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    Chhath Puja 2022: छठ घाटों पर गूंज रहे गीत- शीतली बयरिया शीतल दूजे पनिया... कब देब देवता, तू आके दर्शनिया

    By Jagran NewsEdited By: Deepak Kumar Pandey
    Updated: Sun, 30 Oct 2022 02:36 PM (IST)

    लोक आस्था के महापर्व छठ के रंग में पूरा धनबाद रंगा हुआ है। माहौल भक्तिमय हो चुका है। घर-घर में छठ गीत गुंजायमान हैं। सभी लोग पवित्रता को ध्यान में रखते हुए पूजा कर रहे हैं। छठ पूजा पर आज शाम भगवान सूर्य को पहला अर्घ्‍य दिया जाएगा।

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    उगते हुए सूर्य को अर्घ्‍य देने के साथ चार दिनों के इस महापर्व का समापन होगा।

    जासं, धनबादः लोक आस्था के महापर्व छठ के रंग में पूरा धनबाद रंगा हुआ है। माहौल भक्तिमय हो चुका है। घर-घर में छठ गीत गुंजायमान हैं। सभी लोग पवित्रता को ध्यान में रखते हुए पूजा कर रहे हैं। छठ पूजा पर आज शाम भगवान सूर्य को पहला अर्घ्‍य दिया जाएगा। हालांकि अभी से ही छठ घाट गुलजार नजर आ रहे हैं। घाट पर लाउडस्‍पीकर से छठ के गीत गूंज रहे हैं।

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    अर्घ्‍य देने के लिए स्वजन के साथ छठव्रती गीत गाते हुए तालाब तक जाएंगे और विधि विधान से पूजा के बाद सूर्यास्त के समय अर्घ्‍य देंगे। इसके बाद कल यानी सोमवार की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्‍य देने के साथ चार दिनों के इस महापर्व का समापन होगा।

    भुईफोड़ मंदिर के पुजारी सुबोध पांडेय के अनुसार, छठ पर्व पर पहला अर्घ्‍य अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाता है। इस समय जल में दूध डालकर सूर्य की अंतिम किरणों को अर्घ्‍य दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि सूर्य की एक पत्‍नी का नाम प्रत्यूषा है और यह अर्घ्‍य उन्हीं को अर्पित किया जाता है। संध्या समय अर्घ्‍य देना विशेष फलदायी माना जाता है। छठ का पहला अर्ध्य देने के साथ श्रद्धालु परिवार की सुख समृद्धि की कामना करते हैं।

    बता दें कि शनिवार को खरना का प्रसाद ग्रहण करने के साथ छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हाे गया है। छठ महापर्व को लेकर शनिवार को शहर में विभिन्न जगहाें पर सुबह से ही चहल-पहल रही। शाम में व्रतियों ने विधि-विधान से छठी मैया की पूजा-अर्चना की। इस दौरान व्रतियाें के घर दिनभर छठ मइया के गीतों से गुंजायमान रहे। यह सिलसिला आज भी जारी है।

    अर्घ्‍य देने के लिए तालाबों पर किए गए विशेष इंतजाम

    शहर में छठ पूजा पर अर्घ्‍य देने के लिए छोटे-बड़े सभी तालाब और घाट सज-धज कर तैयार हैं। सभी तालाबों की साफ-सफाई पूर्ण कर ली गई है। सड़कों पर भी आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है। मुख्‍य रूप से विकास नगर तालाब, बरमसिया आम तालाब, रानी बांध, बेकार बांध, पंपू तालाब, सरायढेला राजा बांध, धैया रानी बांध व मनईटांड़ छठ तालाब में अधिक भीड़ जुटती है। इसके साथ ही शहर के कई लोग अपने घर की छत व आंगन में भी सायरा बनाकर छठ पूजा पर अर्घ्‍य देते हैं।