Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Tablighi Jamaat: 9 महीने बाद धनबाद जेल से निकले 11 इंडोनेशियाई तब्लीगी, माफी के बाद कोर्ट से मिली जमानत

    By MritunjayEdited By:
    Updated: Thu, 21 Jan 2021 08:11 AM (IST)

    कोर्ट ने लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं करने जानकारी छिपाने जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने संक्रमण फैलाने क्वरंटाइन रहने के आदेश की अवहेलना करने और महामारी अधिनियम के तहत जुर्माना लगाया। अदालत ने सभी के जब्त पासपोर्ट व मोबाइल फोन रिलीज करने का भी आदेश दिया।

    Hero Image
    लॉकडाउन के दाैरान गिरफ्तार इंडोनेशियाई तब्लीगी ( फाइल फोटो)।

    धनबाद, जेएनएन। लॉकडाउन के बावजूद तब्लीगी जमात की ओर से धर्म प्रचार करने के आरोपित दस इंडोनेशियाई नागरिकों व उनके दो गाइड ने मंगलवार को धनबाद कोर्ट में अपना जुर्म कुबूल कर लिया। इसके बाद प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ऋत्विका सिंह की अदालत ने सभी को तीन-तीन हजार रुपये जुर्माना लगाया। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता शाहनवाज एवं मो. अनवर ने दलील पेश की। अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक बीडी पांडेय थे। कोर्ट ने लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं करने, जानकारी छिपाने, जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने, संक्रमण फैलाने, क्वरंटाइन रहने के आदेश की अवहेलना करने और महामारी अधिनियम के तहत जुर्माना लगाया। अदालत ने सभी के जब्त पासपोर्ट व मोबाइल फोन रिलीज करने का भी आदेश दिया। अब वे अपने देश जा सकेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुप्रीम कोर्ट ने दो माह में मामले के निष्पादन का दिया था आदेश 

    आरोपितों ने निचली अदालत के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (स्पेशल लीव पिटीशन) दाखिल कर चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सत्र न्यायालय को आदेश दिया था कि वह दो माह में मामले का निष्पादन करे। सत्र न्यायालय में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में वरीय अधिवक्ता शाहनवाज एवं अनवर ने आवेदन देकर कहा कि इस मामले में फॉरेनर्स एक्ट लागू नहीं होता। हालांकि लोक अभियोजक ने इसका विरोध किया था। अदालत ने फॉरेनर्स एक्ट की धाराओं को हटाकर निचली अदालत को सुनवाई कर निष्पादन करने का आदेश दिया था।

    लॉकडाउन में छिपकर धर्म प्रचार का आरोप

    लॉकडाउन के दौरान धनबाद में इंडोनेशियाई जमातियों ने धर्म प्रचार के सिलसिले में जगह-जगह जलसे किए। उन्होंने गोविंदपुर प्रखंड की आसनबनी मस्जिद में शरण ली थी। इसकी जानकारी मस्जिद के सदर गुलाम मुस्तफा और सचिव शौकत अंसारी ने गोविंदपुर थाना को नहीं दी, पुलिस को अपना कोई दस्तावेज भी नहीं दिखाया। गृह मंत्रालय के निर्देश पर खोजबीन शुरू हुई तो नौ अप्रैल को आसनबनी मस्जिद से इन्हें पकड़ा गया। उनके खिलाफ वीजा नियमों का उल्लंघन कर टूरिस्ट वीजा पर भारत आकर बगैर अनुमति धर्म प्रचार करने, लॉकडाउन के नियम का पालन नहीं करने, दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने, संक्रमण फैलाने, क्ववारंटाइन रहने के सरकारी आदेश की अवहेलना करने के आरोप लगाए गए। नौ अप्रैल, 20 को गोविंदपुर थाना में प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर मुनेश तिवारी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। 

    इन्होंने कुबूल किया जुर्म

    इंडोशियाई नागरिक अंधिका फहमी, मो. रिजकी हिदायह, मो. यूसुफ इस्कंदर, सतरिया बायु, आदिक पुतरा, अहमद ओंटे, अब्दुल्लो सुदियाना, उनदाग सुपरमैन, अखमद हमजाह, नसरुद्दीन व तौफीक सगाला लबाबा। महाराष्ट्र निवासी गाइड जफ्फार इस्लामुद्दीन, मुंशी इशाक व मसूद खान।

    8 महीने बाद धनबाद जेल से मिली छुट्टी

    इंडोनेशियाई नागरिकों और उनके गाइड को 9 अप्रैल, 2020 को पकड़ा गया था। इसके बाद इन्हेंं आइएसएम में क्वारंटाइन कर रखा गया। कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद धनबाद जेल भेज दिया गया। 8 महीने से ज्यादा समय तक धनबाद जेल में रहने के बाद इन्हें जमानत मिली है। अब ये इंडोनेशिया जा सकेंगे।