धनबाद से सटे गांवों में घूम रहे दलाल, 1100-1300 रुपये प्रति क्विटल खरीद रहे धान
राज्य सरकार द्वारा धान की खरीदारी नहीं होने के कारण धनबाद के किसान अपना धान औने-पौने दाम में बेचने को विवश हैं। अभी भी खलिहानों में धान पीटने का काम चल रहा है। ऐसे में धान खरीदने वाले दलाल गांव में घूम रहे हैं।

जागरण संवाददाता, धनबाद : राज्य सरकार द्वारा धान की खरीदारी नहीं होने के कारण धनबाद के किसान अपना धान औने-पौने दाम में बेचने को विवश हैं। अभी भी खलिहानों में धान पीटने का काम चल रहा है। ऐसे में धान खरीदने वाले दलाल गांव में घूम रहे हैं। स्थिति यह है कि 1100 से लेकर 1300 रुपये प्रति क्विटल के दर पर ये लोग गांव वालों से धान खरीद कर उसे बाहर की मंडियों में बेच रहे हैं। जहां ये 1800 से लेकर 2100 रुपये प्रति क्विटल तक बेच रहे हैं। गाड़ी लेकर गांव में घुमते हैं दलाल : जिले के गांवों में इन दिनों दलाल काफी सक्रिय हो चुके हैं। सीता धान 1100 रुपये और मसूरी 1300 रुपये प्रति क्विटल की दर से ये लोग खरीद रहे हैं। जो किसान इन्हें धान नहीं देते उन्हें थोड़ी राशि बढ़ाकर देने का लालच दिया जाता है। दलाल बगोदर और बंगाल से आते हैं।
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पैक्सों पर धान क्रय करने का काम शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में जो धान खलिहान से घर में आ चुके हैं, उसे बहुत अधिक दिन तक रखा नहीं जा सकता। बगोदर और बंगाल से खरीदार आ रहे हैं। खरीद के साथ ही पैसे का भुगतान कर देते हैं।
- नरेश महतो, किसान कालाझार
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सरकार कब खरीदारी शुरू करेगी, यह मालूम नहीं है। फसल घर में रखी है। शादि-विवाह का मौसम चल रहा है। घर में आर्थिक तंगी है। ऐसे में धान बेचकर ही गुजारा हो सकता है। इसलिए जो गांव पहुंच रहा है, उसे धान बेच दिया जा रहा है।
- नकुल महतो, चिरूडीह
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धान उठा कर पैक्स ले जाने की समस्या है। साधन नहीं होने के कारण भाड़े के वाहन से धान ले जाना पड़ता है। डर है कि यदि धान को गीला अथवा गंदगी पूर्ण बता दिया गया तो फिर से अपना भाड़ा खर्च कर उसे वापस लाना होगा। इसलिए गांव में जो आता है उसे बेच दे रहे हैं।
- धीरज कुमार, तांतरी
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जब गांव में ही धान बेचने की सुविधा मिल रही है तो पैक्स लेकर जाने की आवश्यकता ही नहीं। पैक्स में धान लेने के कुछ दिन बाद ही राशि खाते में आती है। यहां नगद राशि एक बार में मिल जाती है।
- एतवारी महतो, तोपचांची
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किसानों के सामने बहुत दिक्कतें हैं शहरी क्षेत्र से सटे होने के कारण नजदीक में कोई पैक्स नहीं है। किसान को धान लेकर जाने में काफी दिक्कते हैं। सरकार गांव-गांव जाकर धान खरीद करने की व्यवस्था करे।
- हीरालाल, मुखिया दामोदरपुर।
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