Dhanbad News: मामा-भांजी सहित एक साथ उठी तीन अर्थियां, दहाड़े मारकर रो रही थी मां
धनबाद के लोदना में जर्जर आवास गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई जिसके बाद परिजनों ने मुआवजे की मांग की। प्रबंधन यूनियन और परिजनों के बीच हुई वार्ता में मृतकों के आश्रितों को सात लाख रुपये की सहायता बच्चों को मुफ्त शिक्षा और एक आश्रित को नौकरी देने पर सहमति बनी। घटना के बाद लोगों ने प्रबंधन के प्रति आक्रोश जताया और सड़क जाम किया।

संवाद सूत्र, लोदना/अलकडीहा। लोदना आठ नंबर बस्ती में बुधवार की शाम खाली व जर्जर आवासों के गिरने से नौ लोग मलबे में दब कर घायल हो गए थे। जिसमें में मामा-भांजी सहित तीन लोग अपनी जान गवां बैठे।
मुआवजा की मांग को लेकर गुरुवार को तीनों शवों का पोस्टमार्टम के बाद बीसीसीएल के लोदना क्षेत्रीय कार्यालय गेट पर रख दिया था। शुक्रवार को प्रबंधन, यूनियन व स्वजन के बीच त्रिपक्षीय वार्ता में तीनों मृतक के आश्रित को मानवता के आधार पर सहायता के तौर पर कुल सात लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा।
जिसमें पांच लाख रुपये तत्काल व दो लाख रुपये एक माह बाद भुगतान की जाएगी। मृतक के बच्चों को डीएवी में वर्ग 12 तक निशुल्क शिक्षा कि व्यवस्था, मृतक के एक आश्रित को आउटसोर्सिंग या बीसीसीएल के अनुदानित विद्यालय में नियोजन कि व्यवस्था व घायल व्यक्तियों का अशर्फी अस्पताल में इलाज की व्यवस्था करने पर सहमति बना।
जिसके बाद करीब 24 घंटे के बाद तीनों मृतकों का शव लोदना क्षेत्रीय कार्यालय से उठाया गया। वार्ता में मुंद्रिका पासवान, बिहारीलाल चौहान, संजीत सिंह, ललन पासवान, अनिल सिंह, मृणालकांत सिंह, दीपक सिंह, संजय यादव, छोटू सिंह, रविकांत पासवान, शिवकुमार सिंह, संजय पासवान, रुदल पासवान, नागेश्वर पासवान, मो. अली अहमद, रीना पासवान, राजाराम भुइयां सहित अन्य थे।
प्रबंधन की ओर से जीएम जीएम निखिल बी त्रिवेदी, एजीएम परवेज आलम, पीओ एसके सिन्हा, संजीव कश्यप, मुकेश कुमार, सौरभ कुमार, झरिया थाना प्रभारी शशि रंजन कुमार, जोड़ापोखर अंचल निरीक्षक आशुतोष कुमार थे। वहीं, दूसरी और वार्ता के दौरान कार्यालय के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थे।
तीन की एक साथ उठी अर्थियां
वार्ता के बाद तीनों का शव लोदना पहुंचा। शव पहुंचते ही स्वजन के चित्कार से कोहराम मच गया। मामा-भांजी सहित तीन शवों के एक साथ उठने से हर आंखों से आंसू निकल रहे थे।
चिराग का शव पहुंचते ही उसके पिता करमू पासवान, बहन दिव्या व संस्कृति दहाड़े मार कर रोने लगी। बड़ा भाई सचिन शव काे एक टक निहारता रहा। मां सुमित्रा की आंसू ही सुख गए। उसके गले से आवाज भी नही निकल रहा था। बस इशारे में अपने पुत्र को अंतिम बार देखने की इच्छा जताई पर वह भी नहीं हो सका।
पोस्टमार्टम के कारण मां व स्वजन चिराग को अंतिम बार भी नही देख पाए। वहीं, सुषमा की मां नीलम देवी, बहन सोनी व गोपाल की पत्नी प्रियंका, पिता व मां कौशल्या के आंसू थम नही रहे थे। गोपाल की पत्नी ने कहा कि वह अपने बच्चों के लिए दुकान बिस्कुट लाने गए थे, बारिश के कारण जर्जर आवास में छुप गए और हमसे हमारा सहारा छीन गया।
शव पहुंचने के बाद आस पास के लोगों की भीड़ जुट गई। सभी ने घटना के लिए बीसीसीएल व आउटसोर्सिंग प्रबंधन को जिम्मेदार बता कर जमकर कोसा।
लोगों ने कहा कि बस्ती के बीच से सड़क बनाने के लिए आउटसोर्सिंग कंपनी के संचालक व लोग दबंगई कर रहे है। लोगों को जबरन हटाया जा रहा है पर जर्जर आवास को गिराने का काम नहीं कर रहा है।
वार्ता में अधिकारी के नही पहुंचने पर स्वजन ने किया सड़क जाम
गुरुवार को वार्ता बेनतीजा होने के बाद मृतक के स्वजन शुक्रवार को वार्ता की आस लगाए बैठे थे पर दोपहर दो बजे तक क्षेत्रीय कार्यालय में किसी अधिकारी के नही पहुंचने पर स्वजन व स्थानीय लोगों का धैर्य जवाब दे दिया।
आक्रोशित लोगों ने झरिया-सिंदरी मुख्य मार्ग क्षेत्रीय कार्यालय गेट के सामने सड़क पर बैठ कर सड़क जाम कर दिया। लोगों ने प्रबंधन विरोधी नारेबाजी करने लगे। मौके पर मौजूद पुलिस ने लोगों को समझा कर शांत किया। करीब आधा घंटे के बाद सड़क जाम हटा। पुलिस ने प्रबंधन से बात कर वार्ता के लिए बुलाया। उसके बाद वार्ता शुरु हुई।
गेट नही खोलने पर पुलिस से भी हुई नाेंक-झोंक
मुआवजा के लिए वार्ता शुरु होने के बाद प्रबंधन ने अंदर से कार्यालय का गेट बंद कर दिया। जिस कारण लोगों को अंदर जाने नही दिया जा रहा था। स्थानीय लोग व स्वजन वार्ता में जाने के लिए गेट खोलने की मांग कर हंगामा करने लगे पर गेट नही खोला गया।
इस दौरान लोग प्रबंधन विरोधी नारेबाजी कर हंगामा करने लगे। लोगों को समझाने के लिए पुलिस अधिकारी गए तो उनके साथ भी नोंक-झाेंक करने लगे। इस दौरान पुलिस ने काफी संयम से काम लिया। वहीं, झरिया थाना प्रभारी शशि रंजन कुमार ने पुलिस से नोंक-झोंक की बात से इनकार किया।
दूसरे दिन भी बंद रहा जयरामपुर सुशी आउटसोर्सिंग
घटना के बाद से बीसीसीएल व आउटसोर्सिंग प्रबंधन भी सकते में है। बुधवार की रात से ही प्रबंधन ने जयरामपुर सुशी असाउटसोर्सिंग, लोदना क्षेत्र के नौ व छह नंबर साइडिंग, कुजामा डिस्पैच बंद रखा था। हालांकि यह बंदी किसी ने नहीं कराई। प्रबंधन ने सुरक्षा कारणों से बंद रखा।
मृतक के स्वजन की ओर से शुक्रवार की रात तक कोई शिकायत नहीं किया गया है। शिकायत मिलने पर विधि संवत कार्रवाई किया जाएगा। पुलिस मामले की छानबीन में लगी है। - गौतम कुमार, (प्रभार) प्रभारी, लोदना ओपी।
अंत में पुलिस व बीसीसीएल अधिकारी ने दिया अंतिम विदाई
घटना के तीसरे दिन काफी हो हंगामा व पुलिसकर्मियों के साथ नोक-झोक के बाद कार्यालय गेट के समीप एम्बुलेंस में शव को रखने के बाद मृतक गोपाल बढ़ी, चिराग पासवान व सुषमा कुमारी के शव पर फूल व माला चढ़ा कर जोड़ापोखर सर्किल इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार, तिसरा थाना प्रभारी सुमन कुमार, झरिया थाना प्रभारी शशि रंजन कुमार, घनुडीह ओपी प्रभारी पंकज कुमार, बोर्रगढ़ ओपी प्रभारी निरंजन कुमार व एनटीएसटी परियोजना पदाधिकारी संजीव कश्यप सहित अन्य पदाधिकारियों ने अंतिम विदाई दी।
शव उठाने के बाद एम्बुलेंस के साथ कोई लोग जा रहे थे। तीनों के अंतिम विदाई की तैयारी को लेकर स्वजन सहित आस पड़ोस के लोग तैयारी कर रखे थे।
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