Dhanbad Crime: धनबाद में 2.64 करोड़ की धोखाधड़ी, व्यापारी ने कोयला लिया पर भुगतान नहीं किया
धनबाद में अब्दुल वाहिद अंसारी नामक एक कोयला व्यवसायी ने अजीत कुमार पर करोड़ों की ठगी का आरोप लगाया है। अजीत ने उधार में कोयला लिया और 2.64 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया। अंसारी ने फर्जी कंपनियों के नाम पर बिल बनाने और धमकी देने का भी आरोप लगाया है। पुलिस से कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।

जागरण संवाददाता, धनबाद। भूली निवासी अब्दुल वाहिद अंसारी ने बैंकमोड़ थाना में आवेदन देकर मटकुरिया निवासी अजीत कुमार उर्फ अजीत पटेल पर करोड़ों की ठगी व धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। वाहिद अंसारी वासुदेवा फ्यूल्स एंड लाइम (पिपराटांड़, पुरुलिया) का अधिकृत प्रतिनिधि है, जिसका प्रशासनिक कार्यालय काउन प्लाजा, रतन जी रोड, पुराना बाजार, धनबाद में स्थित है।
शिकायतकर्ता के अनुसार, अक्टूबर 2022 माह में अजीत पटेल उनके कार्यालय आया और खुद को व्यवसायी बताकर उधार में कोयला मांगा। उसने आश्वासन दिया कि वह एक माह में भुगतान कर देगा और खुद गाड़ी लाकर कोयला ले जाएगा।
साथ ही, जिन कंपनियों/फर्मों के नाम पर उसके द्वारा बिल बनाए जाएंगे, उसकी पूरी जिम्मेदारी वह लेगा। इस आश्वासन पर अंसारी ने कोयला देना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे वह कई बार आया और कोयला उठाया और कुछ आंशिक भुगतान कर विश्वास हासिल किया। मार्च 2023 तक उस पर 2.26 करोड़ रुपये बकाया हो गए।
इसके बाद जुलाई-अगस्त 2023 से और कोयला लिया गया और कुल 50 वाहनों में कोयला उठाया गया, जिसकी कुल कीमत 2,64,49,327 हो गई। वादी के अनुसार 27 अप्रैल 2024 को दोनों पक्षों के बीच लेन-देन तय हो गया और अजीत पटेल ने हस्ताक्षर कर एक घोषणा पत्र दिया, जिसमें लिखा था कि पूरा भुगतान 6 महीने के अंदर यानी 23 अक्टूबर 2024 तक कर दिया जाएगा। लेकिन इसके बाद भी उसने पैसा नहीं दिया और टालमटोल करता रहा।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि अजीत पटेल ने कुछ ऐसी कंपनियों के नाम पर बिल बनवाए, जो वास्तव में अस्तित्व में ही नहीं थीं। उसने कुछ वास्तविक फर्मों से पैसा लेने के बाद भी पैसा अपने पास रख लिया और वादी को नहीं दिया। अब जब आयकर और जीएसटी विभाग की जांच में संबंधित दस्तावेज जब्त हो गए हैं और आरोपी को इसकी जानकारी हो गई है, तो वह धमकी देने लगा है कि अगर ज्यादा दबाव बनाओगे तो झूठा केस दर्ज कराकर फंसा दूंगा।
वादी का आरोप है कि यह पूरा प्रकरण एक सुनियोजित षडयंत्र है, जिसमें शुरू से ही ठगी करने की मंशा थी। फर्जी कंपनियों के नाम पर बिल जारी कर करोड़ों का कोयला उठा लिया गया और अब भुगतान से साफ इनकार किया जा रहा है। पीड़ित ने थाना प्रभारी से आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर ठगी की भरपाई और जान-माल व प्रतिष्ठा की रक्षा की मांग की है।
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