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    किसी नरक से कम नहीं है धनबाद जेल, यहां बंदियों की खुलेआम लगाई जाती बोली; दी जाती हैं ऐसी यातनाएं सुन कांप जाएगा कलेजा

    By Dileep Kumar SinhaEdited By: Arijita Sen
    Updated: Wed, 20 Dec 2023 02:29 PM (IST)

    धनबाद जेल में अमन सिंह हत्‍याकांड के बाद यहां के बारे में रोज नई-नई चीजों का खुलासा हो रहा है। यहां जेल मैनुअल की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती है। पैसे देने पर मनपसंद वार्ड में कैदी को जाने का मौका मिलता है। और तो और यहां बंदियों की बोली लगाई जाती है फिर प्रताड़ित कर रकम की वसूली की जाती है।

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    धनबाद जेल में लगती है बंदियों की बोली।

    दिलीप सिन्हा, धनबाद। गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या के बाद सुर्खियों में आए धनबाद जेल में नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती हैं। यह होता है जेल में अपराधियों और अधिकारियों के मजबूत गठजोड़ के कारण। नतीजा यहां बंदियों की बोली लगती है। सुनने में अचरज होगा, पर सच यही है। जेल पहुंचने के पहले दिन बंदी को आमद वार्ड में रखा जाता है। इसके बाद वार्डों के प्रभारी जो खुद कैदी होते हैं, उनकी बोली लगाते हैं। सबसे अधिक बोली लगाने वाले प्रभारी के वार्ड में नया बंदी भेजा जाता है।

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    रकम नहीं चुकाने पर दी जाती हैं यातनाएं

    इस डाक की रकम जेल के जमादार के जरिए अधिकारियों तक पहुंचती है। इसके बाद वार्ड प्रभारी सूद समेत बंदी से यह रकम वसूलते हैं। इस वसूली के लिए यदि इन्कार किया तो बंदी को ऐसी प्रताड़नाएं दी जाती हैं कि उसकी रूह कांप उठती है।

    जेल से बाहर आए कई बंदियों ने बताया कि जो रकम नहीं चुकाता, उससे शौचालय की सफाई कराई जाती है। पिटाई होती है। सबके सामने जलील किया जाता है, उसके सामने दूसरा चारा नहीं होता, घर से पैसे मंगवाकर उसे देने ही पड़ते हैं।

    कई ऐसे बंदी पहुंचते हैं, जो बहुत गरीब होते हैं, इनसे भी 500 रुपये वसूले जाते हैं। इसका बाकायदा कापी में हिसाब भी रखा जाता है।

    आपको क्या चाहिए, कीमत दीजिए, जेल में सब मिलेगा

    यह भी बताया कि जेल में हर सुविधा मिलती है, बस कीमत दीजिए। अलग से भोजन चाहिए, वह मिलेगा। सिगरेट से लेकर गांजा, तंबाकू, स्मैक और मसाला तक यहां उपलब्ध है, बेचने वाले कैदी के मनमाने दाम पर।

    कई बंदी जो छोटे अपराध में जेल जाते हैं, कीमत नहीं दे सकते, वे दबंग बंदियों की सेवा कर समय गुजारते हैं। जो बंदी सिस्टम से परिचित है, वह पहले दिन ही मनपसंद प्रभारी के वार्ड में जाता है। इसके लिए उसे दस हजार रुपये चढ़ाने पड़ते हैं।

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    मोबाइल और गांजा तो छोड़िए, पिस्टल भी जेल के अंदर

    जेल मैनुअल की धज्जियां कैसे उड़ रहीं, यह अमन की हत्या से उजागर हो गया। जेल में गांजा और मोबाइल की सुविधा है, वहां से रंगदारी का नेटवर्क चल रहा, यह सूचनाएं तो आ ही रहीं थीं कि जेल में दो-दो पिस्टल भी पहुंच गईं।

    अमन की हत्या के बाद इनकी बरामदगी ने जेल के अंदर का यह स्याह सच उजागर किया। इसी पिस्टल से गैंगस्टर को मारा गया। पुलिस रिमांड में शूटर सुंदर महतो उर्फ रितेश यादव, सतीश साव उर्फ गांधी एवं विकास रवानी उर्फ विकास बजरंगी के स्वीकारोक्ति बयान ने जेल के अंदर का काला चिट्ठा खोल दिया है। जेल आइजी की जांच रिपोर्ट में भी जेल मैनुअल का पालन नहीं होने की बात स्पष्ट है।

    सीसीटीवी में दिखती सच्चाई, फिर भी नहीं चेतते अधिकारी

    धनबाद जेल में लगे सीसीटीवी में बंदी मोबाइल पर बात करते जांच टीम को दिखे हैं। बंदियों की यह कारगुजारियां सिस्टम की शह पर ही चल रही हैं। पूर्व में भी यहां के एक जेल अधीक्षक को मोबाइल का जेल में धड़ल्ले से प्रयोग होने के कारण विभागीय कार्रवाई झेलनी पड़ी थी।

    जेल मैनुअल का पालन नहीं होने से अनुशासनहीनता बढ़ती गई है। यह क्रमवार बढ़ी है। जेल में हुई हत्या के बाद विस्तृत जांच रिपोर्ट में यह बात आई है। जेल के अंदर सुरक्षा की कमियों की तीन सदस्यीय टीम से दुबारा जांच कराई है। जांच रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई होगी। बंदियों की बोली लगने समेत जो भी काम जेल मैनुअल के विरुद्ध हो रहा होगा, उसे हर हाल में रोकेंगे- उमाशंकर सिंह, जेल आइजी।

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