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    Coal India में लगातार घटती जा रही है नियमित कर्मचारियों की संख्‍या, ठेका श्रमिकों की संख्‍या में हो रहा इजाफा

    By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen
    Updated: Fri, 28 Jul 2023 01:47 PM (IST)

    Dhanbad Coal India News कोल इंडिया में एक तरफ नियमित कर्मचारियों की संख्‍या घटती जा रही है वहीं ठेका श्रमिकाें की संख्‍या बढ़ती जा रही है। नियमित कर्मचारियों की संख्‍या करीब आठ लाख से घटकर सवा दो लाख तक पहुंच गई है। अब चूंकि ककोयला उत्‍पादन बढ़ रहा है ऐसे में विभागीय श्रमिकों की जरूरत काफी ज्‍यादा है। विभागीय श्रम शक्ति बढ़ाने क जरूरत है।

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    कोल इंडिया में विभागीय श्रम शक्ति लगातार घटती जा रही।

    जागरण संवाददाता, धनबाद। Dhanbad Coal India News: कोयला उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने के लिए नई परियोजनाओं पर केंद्र सरकार का विशेष ध्यान है। इस दिशा में कोल इंडिया में विभागीय श्रम शक्ति लगातार घटती जा रही है, वहीं ठेका श्रमिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसको लेकर अब श्रम संगठन के प्रतिनिधि गोलबंद होने लगे हैं। कोल इंडिया व अनुषांगिक कंपनियों में करीब आठ लाख से घटकर नियमित कर्मचारियों की संख्या सवा दो लाख तक पहुंच गई है। वहीं 48 फीसदी ठेका श्रमिक की संख्या बढ़ गई है।

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    कोल इंडिया में 2,26,832 के मुकाबले 89,079 ठेका श्रमिक नियोजित हैं। सबसे अधिक 21590 ठेका श्रमिक महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड में कार्यरत हैं। इसके बाद एनसीएल और एसईसीएल में हैं। बीसीसीएल में इनकी संख्या 6,110 है। जुलाई, 2022 तक रिपोर्ट में कोयला मंत्रालय ने इसका जिक्र किया है। कोल इंडिया एवं अनुषांगिक कंपनियों में एक नवम्बर, 2022 की स्थिति में दो लाख 26 हजार 832 कर्मचारी कार्यरत हैं। अधिकारियों की संख्या 15 हजार 644 है।

    नहीं मिल रहा एचपीसी का लाभ

    ठेका श्रमिकों को हाई पावर कमेटी के तहत वैधानिक कार्यों में लगाने पर रोक है, लेकिन आउटसोर्सिंग कंपनियां ठेका श्रमिकों को सभी प्रकार के काम में लगा रही है। जिसके कारण विभागीय श्रमिकों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। इसके लिए कोल इंडिया द्वारा कोल कंपनियों को गाइड लाइन जारी किया गया है, जो कागज तक सिमट रह गया है।

    कंपनीवार ठेका कामगारों की संख्या

    ईसीएल 7,045
    बीसीसीएल 6,110
    सीसीएल 6,461
    डब्ल्यूसीएल 11,107
    एसईसीएल 14,912
    एमसीएल 21,590
    एनसीएल 20,265
    सीएमपीडीआईएल 908
    एनईसी 369
    एनईसीसीआईएल (मुख्यालय)

    विभागीय श्रमिकों की संख्या घट रही है। वैधानिक पदों पर भी बहाली नहीं हो रही है। जो सबसे अहम है। सुरक्षा के लिहाज से भी खराब है। कोयला उत्पादन काफी तेजी से बढ़ा है। ऐसे में विभागीय श्रम शक्ति बढ़ाने की जरूरत है।

    --- मानस चटर्जी, सीटू