Dhanbad: शादी के सूट का नाप लेने पहुंचे थे ससुर, IIT ISM के क्वार्टर में फंदे से लटका मिला होने वाला दामाद
डेढ़ माह के अंदर आइआइटी आइएसएम में दूसरी मौत हुई है। सोमवार को इलेक्ट्रानिक्स डिपार्टमेंट में जूनियर टेक्निशियन के पद पर कार्यरत दीपक कुमार ने आत्महत् ...और पढ़ें

धनबाद, जागरण संवाददाता: डेढ़ माह के अंदर आइआइटी आइएसएम में दूसरी मौत हुई है। सोमवार को इलेक्ट्रानिक्स डिपार्टमेंट में जूनियर टेक्निशियन के पद पर कार्यरत दीपक कुमार ने आत्महत्या कर ली। टाइप टू स्टाफ क्वार्टर में अपने बाथरूम के गीजर के पाइप में गमछे का फंदा बनाकर जान दे दी। इससे पहले युवक ने किचन में एलपीजी सिलेंडर से खुद को जलाने का भी प्रयास किया, जिसमें उसका हाथ और चेहरा भी जल गया। इससे बात नहीं बनी तो फंदा लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
26 जनवरी को दीपक की शादी होने वाली थी, जिसके कार्ड बांटे जा रहे थे। खुद दीपक ने भी आइएसएम परिसर में कईयों को कार्ड दे दिया था। सोमवार को दीपक के होने वाले ससुर भूली धनबाद के रहने वाले कृष्णा यादव अपने छोटे बेटे के साथ दीपक के सूट का नाप लेने स्टाफ क्वार्टर पहुंचे थे।
दरवाजा नहीं खोला तो सिक्योरिटी को बुलाकर खिड़की तोड़ी
जब होने वाले ससुर वहां पहुंचे तो अंदर से दरवाजा बंद था। काफी देर तक आवाज देने पर भी दरवाजा नहीं खोला गया तो सिक्योरिटी को बुलाया गया। इसके बाद सिक्योरिटी इंचार्ज राम मनोहर कुमार की उपस्थिति में खिड़की तोड़ी गई। अंदर का नजारा देखने के बाद पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद दरवाजा तोड़कर बाथरूम में फंदे पर लटके दीपक का शव उतारा गया।
इस घटना से आइएसएम के प्रोफेसर, कर्मी और छात्र सभी सकते में आ गए। दरअसल, डेढ़ माह पहले छह दिसंबर को आइआइटी आइएसएम के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र ने गमछे के सहारे फांसी लगा ली थी। अभी इस घटना से प्रबंधन उबरा भी नहीं था कि फिर एक मौत हो गई। दीपक के पिता रामभवन सिंह को सूचना दी गई है। इससे पहले मुनीडीह निवासी दीपक के चाचा पहुंचे और कागजी प्रक्रिया पूरी की।
नौकरी के साथ पढ़ाई भी जारी
दीपक कुमार के पड़ोसियों के अनुसार, दीपक काफी मृदुभाषी था। ड्यूटी से वापस आने के बाद अधिकतर अपने कमरे में ही रहता था। पढ़ने में भी मेधावी था। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नौकरी होने के बावजूद पढ़ाई कर रहा था। एक निजी शिक्षण संस्थान से बीटेक फाइनल ईयर की पढ़ाई चल रही थी। दीपक का कमरा किताबों से भरा हुआ था। दीवार पर कई टेबल चार्ट लटके हुए थे। दीपक ने अगस्त 2021 में आइएसएम में बतौर जूनियर टेक्निशियन ज्वाइन किया। दीपक की स्कूली शिक्षा धनबाद से ही हुई। मुनीडीह में उसके एक चाचा रहते हैं।
छह दिसंबर 2022 को एक छात्र ने लगाई थी फांसी
छह दिसंबर को आइआइटी आइएसएम में बीटेक के छात्र ने अंबर हास्टल के रूम में फांसी लगा ली थी। 2018 बैच के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का छात्र चेरूकुरी प्रवीण मूल रूप से आरजीके सूराराम आइडीए जेएमडी हैदराबाद का रहने वाला था। प्रवीण के सहपाठी फिल्म देखने गए हुए थे। शाम चार बजे अंबर हास्टल लौटे तो प्रवीण का रूम बंद पाया। इसके बाद दरवाजा तोड़ा गया। गमछे के सहारे प्रवीण को लटके हुए देखा।
2018 में जेआरएफ छात्र ने की थी आत्महत्या
आइआइटी आइएसएम में 2018 में भी मुरादाबाद उत्तर प्रदेश के छात्र ने आत्महत्या कर ली थी। पीएचडी छात्र रंजन राठी ने जैसपर हास्टल में आत्महत्या की थी। उस समय भी आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया था। आत्महत्या के समय रंजन का रूम पार्टनर रांची गया हुआ था।
वहीं, पिछले वर्ष नवंबर में आइएसएम का एक छात्र दो दिनों तक लापता हो गया था। आंध्र प्रदेश के रहने वाला सूर्या नामक छात्र ने अपने पिता के नाम एक मैसेज भी भेजा था। अपने पिता को लिखा था कि जब वह दसवीं में था तो उसे संक्रामक बीमारी हुई थी। 12वीं में उसे एक ट्यूमर हुआ। वह देखने में भले ही ठीक लगता है, लेकिन अंदर से वह कमजोर होता जा रहा है। उसका स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है। उसमें आत्महत्या करने की हिम्मत नहीं है, इसलिए सबसे काफी दूर जा रहा है। हालांकि, बाद में छात्र सही सलामत मिल गया।

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