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    राष्ट्रपति बनने से पहले मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था- बुझाई जा सकती है झरिया में जमीन के नीचे लगी आग

    By Jagran NewsEdited By: Deepak Kumar Pandey
    Updated: Sat, 15 Oct 2022 04:51 PM (IST)

    बाबूलाल मरांडी की सरकार ने राज्य को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे ले जाने का प्रयास किया था। इस दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री समरेश सिंह ने भारत के तत्कालीन प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार मिसाइल मैन डाॅक्‍टर एपीजे अब्दुल कलाम के राज्य में कई कार्यक्रम भी आयोजित कराए थे।

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    कार्यक्रम में राज्‍य के तत्‍कालीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री समरेश सिंह के साथ पूर्व राष्‍ट्रपति अब्‍दुल कलाम।

    गोविंद नाथ शर्मा, झरिया (धनबाद): वर्ष 2000 में बिहार से अलग होकर नया राज्य झारखंड बना था। अलग राज्य के गठन के बाद बाबूलाल मरांडी की सरकार ने राज्य को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे ले जाने का प्रयास किया था। इस दौरान बाबूलाल मरांडी सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री समरेश सिंह ने भारत के तत्कालीन प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार मिसाइल मैन डाॅक्‍टर एपीजे अब्दुल कलाम के राज्य में कई कार्यक्रम भी आयोजित कराए थे।

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    इसी क्रम में मंत्री समरेश सिंह के साथ मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम वर्ष 2002 में झरिया की भूमिगत आग से प्रभावित इंदिरा चौक का के दौरे पर पहुंचे थे। जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में यहां पहुंच कर मिसाइल मैन कलाम ने यहां की भूमिगत आग को बारीकी से देखा था। लगभग 15 मिनट तक यहां रुकने के बाद उन्होंने कहा था कि यहां अंडरग्राउंड फायर को रोका जा सकता है। फिर से यहां हरियाली लाई जा सकती है। मिसाइल मैन की कही बात आज भी यहां के लोगों को याद है। समाजसेवी महेंद्र सिंह मीनू, पिनाकी राय, मुरारी शर्मा आदि लोगों ने कहा कि मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम की बात को सुनकर उस समय झरिया के लोगों में काफी उम्‍मीद जगी थी, लेकिन अफसोस, केंद्र की सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था। यही कारण है कि केंद्र सरकार और बीसीसीएल प्रबंधन की दृढ इच्छा शक्ति के अभाव में झरिया की भूमिगत आग को एक सौ वर्षों के बाद भी पूरी तरह से बुझाया नहीं जा सका है।

    सिंदरी के कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे मिसाइल मैन

    समाजसेवी पिनाकी राय ने कहा कि जनवरी 2002 में धनबाद दौरे पर पहुंचे मिसाइल मैन का कार्यक्रम बीआईटी सिंदरी में आयोजित था। इस दौरान राज्य के तत्कालीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री समरेश सिंह ने उन्हें रास्ते में इंदिरा चौक के पास लगी जमीनी आग के बारे में बताया। मंत्री ने उनसे कुछ देर यहां की आग को देखने का आग्रह किया। डाॅक्‍टर कलाम मान गए। इसके बाद मिसाइल मैन ने इंदिरा चौक नाला के पास लगी आग और यहां से हो रहे गैस रिसाव को देखा था।

    झरिया से जाने के कुछ माह बाद ही मिसाइल मैन बन गए थे देश के 11वें राष्ट्रपति

    देश के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम झरिया का दौरा करने के कुछ माह बाद ही देश के 11वें राष्ट्रपति बने। मिसाइल मैन के राष्ट्रपति बनने के बाद राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री समरेश सिंह के साथ झरिया के महेंद्र सिंह मीनू व अन्य लोगों का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में राष्ट्रपति कलाम से मिला था। उनसे झरिया की भूमिगत आग को काबू में करने या बुझाने की मांग की थी।