कतरास भू-धंसान में मृतकों के परिजनों को मुआवजा और नौकरी, दाह संस्कार के लिए तत्काल 50 हजार रुपये की सहायता
तेतूलमारी में भू-धंसान हादसे के बाद कतरास में त्रिपक्षीय वार्ता हुई। कंपनी ने मृतकों के परिजनों को 20 लाख रुपये मुआवजा और नौकरी देने का प्रस्ताव रखा जिस पर सहमति बनी। नौकरी न लेने पर एचपीसी के तहत वेतन मिलेगा। दाह संस्कार के लिए 50 हजार और एंबुलेंस की सुविधा भी दी जाएगी। कंपनी बीमा राशि का भुगतान भी करेगी।

संवाद सूत्र, तेतूलमारी। एकेडब्ल्यूएमसी परियोजना में संचालित मां अंबे आउटसोर्सिंग कंपनी में हुए भूधंसान हादसे में हुए छः कर्मियों की मौत के बाद, शनिवार दोपहर को कतरास क्षेत्रीय कार्यालय में एक त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित की गई।
तीन घंटे तक चली गहमागहमी के बीच, कंपनी प्रबंधन ने पहले 15 लाख रुपये का मुआवजा देने का प्रस्ताव रखा, जिस पर पीड़ितों के स्वजन और स्थानीय लोग भड़क गए।
काफी बहस के बाद दोनों पक्षों के बीच एक समझौता हुआ। समझौते के तहत कंपनी मृतकों के आश्रितों को निम्न सुविधाएं प्रदान करने पर सहमति जताई...
20 लाख रुपये का नकद मुआवजा : यह राशि एफिडेविट जमा करने के बाद आश्रितों को दी जाएगी।
नौकरी का प्रस्ताव : मृतक के एक आश्रित को कंपनी में नौकरी दी जाएगी।
नौकरी न लेने वालों के लिए विकल्प : यदि कोई आश्रित किसी कारणवश नौकरी नहीं लेना चाहता, तो उसे एचपीसी के तहत वेतन और उम्र के मुताबिक अतिरिक्त राशि (कान्सुलेशन) दी जाएगी।
अन्य सुविधाएं : दाह संस्कार के लिए 50 हजार रुपये की तत्काल सहायता और शवों को ले जाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा भी दी जाएगी।
बीमा राशि : कंपनी बीमा से मिलने वाली राशि का भी भुगतान करेगी।
इस वार्ता में अंगारपथरा और तेतुलमारी थाना प्रभारी प्रवीण कुमार, विवेक चौधरी और एसआई दुर्गेश सिंह मौजूद थे। आउटसोर्सिंग कंपनी की ओर से जीएम राणा चौधरी और शर्मा उपस्थित थे।
इसके अलावा मुखिया निरंजन गोप, हरेंद्र सिंह, सन्नी सिंह, रिंकू सिंह, राजू सिंह, प्रकाश सिंह, प्रदीप महतो, ठाकुर महतो, बिरेन्द्र राम और अमजद हुसैन सहित कई अन्य प्रतिनिधि भी इस बैठक में मौजूद रहें।
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