डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए धनबाद में न 68.93 एकड़ जमीन का म्युटेशन न 16.7 करोड़ का भुगतान
धनबाद दानकुनी से लुधियाना तक बिछने वाले पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 196 किमी
धनबाद : दानकुनी से लुधियाना तक बिछने वाले पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 196 किमी हिस्सा झारखंड होकर गुजरेगा। इसमें धनबाद, गिरिडीह, कोडरमा व हजारीबाग जिले शामिल हैं। इन जिलों में दोहरी रेल लाइन बिछेगी जिस पर मालगाड़ियां फर्राटा भरेंगी। रेलवे ने 2021 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा है, पर जमीन के म्युटेशन समेत दूसरी समस्याओं की वजह से सोन नगर से दानकुनी को 2021 तक पूरा होनेवाले प्रोजेक्ट से बाहर कर दिया है।
राज्य में इसकी धीमी प्रगति के मद्देनजर रेलमंत्री पीयूष गोयल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि झारखंड के लिए भी प्रोजेक्ट काफी महत्वपूर्ण है और इसके लिए पीपीपी मोड पर बड़े पैमाने पर निवेश होनेवाला है। पर जमीन को लेकर विभिन्न जिलों की स्थिति प्रोजेक्ट के अनुकूल नहीं है। इस मामले को व्यक्तिगत तौर पर लेकर जल्द निबटारे की कोशिश की जाए।
कम से कम 90 फीसद म्युटेशन वाले भूमि की आवश्यकता :
रेलमंत्री ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि पीपीपी मोड पर बनने वाले फ्रेट कॉरिडोर की बिडिग के लिए कम से कम 90 फीसद म्युटेशन वाले भूमि की आवश्यकता है। प्रोजेक्ट की सफलता के लिए शीघ्र जमीन की उपलब्धता जरूरी है।
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रेलमंत्री की ओर से दर्शाए गए गंभीर मुद्दे और उनकी मौजूदा स्थिति
- धनबाद में 35.77 एकड़ जमीन में से 22.16 एकड़ निजी भूमि का म्युटेशन लंबित है।
- 16.7 करोड़ का भुगतान होना था जो अभी तक अटका है।
- 4.32 एकड़ जमीन का राज्यादेश अभी तक नहीं मिला है।
- धनबाद में अभी भी 68.93 एकड़ सरकारी जमीन का म्युटेशन नहीं हो सका है।
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इन जगहों पर अब तक जमीन का हक नहीं मिला
- बरमसिया, भूदा व हरिहरपुर में 1.4654 एकड़ सरकारी जमीन का अब तक हक नहीं मिला है। बड़ा अंबोना व जुनकुदर की प्राइवेट जमीन का मामला भी लटका है।
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किस जिले में कितनी सरकारी भूमि का नहीं हुआ म्युटेशन
धनबाद - 68.93 एकड़
हजारीबाग - 0.265 एकड़
गिरिडीह - 7.02 एकड़
कोडरमा - 0.015 एकड़