धनबाद की मतदाता सूची में गड़बड़ियों का अंबार, महिला को पुरुष बताया और एक नाम पर दो-दो आईडी
धनबाद नगर निगम चुनाव की तैयारी में मतदाता सूची में भारी गड़बड़ियां सामने आई हैं। कई मतदाताओं के लिंग गलत दर्शाए गए हैं और कुछ के दो-दो वोटर आईडी हैं। जो लोग धनबाद छोड़ चुके हैं उनके नाम भी सूची में हैं। इससे बीएलओ की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। चुनाव जनवरी 2026 में होने की संभावना है।

बलवंत कुमार, धनबाद। राज्य में नगर निकाय चुनाव जनवरी 2026 में होना संभावित है। यह चुनाव पंचायती राज विभाग के स्तर से नगर निकायों में कराया जाएगा।
इसी कड़ी में धनबाद नगर निगम और चिरकुंडा नगर परिषद में चुनाव को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। जिला स्तर पर विभिन्न कोषांग का गठन के साथ ही वार्डवार बूथ और मतदाताओं की सूची भी प्रकाशित की जा चुकी है, जबकि इस मतदाता सूची में काफी गड़बड़ियां हैं।
महिला और पुरुषों का लिंग बदल गया है, तो कई ऐसे भी हैं जिनके नाम से दो-दो वोटर आईडी नंबर जारी है।
सैकड़ों ऐसे लोगों का भी नाम है जो एक दशक से अधिक समय पहले ही धनबाद छोड़ चुके हैं। ऐसे में मतदाता सूची में सुधार को लेकर काम करने वाले बीएलओ की कार्यशैली संदेह के घेरे में आ चुकी है।
महिला का लिंग बताया पुरुष
धनबाद नगर निगम क्षेत्र के सभी 55 वार्डों की मतदाता सूची जिला प्रशासन की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। हर वार्ड के मतदाताओं की जानकारी है। इस सूची को मतदान केंद्र स्तर पर भी प्रकाशित किया जा चुका है। लेकिन अब इसकी गलतियां सामने आ रही हैं।
उदाहरण के तौर पर वार्ड नौ के मतदाता अजीत कुमार यादव, सुनील कुमार यादव, हुसैन शाह, नरेश प्रसाद को जहां महिला बताया गया है, वहीं उषा देवी, हिना परवीन, रूबी परवीन मतदाता सूची के अनुसार पुरुष हैं।
यह स्थिति इस वार्ड के केवल एक मतदान केंद्र की है। जबकि ऐसे आधा दर्जन मतदान केंद्र इस वार्ड क्षेत्र में हैं।
एक नाम पर दो-दो वोटर कार्ड
लिंग में भेद होने के साथ ही कई ऐसे भी मतदाता हैं जिनके नाम पर दो-दो वोटर आइडी नंबर जारी हुआ है। इनमें राहित कुमार यादव, सुजीत कुमार यादव, प्रवेश कुमार यादव, दिलीप यादव, सुनील कुमार पासवान समेत कई अन्य नाम शामिल हैं।
मतदाता सूची में वैसे कई लोग भी शामिल हैं जो बीसीसीएल से सेवानिवृत्त होने के बाद धनबाद छोड़ अपने गांव में जाकर बस गए।
बीएलओ की कार्यशैली पर सवाल
मतदाता सूची में सुधार अथवा किसी भी तरह के बदलाव की जिम्मेवारी सीधे रूप से बीएलओ की होती है। जो लोग बीएलओ तक नहीं पहुंच पाते उन तक जाने के लिए भी बीएलओ जिम्मेवार है, जबकि मतदाता सूची से यह साफ पता चलता है कि बीएलओ मतदाताओं तक पहुंचने में कामयाब नहीं रहे।
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