भूली के खेल के मैदान में बन गए मकान
श्रमिक नगरी में लाखों की आबादी होने के बाद भी यहां एक भी पार्क नहीं है।
सौरभ पांडेय, भूली : श्रमिक नगरी में लाखों की आबादी होने के बाद भी यहां एक भी पार्क नहीं है। यहां के बच्चे और युवाओं को खेलने के लिए बिरसा पार्क आना पड़ता है। छोटे बच्चे तो गलियों या सड़कों पर खेलने को मजबूर हैं। ऐसे में कई बार दुर्घटना का भी खतरा हो जाता है। वैसे, भूली में पहले दो बड़े पार्क थे, लेकिन अब ये अतिक्रमण का शिकार हो चुके हैं। पुराने पार्क बिरसा मुंडा पार्क से भी अच्छे थे, जिनकी रखवाली के लिए बीसीसीएल के द्वारा सुरक्षा कर्मी भी तैनात किए गए थे, लेकिन अब इनका अस्तित्व समाप्त हो चुका है। पार्क के मैदान में अतिक्रमण कर कई निर्माण कर दिया गया है। कहीं पानी टंकी बना दिया गया तो कहीं मैरिज हाल तक का निर्माण कर दिया गया। बाकी बचे जगहों में अब लोग अपने-अपने घरों का कचरा फेंक रहे हैं। इनमें एक पार्क भूली डी ब्लाक मध्य विद्यालय के समीप था और दूसरा बी ब्लाक न्यू बी टाइप के समीप। बच्चे और युवा यहां सुबह-शाम खेलने आते थे। डी ब्लाक पार्क भूली का सबसे बड़ा पार्क था। पार्क में लगे लोहा के उपकरण चोरी हो गए। पार्क में लगा स्ट्रीट लाइट के खंभे तक को काट कर ले जाया गया। दोनों पार्क को लेकर हमेशा से बीटीए प्रबंधन लापरवाह बना रहा और सुरक्षा मानकों की अनदेखी की। जिसके कारण दोनों पार्क का लोहा चोरी हो गया। न्यू बी एल कालोनी के पार्क में कई बार पौधारोपण किया गया। आज एक भी पेड़ नही है। लोग अब एमपीआइ ग्राउंड या थाना मैदान में वाक के लिए आते हैं। उस ग्राउंड की हालत भी ठीक नही है। रात में शराब पीकर बोतल फोड़ दिए जाने से ग्राउंड का बड़ा हिस्सा टूटे कांच से भरा हुआ रहता है। कहते हैं लोग
भूली में एक भी पार्क नहीं है जहां आप शाम के वक्त या सुबह के वक्त शांति से घूम सकते हैं। दोनों पार्क अब खत्म हो गया। डी ब्लाक पार्क में कचरा डंप किया जा रहा है।
महेंद्र महतो, डी ब्लाक बच्चो के लिए भूली में एक पार्क तक नहीं है। बढ़ती आबादी के साथ ही बच्चों के खेलने लायक जगह भी नही बची है। बच्चे क्रिकेट या फूटबाल जैसे खेल तो भूल गए हैं।
पवन कुमार, भूली निवासी पार्क के अभाव मे यहां के लोगों को सुबह में टहलने के लिए सड़कों पर निकलना पड़ता है, जिससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती हैं। कई लोग तो वाहनों की चपेट में आकर घायल भी हो चुके है।
सरजू सिंह, आरसीएमएस अध्यक्ष बीसीसीएल की उदासीनता के कारण भूली के लोगों की यह दुर्दशा है। यहां के बच्चों एवं युवाओं को खेलने तथा बुजुर्गों को टहलने के लिए एक मैदान तक नहीं हैं। यहां के बुजुर्गों को मार्निंग वाक के लिए बाईपास रोड जाना पड़ता है।
महेश सिंह, भाजपा नेता