कोयला मंत्रालय कोल ब्लॉक नीलामी को तैयार, श्रम संगठन का विरोध
केंद्रीय श्रम संगठन के विरोध के बाद भी कोयला मंत्रालय कोयला ब्लॉक आवंटन को लेकर अपना विचार नहीं बदल रही है। पहले के दो चरण में कोल ब्लॉक नीलामी प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के बाद अब 11 और कोल ब्लॉक को इसमें शामिल किया गया है।

जागरण संवाददाता, धनबाद : केंद्रीय श्रम संगठन के विरोध के बाद भी कोयला मंत्रालय कोयला ब्लॉक आवंटन को लेकर अपना विचार नहीं बदल रही है। पहले के दो चरण में कोल ब्लॉक नीलामी प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के बाद अब 11 और कोल ब्लॉक को इसमें शामिल किया गया है। इसमें झारखंड का कोल ब्लॉक शामिल है। वहीं इंटक, बीएमएस, सीटू, एचएमएस, एटक सहित तमाम श्रम संगठन कमर्शियल माइनिंग का विरोध कर रही है। सरकार इनकी बातों को पूरी तरह से नजर अंदाज कर अपने ढंग से काम करने में लगी है। बीएमएस से संबंद्ध अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के महासचिव सुधीर घुर्डे ने धनबाद दौरे के क्रम में कहा था कि केंद्र सरकार कोल इंडिया को एक साजिश के तहत बरबाद करना चाहती है। कोल ब्लॉक की नीलामी का बीएमएस कड़ा विरोध करती है। सरकार की कथनी और करनी में काफी अंतर है। इधर, इंटक के राष्ट्रीय सचिव व फेडरेशन अध्यक्ष विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिहं ने कहा कोयला उद्योग को निजीकरण किया जा रहा है। इसका मिलकर पूरी एकजुटता के साथ विरोध करना होगा। इंटक इसका हमेशा से विरोध करती है। मजदूरों को एकजुट होने की जरूरत है। जोरदार आंदोलन करना होगा।
इस नए नीलामी प्रक्रिया में कोयला खदान और सफल बोलीदाता से उत्पादित किसी भी तरीके से कोयला बेचने के लिए स्वतंत्र होगा। खदान-विशिष्ट विवरण के साथ खदानों की एक अस्थायी सूची प्रदान की गई है, जिसमें कोयला मंत्रालय ने 4 फरवरी और 11 और कोयला खदानों को इस लिस्ट में जोड़ा है।

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