DVC से बिजली लेकर रेलवे ने JBVNL को दिया झटका, डीजल खर्च में आई भारी कमी
ECR: रेलवे ने DVC से बिजली लेकर JBVNL को झटका दिया है। वहीं, स्थिर बिजली मिलने से डीजल के खर्च में भारी कमी आई है। इस कदम से रेलवे को ऊर्जा दक्षता में ...और पढ़ें

डीवीसी से रेलवे को मिल रही स्थिर बिजली।
जागरण संवाददाता, धनबाद। रेलवे ने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड-जेबीवीएनएस को तगड़ा झटका दे दिया है। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) के बदले रेलवे अब डीवीसी से सीधे बिजली खरीद रही है।
जेबीवीएनएल प्रति यूनिट बिजली 5.90 रुपये की तुलना में डीवीसी 4.20 रुपये प्रति यूनिट बिजली दे रहा है। इससे वित्तीय वर्ष 2025-26 के अक्टूबर तक न केवल एक करोड़ से अधिक के राजस्व की बचत हुई है बल्कि बिजली की उपलब्धता भी 20 प्रतिशत बढ़ गई है।
डीजी सेट चलने की अवधि में कमी आने से डीजल की खपत सात प्रतिशत कम हो गई है। गोधर फीडर को जेबीवीएनएल से डीवीसी में स्थानांतरित करने के बाद अब नए साल में पाथरडीह और कोडरमा फीडर को भी डीवीसी से सीधे कनेक्ट करने की तैयारी शुरू हो गई है।
कम ऊर्जा खपत वाले 1770 पंखे लगे
धनबाद मंडल में ऊर्जा संरक्षण को लेकर पुराने पंखे हटाकर कम ऊर्जा खपत वाले 1770 बीएलडीसी पंखे लगा गए हैं। इससे प्रति घंटे 40 यूनिट बिजली की खपत कम हो गई है। सालाना लगभग 7.65 लाख रुपये की बचत हो रही है। नए साल में 2340 पंखे और लगाए जाएंगे।
ऊर्जा संरक्षण के लिए अपनाए गए प्रमुख उपाय
सोलर ऊर्जा का उपयोग
छतों पर लगे सोलर पैनलों से 28,44,548 किलोवाट बिजली का उत्पादन, जिससे लगभग 1.67 करोड़ रुपये की बचत हुई।एलईडी लाइटिंग की व्यवस्था
रेलवे स्टेशन, सर्विस बिल्डिंग और रेल आवासों में एलईडी लाइटें लगाए जाने से 13.27 लाख यूनिट बिजली की बचत।एसी संचालन में समय निर्धारण
रेलवे रिले रूम में एसी का संचालन 24 घंटे के बजाय 12 घंटे किया जा रहा है। इसके लिए 141 रिले रूम में कुल 264 टाइमर लगाए गए हैं।अनधिकृत बिजली कनेक्शन हटाए गए
विद्युत पोल से 408 अनधिकृत हूकिंग हटाई गईं, जिससे प्रति वर्ष लगभग 3.57 लाख यूनिट बिजली की बचत हो रही है।
ऊर्जा बचत के साथ पर्यावरण संरक्षण : डीआरएम
डीआरएम कार्यालय में ऊर्जा संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।डीआरएम अखिलेश मिश्र ने हरित कल के लिए ऊर्जा संरक्षण की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि धनबाद रेल मंडल में रूफ टाप सोलराइजेशन को प्राथमिकता दी जा रही है।
एक मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट लगाया जा चुका है। चार मेगावाट क्षमता वाले सोलर प्लांट लगाने का कार्य प्रगति पर है। रेलवे का उद्देश्य ऊर्जा की बचत के साथ पर्यावरण संरक्षण है। पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन से ऊर्जा संरक्षण को लेकर हुए कार्य तथा भविष्य की योजनाओं को दर्शाया गया।

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