katras: अवैध खनन से शबरी बस्ती में मची तबाही, जमीन धंसने से दो घर जमींदोज; खतरे में 12 परिवार
धनबाद के कतरास में अवैध कोयला खनन के कारण शबरी बस्ती में बड़ा भू-धंसान हुआ। इस हादसे में दो घर पूरी तरह जमींदोज हो गए और 12 घर असुरक्षित घोषित किए गए। पीड़ितों में से एक अरुण रजक ने अपने परिवार को छत तोड़कर बचाया। घटना के बाद लोगों में दहशत है और उन्होंने प्रशासन से पुनर्वास और अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग की है।

जागरण संवाददाता, कतरास। अवैध कोयला उत्खनन का काला धंधा एक बार फिर अपनी खतरनाक हकीकत दिखा रहा है। सिजुआ क्षेत्र अंतर्गत मोदीडीह कोलियरी के नया श्यामबाजार स्थित शबरी बस्ती में सोमवार तड़के करीब तीन बजे एक बड़ा हादसा हुआ, जब जोरदार आवाज के साथ भू-धंसान हुआ।
इस घटना में दो घर पूरी तरह से जमींदोज हो गए, जबकि आसपास की जमीन में गहरी दरारें पड़ गईं। इस हादसे में कुल 12 घर असुरक्षित क्षेत्र के दायरे में आ गए हैं, जिससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।
छतिग्रस्त आवास
अचानक हुई इस घटना से बस्ती में भगदड़ मच गई और लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। मौके पर पहुंचे आस-पड़ोस के लोगों ने क्षतिग्रस्त घरों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
पीड़ितों में सबसे ज्यादा प्रभावित अरुण रजक ने कांपते हुए बताया, सुबह तीन बजे हम सो रहे थे, तभी अचानक दरवाजा जोर-जोर से हिलने लगा और जोरदार आवाज के साथ जमीन फटने लगी।
"मेरा बेटा आलोक कुमार और बहू कल्याणी देवी ने तुरंत एस्बेस्टस की सीट तोड़कर छत से तीन बच्चों और खुद को बाहर निकाला। मेरी पत्नी गीता देवी, मां कबूतरी देवी और बेटी खुशबू किसी तरह सड़क पर पहुंचीं। इस दौरान मेरी मां और बेटी को हल्की चोटें भी आईं।"
अरुण रजक की आपबीती यहीं खत्म नहीं होती। उन्होंने बताया कि उनके घर की दीवारें गिरने लगी थीं, जिसके बाद उन्होंने मिलकर घर का कुछ सामान बाहर निकाला, लेकिन एक कमरे में रखा खाने-पीने का सामान और अन्य चीजें मलबे में दब गईं।
बगल में रहने वाले गोविंद भुइयां का घर भी पूरी तरह से जमींदोज हो गया था, और लोगों ने आनन-फानन में उनके गोशाला में बंधी गाय को भी भू-धंसान स्थल से सुरक्षित हटाया।
प्रशासन की चुप्पी और अवैध खनन का तांडव
इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही और अवैध कोयला कारोबारियों के दुस्साहस को उजागर कर दिया है। यह भू-धंसान सीधे तौर पर अवैध खनन के कारण जमीन के खोखला होने से हुआ है।
कोलियरी प्रबंधन ने घटना के बाद हड़बड़ी में ओबी डंप कर मोदीडीह छह नंबर के पास खुले एक अवैध खनन मुहाने की भराई करा दी। यह वही मुहाना है जिसकी 23 जुलाई को नोडल अधिकारी, सीआईएसएफ और जोगता थाना की पुलिस ने संयुक्त रूप से भराई कराई थी, लेकिन तस्करों ने उसे फिर से खोल दिया था।
जेसीबी व हाइवा की मदद से ओबी डाल कर अवैध मुहाना बंद करवाते अधिकारी
यह घटना इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि यह पहली बार नहीं है। 2006 में भी इसी शबरी बस्ती में भू-धंसान हुआ था, जिसमें अरुण रजक का घर क्षतिग्रस्त हुआ था, और इस बार फिर उन्हीं का घर प्रभावित हुआ है।
यह बात साफ बताती है कि पिछले 19 सालों से इस इलाके में खनन के कारण भूंधसान का खतरा बना हुआ है, लेकिन इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
मोदीडीह कोलियरी के प्रभारी पीओ संजय नंदा ने बताया कि यह पुराना माइंस चला हुआ है और बारिश के कारण जमीन बैठने से यह घटना घटी है। उन्होंने सभी प्रभावित परिवारों को जल्द ही दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने का आश्वासन दिया।
विधायक ने पीड़ितों को दिया आश्वासन
घटना की खबर मिलते ही विधायक शत्रुघ्न महतो तुरंत मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सिजुआ क्षेत्र के महाप्रबंधक निर्झर चक्रवर्ती से तत्काल प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने का निर्देश दिया। विधायक ने घटनास्थल का जायजा लिया और कहा कि जल्द ही यहां रह रहे सभी परिवारों को दूसरे जगह पर स्थानांतरित किया जाएगा।
प्रभावितों से जानकारी लेते बाघमारा विधायक
इस बीच, मोदीडीह कोलियरी के धौड़ा सुपरवाइजर नीरज गुप्ता ने प्रभावित परिवारों सहित 12 परिवारों की एक सूची तैयार कर प्रबंधन को सौंप दी है, जिन्हें तत्काल पुनर्वास की आवश्यकता है। इन परिवारों में अरुण रजक, गोविंद भुइयां, धर्मा भुइयां, भोला भुइयां, बैजू भुइयां, सुभाष चौहान, मुन्ना भुइयां, किशोर भुइयां, नंदू चौहान, मालो देवी, पुनुर भुइयां और आलोक कुमार रजक शामिल हैं।
फिलहाल अरुण रजक को पास के एक सामुदायिक भवन में अस्थायी तौर पर ठहराया गया है। स्थानीय लोगों और ग्रामीणों ने प्रशासन से सुरक्षित पुनर्वास और अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि इस तरह के जानलेवा हादसे भविष्य में दोबारा न हों। उनका कहना है कि जब तक इस संगठित अपराध पर लगाम नहीं लगाई जाती, तब तक उनकी जान और माल दोनों खतरे में रहेंगे।
सांसद प्रतिनिधि का विरोध
सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के प्रतिनिधि सचिन महतो अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे और प्रभावित परिवारों के लिए शीघ्र पुनर्वास की मांग की। उन्होंने समतलीकरण कार्य का विरोध किया, जिस पर सीआईएसएफ जवानों और जोगता थाना की पुलिस के साथ उनकी बहस हो गई।
सांसद प्रतिनिधि सचिन महतो प्रभावित परिवारों के लिए शीघ्र पुनर्वास की मांग को लेकर सीआईएसएफ से उलझते हुए।
इसके बाद प्रभावित परिवारों ने जोगता-भेलाटांड़ मार्ग को जाम कर दिया। स्थानीय लोगों के समझाने के बाद करीब आधे घंटे बाद जाम हटा और आवागमन फिर से शुरू हो सका।
बिजली आपूर्ति ठप
भूधंसान से झारखंड विद्युत वितरण निगम का एक बिजली का पोल भी जमीन में धंस गया। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, सुबह 9 बजे से बिजली आपूर्ति काट दी गई।
सिजुआ, श्यामबाजार, टाटा सिजुआ और जोगता सहित आसपास के इलाकों में बिजली बाधित है। बिजली मिस्त्री ने बताया कि पोल को तभी सीधा किया जा सकता है, जब भू-धंसान वाले हिस्से को ओबी से भरा जाएगा।
अखिल भारतीय भुइयां समाज कल्याण समिति का प्रदर्शन
अखिल भारतीय भुइयां समाज कल्याण समिति के जिला महासचिव इंद्रदेव भुइयां ने अपने समर्थकों के साथ मोदीडीह कोलियरी प्रबंधन से मुलाकात की और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के साथ-साथ अवैध खनन बंद कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि उनके समाज के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं और अगर प्रबंधन ने पुनर्वास और मुआवजा नहीं दिया तो वे आंदोलन पर उतरेंगे।
दो परिवारों का पुनर्वास
मोदीडीह कोलियरी के धौड़ा सुपरवाइजर नीरज गुप्ता ने बताया कि प्रभावित परिवारों की सूची के आधार पर सबसे ज्यादा प्रभावित अरुण रजक और गोविंद भुइयां को आवास दिया गया है। अरुण को पुराना श्यामबाजार में और गोविंद को ईस्ट बसुरिया में आवास मिला है। अन्य प्रभावित परिवारों को भी जल्द ही सुरक्षित स्थान पर बसाने की योजना है।
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