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    Jagran Road Safety Campaign: यहां नियमों को तोड़ने की लगी है रेस, अपने जान की हिफाजत स्‍वयं करें!

    By Jagran NewsEdited By: Atul Singh
    Updated: Fri, 25 Nov 2022 10:36 AM (IST)

    बीमारी से अधिक दुर्घटना में लोगों की जान जा रही है। इसके लिए सड़कों की खामियां तो बड़ा कारण हैं ही इसके साथ ही नियमों को तोड़ना और चालकों में ड्राइविंग सेंस का न होना भी महत्वपूर्ण कारक है। गाड़ियों से अधिक यातायात के नियमों को तोड़ने की स्पीड है।

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    दैनिक जागरण ने गोविंदपुर से महुदा तक 45 किलोमीटर लंबी सड़क की पड़ताल की।

    धनबाद [आशीष सिंह]: बीमारी से अधिक आज सड़क दुर्घटना में लोगों की जान जा रही है। इसके लिए सड़कों की खामियां तो बड़ा कारण हैं ही, इसके साथ ही नियमों को तोड़ना और चालकों में ड्राइविंग सेंस का न होना भी महत्वपूर्ण कारक है। गाड़ियों से अधिक यातायात के नियमों को तोड़ने की स्पीड है। ओवरस्पीड, अचानक ब्रेक लगा देना, अपनी निर्धारित लेन में न चलना, कहीं भी गाड़ियां पार्क कर देना, यातायात नियमों का ज्ञान न होना, दो पहिया वाहन पर चारपहिया वाहन की तर्ज पर सामान लाद लेना, हेलमेट न लगाना, ये चंद नियम ऐसे हैं, जो धनबाद की सड़कों पर खुलेआम दिख रहा है। 35 प्रतिशत मौत का कारण यही वजह बन रहे हैं। सड़क सुरक्षा सेल के पूर्व प्रबंधक शुभंकर मित्रा का यही कहना है।

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    दैनिक जागरण ने गोविंदपुर से महुदा तक 45 किलोमीटर लंबी सड़क की पड़ताल की। इसमें खामियों के साथ ही ड्राइविंग सेंस, नियमों के पालन, सुरक्षा को लेकर सतर्कता व जागरूकता की स्थिति का आकलन किया गया। हर तरीके से कमजोरी दिखी। 19 प्रमुख बाजार एवं चौक-चौराहों की आधी सड़क में गाड़ियां खड़ी मिलीं। 12 जगह ऐसे हैं, जहां सड़कें कम चौड़ी हैं। इनमें गोविंदपुर से कुछ दूर आगे बढ़ते ही पेट्रोल पंप के पास, स्टील गेट, पार्क मार्केट चौराहा, डीआरएम आफिस से ठीक पहले, श्रमिक चौक, बैंक मोड़ बिरसा चौक, जेपी चौक, भूली कुसुंडा मोड़, गंसाडीह, मेन रोड पुटकी बाजार, कपूरिया-महुदा रोड प्रमुख रूप से शामिल है।

    गोविंदपुर-महुदा की 45 किमी की सड़क पर अनाधिकृत तौर पर 185 कट हैं। ये कट किसी न किसी मोहल्ले और लिंक सड़क को जोड़ते हैं। मुख्य मार्ग सटे इन सड़कों के बारे में बताने के लिए एक भी साइनेज नहीं है। स्पीड ब्रेकर को उभारने के लिए रंबल स्ट्रिप मिट चुकी है। 45 किमी की सड़क में सिर्फ जगह कपुरिया-महुदा रोड में 20 किमी का जिक्र करते हुए स्पीड लिमिट का बोर्ड लगा है। पिछले छह माह में यहां ऐसे 14 एक्सीडेंट हो चुके हैं। दो मौत भी हो चुकी है।

    ड्राइविंग सेंस नहीं के बराबर

    - सड़क पर चल रहे कार चालक सेफ्टी बेल्ट का नहीं करते प्रयोग, अधिकतर बाइक सवार बिना हेलमेट चला रहे गाड़ी।

    - गोविंदपुर से महुदा के बीच 400 से अधिक आटो का संचालन, 40 प्रतिशत की स्टीयरिंग नाबालिग के हाथ।

    - बाजार में स्पीड लिमिट 40 व इससे बाहर 60 किमी प्रतिघंटा, बावजूद बाजार में 60 से 80 किमी की रफ्तार से गाड़ियों का परिचालन।

    - सड़क किनारे ही जहां-तहां गाड़ियां खड़ी, इंडीगेटर का सही तरीके से प्रयोग नहीं। बिना इंडीगेटर दिए दाएं-बाएं घूम जाना भी हादसों की वजह बनती है।

    ये दिखीं कमियां

    - गोविंदपुर रोड : घुमावदार मोड़ है, साइनेज नहीं। पेट्रोल पंप के पास सड़क घुमावदार होने के कारण आगे से कौन सी गाड़ी आ रही है, इसकी जानकारी उधर से आनेवालों को नहीं हो पाती है। स्पीड लिमिट का साइनबोर्ड भी नहीं।

    - गोल बिल्डिंग : गाड़ी की स्पीड रोकने के लिए अवरोधक नहीं। मालवाहक वाहन भी हीरक रोड के सड़क किनारे खड़े रहते हैं।

    - स्टील गेट : यहां फुटपाथ पर दुकानें लगी हैं। आधी सड़क पर गाड़ियां खड़ी रहती हैं। कट रोड के लिए जेब्रा क्राॅसिंग भी नहीं है। स्टीलगेट मोड़ अतिक्रमण की शिकार है।

    - आइएसएम गेट से पुलिस लाइन : आइएसएम गेट से पुलिस लाइन ब्लैक स्पाट जोन है। इसके बावजूद सड़क किनारे दो दर्जन चौपाटी फुटपाथ और सड़क घेरकर लगे हुए हैं। डिवाइडर भी काफी छोटा है, कुछ जगह पर तो यह भी नहीं है।

    - रांगाटांड़ चौक : चौराहे के पास सड़क संकरी, दोनों ओर 150 से अधिक आटो का ठहराव। अगल-बगल के मोहल्ले में जाने के लिए आधा दर्जन कट, लेकिन इसे बताने के लिए न तो कोई बोर्ड और न ही साइनेज। जेब्रा कासिंग का चिह्न भी नहीं। जगह-जगह डिवाइडर टूटा हुआ है। रांग साइड गाड़ियों का आना-जाना।

    - बैंक मोड़ ओवरब्रिज : ओवरब्रिज का फुटपाथ दोनों ओर से टूट चुका है। लोग पुल पर चलने की जगह सड़क पर चलते हैं। ब्रिज के डिवाइडर पर रिफ्लेक्टर और रंबल स्ट्रिप नहीं।

    - मटकुरिया मुक्तिधाम के पास : पुल के बीच में डिवाइडर बना हुआ है। अमूमन 50 मीटर पहले साइनेज के माध्यम से इंगित करना था कि आगे पुल है, धीमी गति से चलें। डिवाइडर का रंबल स्ट्रिप पूरी तरह से मिट चुका है। पुल से सटकर एक साइनेज लगा हुआ है। इसका साइज और पैरामीटर छोटा है।

    - गोधर : छोटी पुलिया है। इसके पास कोई साइनेज नहीं है। यह भी ब्लैक स्पाट है। सड़क के बगल से जलापूर्ति पाइपलाइन गुजर रही है। एनएच पर यह काम पूर्णतया वर्जित है। यह दुर्घटना का बड़ा कारण भी है।

    - गंसाडीह : डिवाइडर के बीच लगी लोहे की जालियों के बीच-बीच में जगह छोड़ दी गई है। इसे नहीं छोड़ा जाना चाहिए था।

    - केंदुआ रोड : कई कट हैं, जेब्रा क्रासिंग नहीं। जितने भी कट हैं, वहां साइनेज नहीं है। केंदुआ में त्रिमुहानी है। मुख्य मार्ग जर्जर है, बड़ा सा गड्ढा हो चुका है। बगल में पाइपलाइन क्षतिग्रस्त है, 24 घंटे पानी बहकर सड़क पर आ रहा है।

    - मेन रोड पुटकी बाजार : सड़क पर ही टायर पंक्चर की दुकान। पास में ही आधी सड़क पर वेल्डिंग का भी काम हो रहा है। सियालगुदरी के पास बुश कटिंग यानी झाड़ियों की कटिंग नहीं है।

    - कपूरिया-महुदा : सड़क पर बस खड़ी रहती है। यह सड़क सुरक्षा के नियमों के विपरीत है।