Dhanbad Judge Death Case: ऑटो चालक और उसके साथी को लेकर दिल्ली रवाना हुई सीबीआइ टीम, हैदराबाद में होगा नार्को टेस्ट
Dhanbad Judge Death Case आरोपित ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा की पहले लाई डिटेक्टर टेस्ट हुआ। अब नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग की तैयारी है। इसके लिए सीबीआइ दोनों आरोपितों को साथ में लेकर धनबाद से नई दिल्ली रवाना हो गई है।

जागरण संवाददाता, धनबाद। सीबीआइ की टीम धनबाद के जिला एवं संत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की माैत की जांच के लिए जो भी वैज्ञानिक तरीके अपनाए जा सकते हैं, अपना रही है। आरोपित ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा की पहले लाई डिटेक्टर टेस्ट हुआ। अब नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग की तैयारी है। इसके लिए सीबीआइ दोनों आरोपितों को साथ में लेकर सोमवार की रात धनबाद से नई दिल्ली के लिए राजधानी एक्सप्रेस से रवाना हो गई। दिल्ली से दोनों को नार्को टेस्ट के लिए हैदराबाद ले जाया जाएगा। धनबाद स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत ने नार्को टेस्ट के लिए 10 दिनों के लिए आरोपितों को रिमांड पर दिया है।
28 जुलाई की सुबह जज उत्तम आनंद की हुई थी माैत
जज उत्तम आनंद की माैत 28 जुलाई की सुबह हुई थी। वह घर से सुबह की सैर पर निकले थे। धनबाद के रणधीर वर्मा चाैक पर 5: 8 मिनट पर एक ऑटो ने धक्का मार दिया। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित किया। घटना का सीसीटीवी फुटेज देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि यह हादसा नहीं है। जज को जानबूझकर धक्का मारा गया। इस घटना को सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। झारखंड सरकार की अनुशंसा पर मामले की जांच की जिम्मेवारी सीबीआइ को साैंप दी गई।
20 दिन बाद भी साजिश के सवाल का कोई जवाब नहीं
28 जुलाई को जिला एवं सत्र न्यायाधीश की माैत हुई। इसके बाद यह सवाल उठा कि यह हादसा है या साजिश। पहले झारखंड सरकार द्वारा गठित एसआइटी ने मामले की जांच की। इसके बाद सीबीआइ जांच कर रही है। जज को धक्का मारने वाले ऑटो के चालक लखन वर्मा और उसके साथ बैठा राहुल वर्मा को सीबीआइ रिमांड पर लेकर तफ्तीश कर रही है। लेकिन 20 दिन में कोई भी एक ऐसा साक्ष्य नहीं मिला है तो साजिश की ओर इशारा करते हों।
पांच लाख के ईनाम की घोषणा
जज हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ की टीम ने साजिश का पता लगाने के लिए पांच लाख रुपये के ईनाम की घोषणा की है। अगर किसी के पास घटना की साजिश से संबंधित कोई तथ्य या जानकारी है तो वह सीबीआइ को बता सकता है। इसके बदले सीबीआइ उसे पांच लाख रुपये का ईनाम देगी।
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