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    Dhanbad News: धनबाद में डायरिया का कहर, 6 आदिवासियों की मौत के बाद मचा हड़कंप

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 08:42 AM (IST)

    धनबाद में डायरिया से छह आदिवासियों की मौत हो गई है, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग चिकित्सा शिविर लगाकर लोगों का इलाज कर रहा है। उच्च अधिकारियों ने गांवों का दौरा किया और सहायता का आश्वासन दिया। जिला प्रशासन ने डायरिया फैलने के कारणों की जांच के आदेश दिए हैं।

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    एंबुलेंस नहीं मिलने पर खटिया से 65 वर्षीय बुंदिया भोगताइन इलाज के लिए ले जाते लोग

    जागरण संवाददाता, धनबाद। एक ओर राज्य में आदिवासी सरकार है, तो दूसरी ओर अबुआ राज में ही आदिवासियों को इलाज के लिए तरसना पड़ रहा है। पूर्वी टुंडी में पिछले दो माह से डायरिया से आदिवासी समाज में खौफ का माहौल है। इलाके के घोषालडीह, आदिवासी टोला, भोक्ता टोला, शहरपुरा आदि इलाके में मातम है। यहां लोगों ने अपनों को दिया है।

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    एक ओर बीमारी, तो दूसरी ओर सिस्टम की बेरूखी से लोग खासे नाराज हैं। स्थिति यह हो गई है कि स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ लोगों में भारी रोष है। डायरिया से इलाके में अब तक छह आदिवासियों की मौत हो गई है।

    20 अगस्त को आदिवासी टोला का गणेश मरांडी (60), 24 अगस्त को घोषालडीह की बुंदिया देवी (65), 27 अगस्त को भोक्ता टोला के जयलाल भोक्ता, 1 सितंबर को शहरपुरा के लक्ष्मण मुर्मू, 29 सितंबर को पूर्वी गोविंदपुर क्षेत्र के तिलाबनी गांव के आदिवासी टोला के मोतीलाल टुडू (60) और महाराजा गंज में एक आदिवासी की मौत हो गई है। दो माह बाद भी डायरिया पीड़ितों की संख्या कम नहीं हो रही है।

    30 गांव चपेट में, अब तक 120 से ज्यादा बीमार

    पूर्वां टुंडी से डायरिया का मामला टुंडी व गोविंगपुर तक पहुंच गया है। लगभग 30 गांव डायरिया की चपेट में हैं। लटानी निवासी सुखदेव मरांडी बतातें हैं कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से कभी इलाके में नहीं आया गया।

    साल भर अधिकारी-चिकितिसक दूर रहे। जब डायरिया फैलने लगा, तब भी केवल खाना पूरी के लिए चिकित्क आ रहे हैं। लगभग 120 लोग बीमार हो चुके हैं। अब भी 20 से ज्यादा लोग विभिन्न जगहों पर बीमार है, इलाज चल रहा है।

    गांव वालों में भारी नाराजगी

    स्वास्थ्य विभाग की उदासीन रवैया के कारण स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ लोगों में काफी नाराजगी है। लोगों को कहना है कि कई गांवों में डायरिया के मरीज हैं, लेकिन उनकी निगरानी विभाग नहीं कर रहा है, जब कोई मौत होती है, तब विभाग के अधिकारी आ रहे हैं। पंचायत प्रतिनिधियों ने भी इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों से की है। प्रखंड के बीडीओ भी नहीं आ रहे हैं।

    विभाग की ओर से टीम गई थी। मैं भी गया था। इसकी निगरानी की जा रही है। -डॉ. आलोक विश्वकर्मा, सीएस, धनबाद

    मामला गंभीर है, राज्य स्तर से इसकी जांच के लिए टीम भेजी जाएगी। पूरे मामले पर राज्य स्तर से नजर रखी जा रही है। पीड़ितों का हाल जानने और उन्हें दी जा रही चिकित्सकीय सेवा की जानकारी ली जाएगी। -शशि प्रकाश झा, निदेशक प्रमुख, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड।