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    सिविल कोर्ट धनबाद में पुख्ता है सुरक्षा व्यवस्था, न्यायिक पदाधिकारियों के आवासीय परिसर की भी सुरक्षा है कड़ी

    By Atul SinghEdited By:
    Updated: Thu, 23 Dec 2021 04:59 PM (IST)

    झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद धनबाद सिविल कोर्ट समेत न्यायिक पदाधिकारियों के आवासीय परिसर की सुरक्षा काफी पुख्ता कर दी गई है। जज उत्तम आनंद की हत्या के मामले के सुनवाई करते हुए झारखंड उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने का निर्देश दिया था।

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    झारखंड उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने का निर्देश दिया था।

    संवाद सहयोगी, धनबाद: झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद धनबाद सिविल कोर्ट समेत न्यायिक पदाधिकारियों के आवासीय परिसर की सुरक्षा काफी पुख्ता कर दी गई है। जज उत्तम आनंद की हत्या के मामले के सुनवाई करते हुए झारखंड उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने का निर्देश दिया था। आदेश के आलोक में 8 अगस्त 23 को धनबाद पुलिस में कोर्ट समेत न्यायिक पदाधिकारियों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी थी।

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    सिविल कोट धनबाद में ऐसे तो प्रवेश के लिए कुल 4 प्रवेश द्वार हैं परंतु सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए केवल एक ही प्रवेश द्वार को खोला गया है। जिस में भी भारी पुलिस के जवान तैनात रहते हैं। हर किसी को जांच के बाद ही प्रवेश की इजाजत होती है।

    हालांकि इन से अधिवक्ता को अलग रखा गया है। वहीं कोर्ट मोड़ स्थित न्यायिक पदाधिकारियों के दो आवासीय परिसर में एक-चार की सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती की गई है। वहीं मुख्य गेट पर मोर्चा भी बनाया गया है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आवास पर सशस्त्र बल के जवान, कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश, जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम के आवास पर एक एक होमगार्ड के जवान‌ हाउस गार्ड के रूप में पूर्व से तैनात हैं।

    जबकि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के आवास पर होमगार्ड के एक जवान ड्यूटी बजाते हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद एसएसपी व सिटी एसपी ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा से मुलाकात की थी। जिसके बाद इसकी कवायद तेज हो गई थी।

    सिविल कोर्ट धनबाद में कुल 43 न्यायिक पदाधिकारी जिनमें 12 पदाधिकारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्तर के चार अवर न्यायाधीश और 26 प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी हैं। क्या देश के बाद प्रत्येक न्यायिक पदाधिकारियों को अंगरक्षक भी उपलब्ध करा दिया गया है। हालांकि दोपहर में जब संवाददाता ने कोर्ट मोड़ स्थित आवासीय परिसर का मुआयना किया तो देखा कि वहां पुलिस की मोर्चा तो बनी हुई है परंतु मोर्चा पर जवान तैनात नहीं दिखे। यही हाल कोर्ट मोड़ स्थित न्यू जजेज कॉलोनी और बेकार बांध स्थित स्थित ऑफिसर क्वार्टर में भी देखने को मिला हालांकि पुलिस के बाईक सवार जवान गश्त करते जरूर दिखें।

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