31 को रिटायर हो रहे कोयला सचिव डॉ. अनिल जैन, श्रमिकों को सता रही चिंता- कहीं फंस न जाए पेंशन बढ़ोतरी का मामला
डॉ. अनिल की जगह कोयला मंत्री के निवर्तमान ओएसडी अमृत लाल मीणा नए कोयला सचिव होंगे। बहरहाल व्यवस्था बदलने पर कोयला श्रमिकों के पेंशन फंड को मजबूत करने की दिशा में लिए गए निर्णय पर अब मंत्रालय की अनुमित मिलती है या नहीं इसपर संशय की स्थिति बनी हुई है।

धनबाद [आशीष अंबष्ठ]: कोयला सचिव डाॅ. अनिल कुमार जैन 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनकी जगह कोयला मंत्री के निवर्तमान ओएसडी अमृत लाल मीणा नए कोयला सचिव होंगे। बहरहाल, व्यवस्था बदलने पर कोयला श्रमिकों के पेंशन फंड को मजबूत करने की दिशा में लिए गए निर्णय पर अब मंत्रालय की अनुमित मिलती है या नहीं, इसपर संशय की स्थिति बनी हुई है।
गौरतलब है कि कोल इंडिया ने कोयला खान भविष्य निधि पेंशन फंड को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए प्रति टन कोयले पर 10 रुपये वोलेंटियरी कंट्रीब्यूशन देने पर अपनी सहमति दी थी। उसके बाद इस राशि में बढ़ोतरी करते हुए 20 रुपये प्रति टन किया गया। प्रस्ताव पर मंजूरी के लिए कोयला मंत्रालय में फाइल अटकी हुई है। कोयला खान भविष्य निधि संगठन के आयुक्त वीके मिश्रा ने बताया कि प्रस्ताव मंत्रालय में है। क्या होता है, इस पर नजर है। बताया कि अगर 31 अक्टूबर तक अनुमति मिल जाती है तो पेंशन फंड में बढ़ोतरी हो सकेगी, वरना फिर नए कोयला सचिव के रुख के अनुसार इसपर निर्णय लिया जा सकेगा। वैसे फंड देने पर कोल इंडिया बोर्ड ने अपनी सहमति दे दी है। लंबे समय से इसको लेकर मंथन किया जा रहा था। यह राशि सीधे सीएमपीएफ पेंशन मद में जमा होगी।
बढ़ोतरी के बाद सीएमपीएफ के खाते में जमा होंगे अतिरिक्त 11 सौ करोड़ रुपये
पेंशन मद में बढ़ोतरी को अगर हरी झंडी मिलती है तो कोल इंडिया से सीएमपीएफ के खाते में सालाना करीब 11 सौ करोड़ रुपये अतिरिक्त जमा होंगे। वैसे यह कोयला उत्पादन और डिस्पैच पर भी निर्भर होगा। अगर कोल इंडिया के डिस्पैच में बढ़ोतरी होती है तो यह राशि और बढ़ेगी। वहीं अगर डिस्पैच में कमी आती है तो पेंशन मद की राशि में भी कमी आएगी। कोल इंडिया मौजूदा समय में करीब 700 मिलियन टन कोयला उत्पादन और डिस्पैच के लक्ष्य के साथ काम कर रही है।
सीएमपीएफ से अभी जुड़े हैं करीब छह लाख पेंशनभोगी
कोयला खान भविष्य निधि संगठन में मौजूदा समय में पेंशनरों की संख्या 5 लाख 92 हजार है। इन्हें 73 रुपये से लेकर 42 हजार रुपये तक प्रतिमाह पेंशन का भुगतान होता है। इस मद में हर महीने करीब 200 करोड़ की राशि की निकासी होती है।

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