यहां की सब्जी एक सप्ताह तक नहीं होती खराब ...आप भी जानिए इस तकनीक को Dhanbad News
जैविक खाद्य तैयार कर उससे उन्नत सब्जियों की खेती कर आस-पड़ोस के बेरोजगार लोगों को प्रशिक्षण देकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है छोटा नगरी पंचायत के तेतुलिया टांड़ निवासी 45 वर्षीय लोकनाथ महतो। परीक्षा पास करने के बाद उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु कॉलेज में नाम लिखवाया।

तेतुलमारी, जेएनएन: जैविक खाद्य तैयार कर उससे उन्नत सब्जियों की खेती कर आस-पड़ोस के बेरोजगार लोगों को प्रशिक्षण देकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है, छोटा नगरी पंचायत के तेतुलिया टांड़ निवासी 45 वर्षीय लोकनाथ महतो। उन्होंने मैट्रिक के परीक्षा पास करने के बाद उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु कॉलेज में नाम लिखवाया, उसके बाद में वर्ष 1999 में बेहतर खेती करने के लिए हिमांचल प्रदेश के शिमला में प्रशिक्षण प्राप्त किया। उसके बाद नए तकनीकी से धान, गेहूं के अलावा विभिन्न किस्म के सब्जियों की खेती करना शुरू कर दिया। परिणाम अच्छा मिलने पर गांव के लोगों को भी उन्होंने प्रशिक्षण दिया, लोग बिना रासायनिक खाद्य देकर अच्छी फसल उपजाउ कर बाजार में बेचते हैं। लोकनाथ बताते है कि जैविक खाद्य से उपजाया हुआ सब्जी एक सप्ताह तक खराब नहीं होता है,
उन्होने कहा कि फसल को बेहतर करने के लिए निजी स्तर से जैविक खाद तैयार करते हैं। जिसके लिए जमीन में करीब दो फीट गड्ढा करना पड़ता है जिसमें सड़े हुए बिचाली,गोबर, भिंडी की सुखा पौधा के अलावा अन्य सामानों को उस में डाल दिया जाता है और उसे सडने के लिए छोड़ दिया जाता है। जब वह सड़ जाता है तब उसे खेतों की मिट्टी में डाल दिया जाता है। जिससे विभिन्न तरह के सब्जियों की फसल लहलहाकर उगाते है। इससे फसल बेहतर तैयार होता है फिर उसे बाजारों में बेच देते हैं। इस खाद से सब्जी के अलावा अन्य उपजाउ फसल का सेवन करने से किसी तरह की बीमारी उत्पन्न नहीं होती है। अभी के बाजारों में लोग रासायनिक खाद्य का उपयोग कर सब्जी तैयार करते हैं जो एक दिन के बाद दूसरे दिन वह सब्जी गलकर नष्ट हो जाता है।
जैविक खाद्य से उपजाया हुआ सब्जी एक सप्ताह तक खराब नहीं होता है, उन्होंने कहा कि पिता के मृत्यु के बाद घर की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई थी, उस समय मेरी मां पुराने तरीके से खेती कर सब्जी उगाने लगी उसी पैसे से परिवार की गाड़ी खींचा करते थे, उन्होंने कहा कि इस तरह की खेती का प्रशिक्षण देने से विभिन्न राज्यों के अलावा जिलों में कई पुरस्कार भी जीत चुके हैं।
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