Coal India ने ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ाए कदम, डीवीसी के साथ मिलकर झारखंड में लगाएगी ब्राउनफील्ड थर्मल प्लांट
Coal India: कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) और दामोदर वैली कारपोरेशन (डीवीसी) झारखंड के चंद्रपुरा में 1600 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट संयुक्त रूप से स्थापित करेंगे। इस परियोजना का उद्देश्य बिजली उत्पादन बढ़ाना, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और रोजगार के अवसर पैदा करना है। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।

बोकारो के चंद्रपुरा में स्थापित होगा ब्राउनफील्ड थर्मल पावर प्लांट।
जागरण संवाददाता, धनबाद। कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) और दामोदर घाटी निगम (DVC) झारखंड के बोकारो जिले के चंद्रपुरा में 1600 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल क्षमता वाला ताप विद्युत संयंत्र (थर्मल पावर प्लांट) स्थापित करेंगे। शुक्रवार को कोलकाता स्थित कोल इंडिया मुख्यालय में इस परियोजना के लिए दोनों संस्थानों के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।
इस अवसर पर कोयला मंत्रालय के अवर सचिव एवं कोल इंडिया के चेयरमैन आईएएस सनोज कुमार झा और डीवीसी के सीएमडी आईएएस आशिम कुमार मोदी मौजूद थे। समझौते पर कोल इंडिया के कार्यकारी निदेशक (नवीकरणीय) तुषार कुमार और डीवीसी के कार्यकारी निदेशक (वितरण) राजेश कुमार ने हस्ताक्षर किए।
कोल इंडिया के निदेशक (व्यावसायिक विकास) आशीष कुमार ने बताया कि इस परियोजना पर करीब 21,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसमें कोल इंडिया और डीवीसी की हिस्सेदारी 50:50 प्रतिशत होगी। परियोजना का प्रबंधन संयुक्त रूप से संचालित किया जाएगा और 2030-31 तक बिजली उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस ब्राउनफील्ड ताप विद्युत परियोजना में 800-800 मेगावाट की दो इकाइयां स्थापित की जाएंगी। इससे देश की बेसलोड बिजली उत्पादन क्षमता को मजबूती मिलेगी और भारत के ऊर्जा परिवर्तन लक्ष्यों को गति मिलेगी। संयंत्र के लिए आवश्यक कोयला कोल इंडिया की सहायक कंपनी सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) से आपूर्ति किया जाएगा।
कोयला मंत्रालय के अवर सचिव सनोज कुमार झा ने कहा कि कोल इंडिया अब सिर्फ कोयला उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि ऊर्जा के विभिन्न क्षेत्रों में कदम बढ़ा रही है। आने वाले समय में इन पहलों का देश की ऊर्जा सुरक्षा पर सकारात्मक असर दिखेगा।
ब्राउनफील्ड का अर्थ
ब्राउनफील्ड उस भूमि या क्षेत्र को कहा जाता है जहाँ पहले से कोई औद्योगिक या व्यावसायिक गतिविधि हो चुकी हो, लेकिन अब वह बंद या अनुपयोगी हो गया हो। ऐसे क्षेत्रों का पुनः विकास या विस्तार करना ब्राउनफील्ड विकास कहलाता है। इसमें पुरानी जमीन, भवन या ढांचे का दोबारा उपयोग किया जाता है, जिससे पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ता है और लागत भी कम आती है। उदाहरण के लिए, बंद फैक्ट्री की जगह नया उद्योग स्थापित करना या पुराने बंदरगाहों का आधुनिकीकरण करना। इसके विपरीत, बिल्कुल नई भूमि पर परियोजना शुरू करना ग्रीनफील्ड विकास कहलाता है। चंद्रपुरा में डीवीसी के बंद पावर प्लांट के स्थान पर नया प्लांट स्थापित किया जाएगा।

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