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    सांसद प्रतिनिधि से विवाद के बाद SNMMCH में स्वास्थ्य सेवाएं ठप,महिला डॉक्टर से अभद्रता का आरोप

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 10:48 AM (IST)

    धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों ने सांसद प्रतिनिधि द्वारा महिला डॉक्टर से दुर्व्यवहार के विरोध में हड़ताल कर दी है जिससे ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं ठप हो गई हैं। मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टरों का आरोप है कि सांसद प्रतिनिधि नशे में थे और उन्होंने महिला डॉक्टर पर बुर्का उतारने का दबाव बनाया।

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    सांसद प्रतिनिधि से विवाद के बाद SNMMCH में स्वास्थ्य सेवाएं ठप

    जागरण संवाददाता, धनबाद। शुक्रवार शाम को सांसद प्रतिनिधि रामप्रवेश दास और एक जूनियर महिला डॉक्टर के बीच हुए विवाद के बाद शनिवार सुबह से ही शहीद निर्मल महतो मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गईं हैं।

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    इस घटना के विरोध में नाराज जूनियर डॉक्टरों ने बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है। जिससे ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं बाधित हो गई हैं। वहीं सैकड़ों की संख्या में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों को बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ रहा है।

    डॉक्टरों के चैंबरों में पसरा सन्नाटा

    अस्पताल के बाहर मरीजों और उनके परिजनों की भारी भीड़ जमा हो गई है। कई मरीज जो दूर-दराज के इलाकों से इलाज के लिए आए थे उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

    ओपीडी में रजिस्ट्रेशन काउंटर से लेकर डॉक्टरों के चैंबर तक सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां तक कि गंभीर मरीजों को भी आपातकालीन विभाग में पूरी तरह से इलाज नहीं मिल पा रहा है। जिससे उनकी जान पर खतरा बना हुआ है।

    नशे की हालत में अस्पताल पहुंचे सांसद प्रतिनिधि

    जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि शुक्रवार की शाम को सांसद प्रतिनिधि रामप्रवेश दास अपने कुछ साथियों के साथ नशे की हालत में अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने एक महिला डॉक्टर से बार-बार बुर्का उतारने का दबाव बनाया और उनके साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।

    डॉक्टरों ने यह भी आरोप लगाया कि रामप्रवेश दास ने पहले भी उन्हें डराया-धमकाया था जिसकी शिकायत सांसद को लिखित में दी गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

    इस घटना के बाद जूनियर डॉक्टरों ने देर रात एक बैठक कर सामूहिक रूप से हड़ताल पर जाने का फैसला किया। डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि जब तक दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होती, वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे।

    इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और जेडीएन ने भी इस हड़ताल को अपना पूरा समर्थन दिया है।

    सांसद प्रतिनिधि ने आरोप को नकारा

    दूसरी ओर सांसद प्रतिनिधि रामप्रवेश दास ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि वे गिरिडीह की एक महिला मरीज को देखने के लिए सर्जरी विभाग गए थे जहां उन्हें पता चला कि डॉक्टर बार-बार बेवजह एक्स-रे कराने का दबाव बना रही थी।

    जब उन्होंने इस बारे में डॉक्टर से पूछा तो वह उन पर भड़क गईं। रामप्रवेश दास ने बताया कि उन्होंने इसकी जानकारी तुरंत अस्पताल के अधीक्षक डॉ डीके गिंदौरिया को फोन पर दी थी।

    इस मामले पर अस्पताल के अधीक्षक डॉ डीके गिंदौरिया ने कहा कि उन्हें जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने की आधिकारिक सूचना नहीं मिली है।

    उन्होंने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि मरीजों को कोई असुविधा न हो। साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन से मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है।