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    फरारी में शशि सिंह सब कुछ कर रहे हैं... शादी के बाद पुत्र रत्न की भी हो गई प्राप्ति, क्या कर रही Dhanbad Police ?

    By MritunjayEdited By:
    Updated: Wed, 26 May 2021 01:30 PM (IST)

    Story of mafia of dhanbad फरारी में शशि का विवाह हुआ। फिर बच्चे होने शुरू हुए। पहले एक के बाद एक को बेटियां हुईं। अब बेटा हुआ है। इंटरनेट मीडिया पर लोगों ने शशि को बधाइयां भी दीं। सार्वजनिक बधाई मिलने की वजह भी है।

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    कोल किंग सुरेश सिंह हत्या कांड के अभियुक्त शशि सिंह ( फाइल फोटो)।

    धनबाद [ अश्विनी रघुवंशी ]। Story of mafia of dhanbad दस सालों से फरार शश सिंह, कांग्रेसी दिग्गज सुरेश सिंह की हत्या के मामले में नामजद हैं। ऐसे गायब हुए कि सिर्फ पुलिस की फाइलों में ही उनका नाम दिखता है। शशि की दिलेरी के लोग कायल हैं। 2009 में कांग्रेसी प्रत्याशी सुरेश सिंह के प्रचार में अभिनेत्री महिमा चौधरी ने झरिया में रोड शो किया था। शशि ने ऐसा गदर मचाया कि महिमा चौधरी को भागना पड़ा था। फरारी में शशि का विवाह हुआ। फिर बच्चे होने शुरू हुए। पहले एक के बाद एक को बेटियां हुईं। अब बेटा हुआ है। इंटरनेट मीडिया पर लोगों ने शशि को बधाइयां भी दीं। सार्वजनिक बधाई मिलने की वजह भी है। वो धनबाद नगर निगम की पहली मेयर इंदू देवी के पुत्र हैं। पिता रामाधीर दबंग सियासी घराने सिंह मेंशन के मुखिया स्वर्गीय सूर्यदेव सिंह के भाई हैं। बलिया जिला परिषद के अध्यक्ष थे। अभी रांची के होटवार जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। तो क्या, दादा तो बन गए। 

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    ट्रेन ले जाओ नहीं तो फिर केस
    बीसीसीएल के गोविंदपुर एरिया में कोयला की ढुलाई के लिए मालगाड़ी आई। इंजन की सीटी बज गई थी, ताकि तुरंत कोयला लद जाए। संदेश दिया गया कि अभी ट्रेन ले जाओ नहीं तो फिर केस हो जाएगा। मालगाड़ी वापस चली गई। खनन चालान नहीं होने के कारण ऐसा किया गया। दरअसल, गोविंदपुर एरिया महाप्रबंधक की कुर्सी पर बैठने वाले साहा पर जिला खनन पदाधिकारी अजीत कुमार ने नामजद प्राथमिकी दर्ज करा दी है। कुछ धाराएं जमानती हैं तो कुछ गैर जमानती भी। आरोप है कि उनके कार्य क्षेत्र में खनन के परिवहन चालान के बगैर हजारों टन कोयले की अवैध ढुलाई हो गई। महाप्रबंधक ने खनन महकमे से अनुरोध किया कि मुकदमा वापस ले। भविष्य में भूल नहीं होगी। खनन वाले साहब सुनने को तैयार नहीं। यह चेतावनी भी दे डाली कि जांच चलती रहेगी। बीसीसीएल के बाकी महाप्रबंधक भी तनाव में हैं।

    खिलाड़ियों के साथ खेला

    झारखंडी माटी में खिलाड़ी भी तेजी से उभरते हैं। जी, उभरते हैं, मुकाम नहीं पाते। सरकारें भी कभी खेल प्रतिभाओं को खूब पुचकारती हैं, कभी पूरी तरह भूल जाती है। भूटान से लेकर थाईलैंड तक भारत की तरफ से फुटबाल खेल चुकी बांसमुड़ी की संगीता सोरेन पेट के लिए ईंट भट्ठा में काम कर रही है, बकरियां चरा रही है। ताइक्वांडो के बेताज बादशाह रहे यमुना पासवान को घर के बाहर अंडा का ठेला लगाना पड़ा है। वही यमुना जिन्होंने ईरान, पोलैंड, जॉर्डन, नेपाल, लंदन तक अपना दमखम दिखाया है। जानने वाले उनकी दशा देख फुसफुसा रहे हैं, क्रिकेट में होते तो ऐसी दशा न होती। खैर, खिलाड़ियों की कराह की आवाज रांची से दिल्ली तक सरकारों के कान में जा चुकी है। फुटबालर संगीता के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग से लेकर दोनों सरकारें आगे आई है। ताइक्वांडो खिलाड़ी यमुना पासवान पर भी गौर करे सरकार।

    कोरोना से बचाने को निलंबन

    डॉक्टर प्रमोद कुमार। खाकीवाले सर्जन। माओवादियों और अपराधियों की सर्जरी में उस्ताद। झरिया का थानेदार रहते दो साल सियासी घराने सिंह मैंशन और रघुकुल के दबंग लोगों को बांधे रखा। अचानक डॉक्टर की सर्जरी हो गई। एना कोलियरी से एक कर्मचारी आधी रात में गायब हुआ। गिरिडीह में लाश मिली। करीबी लोगों ने एना खदान में बवाल की साजिश की। डॉक्टर को भनक लग गई थी कि अवैध संबंध में हत्या हुई। दो दिन बाद बवाल कर मुआवजा और नौकरी पाने की कोशिश हुई तो डॉक्टर ने चला दीं लाठियां। वीडियो इंटरनेट मीडिया पर हो गया वायरल। सच जानते थे तो पुलिस कप्तान ने कार्रवाई नहीं की। लंबे समय बाद पुलिस हाउस से बाहर निकली बोकारो आइजी प्रिया दुबे ने डॉक्टर को निलंबित कर दिया। महीना गुजर चुका है। डॉक्टर आइजी के प्रिय रहे हैं। शायद निलंबित रखकर आइजी उनको कोरोना से बचा रही हैं।