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    रेलवे ने टिकट बुकिंग नियमों में फिर किया बदलाव, मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए नई व्यवस्था लागू

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 07:00 AM (IST)

    रेलवे ने आरक्षित टिकट बुकिंग नियमों में बदलाव किया है जिससे स्लीपर और एसी श्रेणियों में वेटिंगलिस्ट टिकटों की सीमा बढ़ गई है। सामान्य कोटे से 40% से 60% अधिक वेटिंगलिस्ट टिकट जारी होंगे। राजधानी और दुरंतो को छोड़कर यह नियम सभी मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों पर लागू है। पहले टिकट बुकिंग 20-25% तक कम हो गई थी पर अब इसमें सुधार होने की संभावना है।

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    रेलवे ने टिकट बुकिंग नियमों में फिर किया बदलाव, मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए नई व्यवस्था लागू

    जागरण संवाददाता, धनबाद। रेलवे ने आरक्षित श्रेणी की टिकट बुकिंग में एक बार फिर बड़ा बदलाव किया है। स्लीपर से एसी तक की सभी श्रेणियों में 25 प्रतिशत तक वेटिंगलिस्ट वाले टिकट जारी करने के नियम बदल दिए हैं। ट्रेन के चलने वाले स्टेशन से लेकर बीच के स्टेशन पर भी यह व्यवस्था लागू हो गई है।

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    जिस स्टेशन पर जिस ट्रेन का जितना सामान्य कोटा है, स्लीपर और सेकेंड सीटिंग (2एस) में उससे 40 प्रतिशत अधिक वेटिंगलिस्ट टिकट जारी होंगे। 40 प्रतिशत अधिक वेटिंगलिस्ट जारी होने के बाद नो रूम हो जाएगा। सेकेंड एसी, थर्ड एसी, थर्ड एसी इकोनामी तथा एसी चेयर कार में सामान्य कोटे की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक वेटिंगलिस्ट टिकट जारी किया जाएगा।

    राजधानी व दुरंतो एक्सप्रेस छोड़ अन्य सभी मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में नई व्यवस्था प्रभावी हो गई है। वेटिंगलिस्ट टिकट 25 प्रतिशत तक सीमित किए जाने से यात्रियों को टिकट मिलना मुश्किल हो गया था। ज्यादातर ट्रेनों में दो महीने पहले ही नो रूम हो जा रहे थे। नई व्यवस्था से नो रूम के झंझट से छुटकारा मिल गया है।

    वेल्लूर जानेवाले मरीज और मुंबई के यात्रियों को मिलने लगे वेटिंगलिस्ट टिकट

    वेटिंगलिस्ट टिकट सीमित किए जाने से सबसे अधिक परेशानी धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस और हावड़ा-मुंबई मेल के यात्रियों को हो रही थी। अलेप्पी एक्सप्रेस में दो महीने पहले नो रूम हो जाने से इलाज कराने वेल्लूर जाने वाले मरीजों को दुश्वारियां झेलनी पड़ रही थी, क्योंकि वेटिंग टिकट भी मिलना बंद हो गया था।

    यही हाल मुंबई जानेवाले यात्रियों की थी। अब दोनों ट्रेनों में अलग-अलग दिनों में वेटिंगलिस्ट टिकट मिलने लगे हैं।

    राजधानी व दुरंतो एक्सप्रेस के थर्ड व सेकेंड एसी में 40 प्रतिशत तक वेटिंगलिस्ट टिकट

    राजधानी और दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों में भी वेटिंगलिस्ट टिकट 25 प्रतिशत ही जारी हो रहे थे। इस वजह से हावड़ा-नई दिल्ली व सियालदह-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस के साथ सियालदह-बीकानेर दुरंतो एक्सप्रेस में ही ज्यादातर दिनों में नो रूम की स्थिति बन गई थी।

    इन ट्रेनों में भी वेटिंग टिकट मिलना मुश्किल हो गया था। अब इन ट्रेनों में थर्ड व सेकेंड एसी में 40 प्रतिशत तक वेटिंगलिस्ट टिकट जारी होने लगे हैं।

    ऐसे समझें-

    पहले धनबाद से खुलने या गुजरने वाली किसी ट्रेन में स्लीपर में 20, थर्ड एसी 10 व सेकेंड एसी में आठ जनरल कोटा है तो स्लीपर में जनरल कोटे की 20 सीटों की बुकिंग के बाद केवल पांच-छह टिकट ही वेटिंगलिस्ट जारी होते थे।

    थर्ड एसी में जनरल कोटे की 10 सीटों के बाद तीन से चार टिकट व सेकेंड एसी में दो से तीन ही वेटिंगलिस्ट टिकट जारी हो पाता था। अब सभी श्रेणियों ने अधिक वेटिंगलिस्ट जारी होने लगे हैं।

    20-25 प्रतिशत तक कम हो गई थी टिकट बुकिंग, नियम बदलते ही बढ़ने लगा ग्राफ

    वेटिंगलिस्ट टिकट सीमित किए जाने से टिकटों की बुकिंग 20-25 प्रतिशत तक कम हो गई थी। धनबाद के रेलवे आरक्षण केंद्र पर ही इसका असर पड़ा था। प्रतिदिन 700-800 टिकट जारी होते हैं जो 200 से 300 तक कम हो गए थे। नियम बदलने से अब टिकट बुकिंग का ग्राफ बढ़ने लगा है।

    किन ट्रेनों में कितने प्रतिशत वेटिंगलिस्ट टिकट?
    श्रेणी मेल-एक्सप्रेस राजधानी-दुरंतो
    फर्स्ट एसी 100 प्रतिशत 60 प्रतिशत
    सेकेंड एसी 60 प्रतिशत 40 प्रतिशत
    थर्ड एसी, इकोनॉमी, एसी चेयर कार 60 प्रतिशत 40 प्रतिशत
    स्लीपर व 2एस 40 प्रतिशत -