Dhanbad: मैटिक्स फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड के चेयरमैन बने निशांत कनोदिया
मैटिक्स फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड के प्रोमोटर निशांत कनोदिया को कंपनी का चेयरमैन बनाया गया है। वे स्वर्गीय योगेंद्र कनोदिया का स्थान लेंगे। न ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, आसनसोल : मैटिक्स फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड के प्रोमोटर निशांत कनोदिया को कंपनी का चेयरमैन बनाया गया है। वे स्वर्गीय योगेंद्र कनोदिया का स्थान लेंगे। निशांत कनोदिया वाइस चेयरमैन की अपनी पिछली भूमिका में मैटिक्स को रणनीतिक निर्देश देते रहे थे। इसमें उनका फोकस पूंजी जुटाना, विकास और विविधीकरण पर होता था और इसी के परिणामस्वरूप कंपनी अपनी मौजूदा स्थिति में पहुंची है और भारत की सबसे तेजी से बढ़ती उर्वरक कंपनियों में से एक है। कनोदिया मैटिक्स की कायापलट (टर्नअराउंड) का नेतृत्व करते रहे हैं। इसमें उर्वरक उद्योग में सफल और अनुभवी ट्रैक रिकॉर्ड के साथ पेशेवर और अनुभवी नेतृत्व को शामिल करना इनवोल्ब है।
कनोदिया व्हार्टन स्कूल, पेनसिलवेनिया विश्वविद्यालय, अमेरिका से एमबीए हैं और आंत्रप्रेन्योर्स ऑर्गनाइजेशन (ईओ) तथा यंग प्रेसिडेंट ऑर्गनाइजेशन (वाईपीओ) के मुंबई चैप्टर के सदस्य हैं। निशांत कनोदिया की टिप्पणी कनोदिया ने कहा यह एक सम्मान और सौभाग्य की बात है कि मैटिक्स के बोर्ड ने मुझे यह विशेष जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने आगे कहा मैं यह सुनिश्चित करने के प्रयास करूंगा कि कंपनी न सिर्फ़ विकास और लाभदेयता पर ध्यान केंद्रित रखे बल्कि पेशेवर प्रबंधन, शासन, निरंतरता और सामाजिक जिम्मेदारी के मानक भी स्थापित करें।
प्रबंध निदेशक मनोज मिश्रा ने कहा कि मैटिक्स का वर्तमान विकास प्रक्षेपवक्र निशांत कनोदिया की दृष्टि, गतिशीलता, प्रतिबद्धता और जनोन्मुखी होने के कारण है। हम मैटिक्स को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए उनके रणनीतिक मार्गदर्शन और निर्देशन का इंतजार कर रहे हैं।
मैटिक्स फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड भारत की सबसे तेजी से बढ़ती उर्वरक कंपनियों में से एक है। मैटिक्स पश्चिम बंगाल के पानागढ़ स्थित पूरी तरह एकीकृत, गैस आधारित यूरिया संयंत्र की स्वामी है और उसका परिचालन करती है, जिसकी 1.27 एमटीपीए क्षमता से भारत के सबसे बड़े "सिंगल स्ट्रीम" उर्वरक संयंत्रों में से एक बनाती है। मैटिक्स का "डॉ फसल" ब्रांड भारत के पूर्वी बाजार में यूरिया उर्वरक के लिए अग्रणी है और बाजार में इसकी हिस्सेदारी 25% है और यह करीब 700 डीलर के मजबूत वितरण नेटवर्क द्वारा संचालित है।
इस प्लांट में 54 मेगावाट की एक कैप्टिव ऊर्जा इकाई, दोहरी रेक वाली रेलवे स्लाइडिंग तथा यूटिलिटीज हैं जो करीब 500 एकड़ के परिसर में फैली हुई हैं। कंपनी का भारत की सबसे बड़ी गैस आपूर्ति कंपनी गेल के साथ 20 साल का दीर्घकालिक गैस आपूर्ति करार है। यूरिया के लिए भारत सरकार की नई निवेश नीति के तहत संयंत्र को हरित क्षेत्र परियोजना के रूप में शामिल किया गया है।

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