Coal Ministry तक पहुंची शिकायत, सालानपुर जीएम हटाए गए; ECL के सामने क्वालिटी कोयला सप्लाई की चुनौती
Eastern Coalfields Limited: कोल मंत्रालय तक शिकायत पहुंचने के बाद सालानपुर के जीएम को हटा दिया गया है। ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL) के सामने अब गु ...और पढ़ें

पावर प्लांटों को चाहिए गुणवत्तापूर्ण कोयला। (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, धनबाद। Eastern Coalfields Limited: कोयले की गुणवत्ता को लेकर पावर प्लांटों से लगातार मिल रही शिकायतों ने कोल इंडिया (Coal India) की अनुषंगी इकाई ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ECL) की चिंता बढ़ा दी है। मामला कोयला मंत्रालय तक पहुंच चुका है। खराब गुणवत्ता के कारण कई पावर प्लांटों ने कोयले की मांग घटा दी है, जिससे ईसीएल को आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
ईसीएल की चार एरिया से पावर प्लांटों को कोयले की आपूर्ति की जाती है-धनबाद का मुगमा एरिया, देवघर का चितरा एसपी माइंस, गोड्डा का राजमहल एरिया और पश्चिम बंगाल का सालानपुर एरिया।
सालानपुर में कार्रवाई, अन्य एरिया पर भी गाज तय
कोयला गुणवत्ता को लेकर 8 और 13 दिसंबर को ईसीएल के सीएमडी सतीश झा ने सालानपुर एरिया का दौरा किया। इसके बाद कड़ा कदम उठाते हुए वहां के महाप्रबंधक वाइके सिंह का तबादला कर दिया गया। मुख्यालय में पदस्थापित जीएम ओपी धमेंद्र कुमार सिंह को तत्काल सालानपुर एरिया का प्रभार सौंपते हुए ज्वाइनिंग भी करा दी गई।
इधर मुगमा और चितरा एरिया को लेकर भी लगातार शिकायतें मिल रही हैं। मुख्यालय प्रबंधन ने रविवार को इसकी पुष्टि करते हुए संकेत दिए हैं कि इन दोनों एरिया में भी जल्द सख्त कार्रवाई हो सकती है। उच्च प्रबंधन पूरी टीम को कोलियरी से लेकर एरिया स्तर तक बदलने की तैयारी में है।
मुगमा व चितरा को अंतिम चेतावनी
ईसीएल को पावर प्लांटों को कुल 90 लाख टन कोयला सप्लाई करना है, लेकिन मौजूदा स्थिति काफी खराब है। कोयला नहीं बिक पाने के कारण कंपनी आर्थिक तंगी से गुजर रही है। लगातार चेतावनी के बावजूद मुगमा, चितरा और सालानपुर एरिया में सुधार नहीं हो रहा, जिसके चलते इन एरिया का कोयला स्टॉक तेजी से बढ़ गया है।
चितरा माइंस से कोयले का डिस्पैच जामताड़ा रेलवे साइडिंग से होता है। मुगमा एरिया से कोयले की आपूर्ति खुदिया सेंट्रल पुल के माध्यम से होती है। जांच में कोयले में पत्थर की अधिक मात्रा पाई गई है। इसी वजह से डीवीसी, एनटीपीसी समेत कई पावर प्लांटों ने कोयला लेने से इनकार कर दिया है।
राजमहल एरिया की स्थिति बेहतर
राजमहल एरिया में कोयले की गुणवत्ता को लेकर कोई शिकायत नहीं है। यहां से बेहतर ढंग से सप्लाई हो रही है। राजमहल का 60 लाख टन कोयला बिहार के पिरपैती पावर प्लांट को भेजने पर सहमति बनी है, जिससे इस एरिया की कोयला मांग और बढ़ेगी।
पावर प्लांट सप्लाई एग्रीमेंट (लाख टन में)
मुगमा एरिया – 25
चितरा एरिया – 15
सालानपुर एरिया – 50
ईसीएल की राजमहल, मुगमा, चितरा और सालानपुर एरिया का कोयला पावर कोल ग्रेड का है, लेकिन राजमहल को छोड़कर बाकी तीनों एरिया से खराब गुणवत्ता का कोयला सप्लाई हो रहा है। लगातार शिकायत मिल रही है। मुख्यालय से दिशा-निर्देश देने के बावजूद सुधार नहीं हुआ है। इस कारण अल्टीमेटम दिया गया है। इसके बाद पूरी टीम बदली जाएगी। अधिकारियों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना होगा, अन्यथा कार्रवाई तय है।-सतीश झा, सीएमडी, ईसीएल

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