हेमंत सोरेन की भाभी समेत 9 के खिलाफ चोरी, रंगदारी और किडनैपिंग का मामला दर्ज; पूर्व PA ने लगाए आरोप
धनबाद में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन समेत नौ लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है। सीता सोरेन के पूर्व पीए ने चोरी रंगदारी मारपीट और अपहरण जैसे आरोप लगाए हैं। अदालत ने मामले को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। शिकायत में शादी समारोह में बुलाकर मारपीट करने और अवैध हथियार के मामले में फंसाने का आरोप है।

जागरण संवाददाता, धनबाद। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन समेत नौ अन्य के विरुद्ध मंगलवार को धनबाद की अदालत में मुकदमा दर्ज किया गया है। जगन्नाथपुर, रांची निवासी सीता सोरन के पूर्व पीए देवाशीष मनोरंजन घोष ने हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन, बरबड्डा निवासी सुनील चौधरी उर्फ सुनील पासी समेत 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 303(2), 308(4), 115(2), 126(2), 316(2), 318(4), 14](3), 61(2) चोरी, रंगदारी, मारपीट, चीटिंग अपहरण एवं आपराधिक षड्यंत्र का केस दर्ज किया गया है।
धनबाद के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला की अदालत ने देवाशीष के अधिवक्ता के के तिवारी की दलील सुनने के बाद मुकदमे को सुनवाई के लिए स्वीकृत कर लिया है।
क्या है आरोप?
देबाशीष ने अदालत में दायर शिकायतवाद में आरोप लगाया है कि वह सीता सोरेन का निजी सचिव था। 6 मार्च 25 को सीता सोरेन ने उसे कतरास में एक शादी समारोह में जाने के लिए कहा था, जिसके बाद वह अपनी गाड़ी से शादी समारोह में शामिल होने हेतु सीता सोरेन के साथ धनबाद आया।
समारोह में शामिल होने के बाद वह सोनोटोल होटल में विश्राम के लिए गया था। रात के 11.30 बजे सीता सोरेन के कहने पर सभी आरोपियों ने देवाशीष के साथ मारपीट कर उससे सादा कागज पर हस्ताक्षर करा लिया और उसके सारे एटीएम कार्ड लेकर विभिन्न जगह से चार लाख रुपए की निकासी कर ली।
देवाशीष ने आरोप लगाया है कि आरोपी सुनील चौधरी एवं राहुल नोनिया द्वारा लाए गए अवैध देसी कट्टा को जबरन देवाशीष को पकड़ाने की कोशिश की एवं थाना को सूचना कर सीता सोरेन ने अपने राजनीतिक पहुंच का फायदा उठाते हुए देवाशीष के विरुद्ध एक झूठा मुकदमा आर्म्स एक्ट के तहत सरायढेला थाना में दर्ज करवाकर उसे जेल भेजवा दिया।
देवाशीष ने आरोप लगाया है कि सभी आरोपियों ने उसका गाड़ी, जमीन के कागजात व अन्य सामान छीन लिए जो वापस नहीं किया। देवाशीष ने यह भी आरोप लगाया कि जब वह जेल से बाहर निकला और इस पूरी घटना की शिकायत सरायढेला थाना प्रभारी को 27 मई 25 को की थी, परंतु घाना के द्वारा कार्रवाई नहीं की गई।
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