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Jharkhand Unlock 2.0: क्या 10 जून से भक्तों के लिए खुलेगा भगवान का दरवाजा ? सरकार की तरफ पंडित-पुजारियों की नजर

Jharkhand Unlock 2.0 मंदिरों का दरवाजा भक्तों के लिए बंद होने के कारण धार्मिक स्थलों पर हजारों लोगों का रोजी-रोजगार चाैपट हो गया है। सिंटू बाबा के अनुसार यह जरूरी है कि मंदिर का दरवाजा भक्तों के लिए खोले जाए।

By MritunjayEdited By: Published: Sat, 05 Jun 2021 09:58 AM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 06:10 AM (IST)
Jharkhand Unlock 2.0: क्या 10 जून से भक्तों के लिए खुलेगा भगवान का दरवाजा ? सरकार की तरफ पंडित-पुजारियों की नजर
देवघर का बाबा बैद्यनाथ मंदिर ( फाइल फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। झारखंड में 3 जून से अनलॉकन 1.0 चल रहा है। इसकी अवधि 10 जून की सुबह 6 बजे तक है। इसके बाद अनलॉक 2.0 शुरू होगी। अनलॉक 2.0 में किस तरह ढील दी जाय, इस पर झारखंड सरकार के कारिंदे विचार-विमर्श कर रहे हैं। इसे देखते हुए अनलॉक 2.0 में छूट की मांग शुरू हो गई है। झारखंड के प्रमुख मंदिरों के पंडित-पुजारी चाहते हैं कि मंदिरों का दरवाजा भक्तों के लिए खोल दिया जाय। कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए 22 अप्रैल को झारखंड में लॉकडाउन लगा था। तभी से बाबा बैद्यनाथ और बाबा बासुकीनाथ समेत झारखंड के सभी धार्मिक स्थल बंद पड़े हैं। सिर्फ पंडा-पुजारियों को मंदिर में पूजा करने की इजाजत है। भक्तों के प्रवेश पर रोक है। 

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इंटरनेट मीडिया में चल रहा बाबा बासुकीनाथ मंदिर खोलने की मांग का अभियान

सभी धर्मों में ईश्वर की आराधना का विशेष महत्व है। ऐसा माना गया है कि भगवान की पूजा करने से शुभ फल प्राप्‍त होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मन को शांति और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। मगर लॉकडाउन के कारण धनबाद समेत झारखंड के सभी मंदिर भक्तों के लिए बंद हैं। कतरास लिलोरी मंदिर के पुजारी सिंटू बाबा ने बताया कि जिस प्रकार दुमका के बाबा बासुकीनाथ मंदिर खोलने की मांग इन दिनों सोशल साइट पर चल रही है। पंडों ने मुख्यमंत्री को आवेदन भी देने का निर्णय कर लिया है।

हजारों लोगों का रोजी-रोजगार चौपट

बड़े-बड़े मंदिर सिर्फ आस्था के सवाल नहीं हैं। मंदिरों में हजारों लोग आते हैं। इन भक्तों के लिए धार्मिक स्थल पर सैकड़ों दुकान चलते हैं। इन दुकानों से हजारों लोगों का रोजी-रोजगार जुड़ा हुआ है। मंदिरों का दरवाजा भक्तों के लिए बंद होने के कारण धार्मिक स्थलों पर हजारों लोगों का रोजी-रोजगार चाैपट हो गया है। सिंटू बाबा के अनुसार यह जरूरी है कि मंदिर का दरवाजा भक्तों के लिए खोले जाए। कोविड से बचाव के लिए गाइडलाइन का पालन करते हुए मंदिरों को खोला जा सकता है। 


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