशु कुमार मिशन अस्पताल दुर्गापुर में जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। उनकी हालत इतनी गंभीर है कि उन्हें बाहर नहीं ले जाया जा रहा है।

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    किसी भी बड़े पुलिस अधिकारी को जांच का जिम्मा अब तक नहीं दिया गया है।

    जागरण संवाददाता, धनबाद: सिंदरी के शहरपुरा में 25 अगस्त को हथियारबंद ग्रामीणों के हमले से बुरी तरह से जख्मी भौंरा ओपी प्रभारी हिमांशु कुमार मिशन अस्पताल दुर्गापुर में जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। उनकी हालत इतनी गंभीर है कि उन्हें बाहर नहीं ले जाया जा रहा है। इधर इस कांड के अनुसंधान में एक सप्ताह बाद भी पुलिस तेजी नहीं ला सकी है। ना ही उग्र भीड़ का नेतृत्व करने वाले दर्जनों राजनीतिक नेताओं में से एक को भी पुलिस आज तक गिरफ्तार कर सकी है। अनुसंधान के नाम पर सिंदरी के थानेदार सह इंस्पेक्टर सुरेश प्रसाद आरोपितों का मोबाइल नंबर ही जुटाने में अभी तक लगे हुए हैं। किसी भी बड़े पुलिस अधिकारी को जांच का जिम्मा अब तक नहीं दिया गया है। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पुलिस इस कांड के अनुसंधान को लेकर कितना गंभीर है।

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    सिंदरी कांड के तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल जरूर भेजा है लेकिन उनमें से कोई भी भीड़ की अगुवाई करने वाला नहीं है। चार बार सिंदरी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मासस के केंद्रीय अध्यक्ष आनंद महतो के पुत्र बबलू महतो, खतियानी आंदोलन से सुर्खियों में आने वाले जयराम महतो, मासस नेता जगदीश रवानी, इंटक नेता व ट्रांसपोर्टर संतोष चौधरी, इस पूरे बवाल का केंद्र बिंदु रहे भाजपा के पूर्व विधायक संजीव सिंह के समर्थक लक्की सिंह समेत विभिन्न पार्टियों के तीन दर्जन से अधिक नेता जो इस कांड के नामजद आरोपित हैं, पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने का साहस नहीं जुटा पा रही है। किसी भी नेता की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कोशिश तक नहीं की है। ना ही ऐसा दबाव बनाया है जिससे डर कर किसी ने अदालत में आत्मसमर्पण किया है।

    हद तो यह है कि आरोपित खतियानी नेता जयराम महतो ने भौंरा एवं पुटकी में बड़ी सभा को संबोधित कर ऐलान कर दिया है कि सिंदरी उनके लिए प्रतिष्ठा का विषय है। सिंदरी का मुद्दा वह नहीं छोड़ेंगे। जयराम महतो सभा कर चले गए, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने या पूछताछ करने की भी कोशिश नहीं की। इधर पुलिस लक्की सिंह के सिंदरी शहरपुरा स्थित कार्यालय पर 24 घंटे पहरा दे रही है। लक्की सिंह पर सिंदरी थाना पुलिस पर इस कदर मेहरबान है कि एफसीआई प्रबंधन की लिखित शिकायत के बावजूद पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। प्रबंधन ने लक्की सिंह पर कंपनी के मैदान पर कब्जा करने एवं कंपनी क्वार्टर के ऊपर छत पर भवन बनाने का आरोप लगाया है।

    विदित हो कि सिंदरी के दबंग लक्की सिंह ने झामुमो के संस्थापक बिनोद बिहारी महतो के रिश्तेदार एवं बड़दहा बलियापुर निवासी किरण महतो की बुरी तरह पिटाई की थी। सिंदरी थाना पुलिस ने इसके बावजूद लक्की सिंह पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसके विरोध में बलियापुर के ग्रामीणों ने 25 अगस्त को लक्की सिंह के सिंदरी शहरपुरा स्थित कार्यालय पर हमला करने का एलान किया था। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार बलियापुर के आक्रोशित हथियारबंद हजारों ग्रामीणों ने लक्की सिंह के कार्यालय पर हमला व तोड़फोड़ कर हिंसक प्रदर्शन किया था। इस दौरान पथराव में भौंरा ओपी प्रभारी हिमांशु कुमार के सिर में चोट लगने से वे गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। सिंदरी व पाथरडीह के थाना प्रभारी भी जख्मी हुए थे। गंभीर हालत को देखते हुए भौंरा ओपी प्रभारी हिमांशु कुमार को दुर्गापुर मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत अति गंभीर है। इस कारण, उन्हें बाहर इलाज के लिए नहीं ले जाया जा रहा है।