निरसा के इस गांव में पास-पास हैं मंदिर-मस्जिद, साथ-साथ होती है पूजा और इबादत; गोकशी से गांव में हुआ था बवाल
भुरकुंडाबाड़ी एक ऐसा गांव है जो अपने आपसी भाईचारे के लिए जाना जाता रहा है लेकिन रामनवमी की घटना ने गांव की छवि को नुकसान पहुंचाया है। इस घटना के बाद दोनों समुदाय के लोग बेहद दुखी है उनका मानना है कि उनके बीच कोई दरार नहीं डाल सकता है।

रामजी यादव, धनबाद: निरसा का भुरकुंडाबाड़ी गांव एक ऐसा गांव है, जहां भाईचारे की डोर बहुत मजबूत है और पूरा गांव इस मजबूत डोर में बंधा हुआ है। गांव में मंदिर और मस्जिद दोनों पास-पास हैं। एक तरफ जहां हिंदू मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं वहीं दूसरी ओर मुस्लिम मस्जिदों में अजान पढ़ते हैं।
दोनों समुदाय एक दूसरे के धर्मस्थलों का करते हैं सम्मान
हिंदू और मुस्लिम दोनों एक दूसरे के धर्मस्थलों का आदर करते हैं। गांववालों में प्रेम ऐसा कि पूरा गांव एक परिवार की तरह रहता है। इसके साथ ही सभी साथ बैठकर अपना सुख-दुख बांटते हैं।
पर्व-त्योहार में भी एक दूसरे का सहयोग करते हैं। इनका सद्भाव देख कोई सोच भी नहीं सकता था कि इतने शांतिप्रिय गांव में गोकशी की घटना के बाद बवाल होगा। रामनवमी के दिन गांव में जो अशांति फैली इससे पूरा गांव मर्माहत है।
गांव के लोगों ने प्रशासन से दोषियों पर कार्रवाई करने की लगाई गुहार
गांववाले कहते हैं कि गांव को न जाने किसकी नजर लग गई। हालांकि गांव वालों का कहना है कि हम एकजुट हैं और ऐसे लोगों के हौसले हम पस्त कर देंगे।
पहले मिलजुलकर रहते थे और आगे भी मिलजुलकर ही रहेंगे। गांव वालों कहना है कि प्रशासन भी इसमें अपनी भूमिका निभाए, जिन लोगों ने दिलों के बीच दीवार खड़ी करने की कोशिश की, उनको उनके अंजाम तक पहुंचाए।
जागरण संवाददाता ने लोगों से की बात
शनिवार को जब जागरण संवाददाता गांव पहुंचा तो मस्जिद से नमाज पढ़कर लोग निकले थे। बातचीत शुरू की तो वे भी खुलने लगे। बताया कि चंद लोगों ने पूरे गांव को बदनाम कर दिया है। दूसरे गांव से भी लोग आए थे, उन लोगों ने आग में घी डालने की कोशिश की। पुलिस वाहन को भी नुकसान पहुंचाया।
मस्जिद मे अजान होती तो बंद कर देते मंदिर का बाजा
गांव में स्वपन भंडारी की राशन की दुकान है। घटना से वे भी परेशान हैं। वे कहते हैं कि गांव में मंदिर-मस्जिद पर तो कभी विवाद ही नहीं हुआ। गांव की मस्जिद में अजान होती है तो हम मंदिर का बाजा यदि बज रहा होता है तो उसे बंद कर देते हैं।
काली पूजा में मुस्लिम भी करते हैं सहयोग
मुस्लिम भाई काली पूजा में हमारा सहयोग करते हैं। शांति भंग करनेवालों को प्रशासन दंडित करे। कोल कंपनी में काम करनेवाले तारापदो भंडारी भी दुखी हैं। वे कहते हैं कि गांव में गोकशी हुई है। इसमें गांव के कुछ लोग शामिल हैं, इस बात पर सहज विश्वास नहीं होता है। इसके बाद बवाल हो गया। हम तो एक-दूसरे से आंख तक नहीं मिला पा रहे।
मिलकर कायम रखेंगे भाईचारा
गांव के जनवितरण प्रणाली दुकानदार सुबोध भंडारी कहते हैं कि हम सब हमेशा एक साथ बैठते हैं। दुख-सुख बांटते हैं। ऐसी घटना दिल को चोट पहुंचा गई है। गांव में पहले कभी ऐसी घटना नहीं हुई। हम सब मिलकर भाईचारा कायम रखेंगे। प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई करे।
सिरफिरों ने की दरार डालने की कोशिश
गांव के सेवानिवृत कर्मी जावेद अंसारी कहते हैं कि कुछ सिरफिरे लोगों ने आपसी प्रेम में दरार डालने की कोशिश की है। प्रशासन दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे। हम गांव वाले पहले भी मिलजुलकर रहते थे और आगे भी मिलजुलकर रहेंगे।
सद्भाव की परंपरा को बढ़ाएंगे आगे
गांव के इदरीस अंसारी का भी मानना है कि हम सब सभी पर्व मिलकर मनाते रहे हैं। इस परंपरा को आगे भी कायम रखेंगे। आपस में बैठक कर गांव का माहौल पहले की तरह करेंगे। पुलिस उन लोगों को दंडित करे, जो इस घटना के जिम्मेदार हैं।

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