धनबाद भाजपा विधायक के बोल-'जो देगा वोट, उसका पहले करेंगे काम', कांग्रेस ने साधा निशाना
धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा ने कहा कि आप लोग अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं और कभी भाजपा के लिए वोट नहीं किया। इसलिए विकास के लिए आप लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा। अब आपने जब एक कदम बढ़ाया है। आपकी बेहतरी के लिए सोचूंगा।

जागरण संवाददाता, धनबाद। मुस्लिम बहुल वासेपुर क्षेत्र में धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा के भाषण पर विवाद हो गया। विपक्षियों ने उन्हें निशाने पर ले लिया है। दरअसल विधायक राज सिन्हा मंगलवार को वासेपुर के रहमतगंज बस्ती में एक सड़क का शिलान्यास करने पहुंचे थे। वहां लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कह दिया कि इस इलाके का विकास इसलिए नहीं हो पा रहा है, क्योंकि यहां के मतदाताओं ने उनको वोट नहीं दिया था। विकास को लेकर उनकी प्राथमिकता में वे लोग और इलाके शामिल हैं, जहां के लोगों ने उनको अपना वोट देकर जिताया है। वैसे इलाकों से बची योजनाओं के पैसों से उन बाकी इलाकों का विकास किया जा सकता है, जहां के लोगों ने उन्हें वोट नहीं दिया।
अब आपकी बेहतरी के लिए सोचूंगा
विधायक ने कहा कि आप लोग अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं और कभी भाजपा के लिए वोट नहीं किया। इसलिए विकास के लिए आप लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा। अब आपने जब एक कदम बढ़ाया है तो मैं भी आपकी बेहतरी के लिए दो कदम बढ़ाने की सोचूंगा। आप दो कदम आगे बढ़कर चुनाव में मेरे लिए कुछ करेंगें तो मैं आपके विकास के लिए दस कदम आगे बढ़ाऊंगा। गौरतलब है कि वासेपुर धनबाद संसदीय और विधानसभा क्षेत्र का इलाका है। वहां करीब ढाई लाख की आबादी मुस्लिम समुदाय की है। आज भी यह इलाका विकास से दूर है।
विरोधियों ने विधायक को घेरा
विधायक राज के इस बयान की विपक्षी दलों ने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए एक जनप्रतिनिधि का गैरजिम्मेदाराना बयान करार दिया। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ब्रजेंद्र सिंह ने कहा कि विधायक को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए था। एक चुना हुआ जनप्रतिनिधि चाहे वह विधायक हो या फिर सांसद या मुखिया, वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के हर व्यक्ति का नुमाइंदा होता है। भले ही उसने वोट किया हो या नहीं। वैसे भी भारत में गुप्त मतदान की परंपरा रही है। ऐसे में यह पता करना काफी मुश्किल भरा होता है कि किसने किसको वोट किया और किसको नहीं। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष रमेश टुडू ने कहा कि यह विधायक की गंदी मानसिकता को दर्शाता है कि वे विकास को लेकर भी कैसी सोच रखते हैं। ऐसे व्यक्ति को जनप्रतिनिधि होने का कोई हक नहीं।

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