BCCL Kustaur Area Scamः सीबीआइ की विशेष अदालत में सिविल इंजीनियर पर आरोप गठित, ठेकेदार एलबी सिंह गैरहाजिर
BCCL Kustaur Area Scamः धनबाद में बीसीसीएल कुस्तौर घोटाला मामले में सिविल इंजीनियर पर आरोप तय किए गए हैं। हालांकि, ठेकेदार एलबी सिंह कोर्ट में हाजिर न ...और पढ़ें

सीबीआइ की विशेष अदालत में कुस्तौर घोटाले में आरोप तय।
जागरण संवाददाता, धनबाद। BCCL Kustaur Area Scamः बीसीसीएल के कुस्तौर एरिया में फर्जी वर्क ऑर्डर के आधार पर हुए एक करोड़ 23 लाख रुपये के बहुचर्चित घोटाले मामले में अदालत ने सख्त रुख अपनाया है। इस मामले में आरोपी विजय कुमार ठाकुर, जो उस समय कुस्तौर क्षेत्र में सिविल इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे, के विरुद्ध अदालत में आरोप तय कर दिए गए हैं। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश विजय कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने सीबीआइ को गवाह प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
हालांकि, मामले के एक अन्य आरोपी ठेकेदार एलबी सिंह अदालत में उपस्थित नहीं हुए। उनकी ओर से अधिवक्ता ने आवेदन देकर बताया कि निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में रिवीजन याचिका दायर की गई है, जिस पर सुनवाई लंबित है।
क्या है पूरा मामला
सीबीआइ द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, बीसीसीएल के कुछ अधिकारियों ने ठेकेदार एलबी सिंह और कुंभनाथ सिंह के साथ आपराधिक साजिश रचते हुए 16 फर्जी वर्क ऑर्डर के आधार पर करोड़ों रुपये का भुगतान कर दिया। जिन कार्यों के नाम पर भुगतान हुआ, वे वास्तव में किए ही नहीं गए थे।
जांच में सामने आया कि वर्ष 2008 से 2011 के बीच कुस्तौर क्षेत्र में कुंभनाथ सिंह की फर्म मेसर्स डीके. सिंह इंटरप्राइजेज को नाला निर्माण, सड़क, चाहरदीवारी तथा सिविल व इलेक्ट्रिशियन से संबंधित कई कार्यों के टेंडर दिए गए थे।
आरोप है कि एलबी सिंह और कुंभनाथ सिंह ने बीसीसीएल के अधिकारियों की मिलीभगत से बिना कोई काम कराए ही भुगतान हासिल कर लिया। सीबीआई ने दावा किया कि इस गोरखधंधे के कारण सरकारी कोयला कंपनी बीसीसीएल को कुल एक करोड़ 23 लाख रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ।
कई अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट
जांच के दौरान सीबीआइ ने इस घोटाले में कई अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता पाई। इसके बाद दो जनवरी 2015 को सीबीआइ ने एलबी. सिंह, कुंभनाथ सिंह, विजय कुमार ठाकुर (सिविल इंजीनियर, कुस्तौर), देवकमल घोष (एसएफओ, सिजुआ), एके सेन गुप्ता, एसपी सिंह (जीएम, कुस्तौर), ज्योतिष चंद्रा (एजीएम), प्रमोद प्रसाद गुप्ता (सीएमपीपी), विमल प्रसाद (सीनियर ईडी), उमाशंकर खांडवे (एएफएम), भोलानाथ चौधरी (एकाउंट सहायक) तथा मो. बिकाउ (कैशियर, फाइनेंस) के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था।
बताया जाता है कि एके सेन गुप्ता के विरुद्ध चल रहे मामले को उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया है। वहीं ज्योतिष चंद्रा, प्रमोद प्रसाद गुप्ता, विमल प्रसाद, उमाशंकर खांडवे और एस.पी. सिंह जमानत पर हैं। जबकि देवकमल घोष, भोलानाथ चौधरी और मो बिकाउ की जमानत याचिका उच्च न्यायालय से खारिज हो चुकी है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।