चौहान, बेलदार, नोनिया और बिंद जातियों पर झारखंड सरकार मेहरबान नहीं, ढुलू को मिला यह जवाब
झारखंड के पड़ोसी राज्य- पश्चिम बंगाल मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में अनुसूचित जाति का दर्जा प्राप्त है। इसलिए राज्य में भी इन्हें मुख्य धारा में शामिल कराने के लिए अनुसूचित जाती में शामिल किया जाए।
जागरण संवाददाता, धनबाद। झारखंड के चौहान, बेलदार, नोनिया और बिंद जाति के लोगों का जातीय वर्गीकरण यथावत बना रहेगा। राज्य सरकार ने उनको जनजातीय वर्ग में शामिल नहीं करने का निर्णय किया है। इसको राज्य सरकार ने मंगलवार को विधान सभा में स्पष्ट कर दिया है। दरअसल धनबाद जिले के बाघमारा से भाजपा विधायक ढुलु महतो ने विधान सभा में लिखित रूप से इन जातियों को अनुसूचित जाती का दर्जा दिए जाने की मांग की थी। महतो ने अपने सवाल में कहा था कि इनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति अत्यंत दयनीय है। साथ ही पड़ोसी राज्यों बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में अनुसूचित जाति का दर्जा प्राप्त है। इसलिए राज्य में भी इन्हें मुख्य धारा में शामिल कराने के लिए अनुसूचित जाती में शामिल किया जाए।
झारखंड सरकार ने महतो को लिखित में दिया कि राज्य सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है। राज्य सरकार का कहना था कि ये नोनिया, बिंद एंव बेलदार जाति राज्य के अत्यंत पिछड़े वर्गों की सूची के क्रमश: क्रमांक 42, 53, और 52 पर दर्ज हैं। साथ ही रांची के डा रामदयाल मुंडा शोध संस्थान से मांगे गए मंतव्य के आलोक में इनकी जाति परिवर्तन की कोई आवश्यकता नहीं है। इसलिए इनको मूल वर्ग में ही बनाए रखा जा रहा है।
सरकार ने इस जवाब से नाखुश विधायक ढुलु महतो ने बताया कि वे इसको लेकर एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरने से मिलेंगे और उनको इन जातियों को अनुसूचति जाति में शामिल कराने के लिए अनुरोध करेंगे। यदि ऐसा नहीं होता है तो वे अपनी पार्टी के वरीय नेताओं से मिलकर इस संबंध में एक आंदोलन चलाने का अुनरोध करेंगे। उनकी कोशिश हर हाल में इन जाति के लोगों को अनुसूचित जाति में शामिल कराना होगी। इसके लिए वे व्यक्तिगत तौर पर भी आंदोलन करने में पिछे नहीं हटेंगे।