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    BCCL पर हावी हो रहे MDO से दो-दो हाथ करने को CMD तैयार, बोले-परेशानी होगी, लेकिन हम कड़े निर्णय लेंगे

    By Ashish Kumar Ambastha Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Tue, 16 Dec 2025 01:25 PM (IST)

    Coal India: भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) के सीएमडी मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा कि कंपनी पर एमडीओ से जुड़े ठेकेदारों और असामाजिक तत्वों का दबाव बढ़ रहा ...और पढ़ें

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    कार्यशाला में सीआइएसएफ अधिकारियों के साथ बीसीसीएल सीएमडी मनोज अग्रवाल।

    जागरण संवाददाता, धनबाद। भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) की कोलियरियां काफी पुरानी हो चुकी हैं। पुरानी चीजें समय के साथ बीमार पड़ जाती हैं और उन्हें ठीक करने के लिए विशेषज्ञों की जरूरत होती है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ऐसे ही विशेषज्ञ के रूप में कार्य करते हुए कोयला चोरी और अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगाने की दिशा में बेहतर काम करें। BCCL के विकास के लिए यह अत्यंत आवश्यक है।

    ये बातें BCCL के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (CMD) मनोज कुमार अग्रवाल ने CISF द्वारा आयोजित दो दिवसीय कोयला क्षेत्र कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि चुनौतियां जरूर हैं, लेकिन घबराने से कुछ नहीं होगा। सभी को मिलकर काम करना होगा।

    इस कार्यशाला का उद्देश्य कोयला खनन एवं सुरक्षा क्षेत्र में उभरती चुनौतियों, जोखिम प्रबंधन और श्रेष्ठ कार्यप्रणालियों पर गहन चर्चा करना है। BCCL की ओर से कोयला चोरी सहित राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।

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    15 लाख लोगों का प्रतिनिधित्व करता है BCCL

    CMD ने कहा कि धनबाद जिले की लगभग 15 लाख आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से BCCL से जुड़ी है। इसके उतार-चढ़ाव का असर पूरे क्षेत्र पर पड़ता है। वर्तमान स्थिति में BCCL पर MDO (माइंस डेवलपर एंड ऑपरेटर) से जुड़े कुछ ठेकेदार, नेता और असामाजिक तत्व हावी होने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इससे निपटने के लिए कंपनी पूरी तरह तैयार है। भले ही परेशानियां आएं, लेकिन कंपनी और कर्मचारियों के बेहतर भविष्य के लिए अब कड़े निर्णय लेने का समय आ गया है।

    उन्होंने बताया कि सुरक्षा के लिए RFID, एक्सेस कंट्रोल सिस्टम, CCTV कैमरे लगाए गए हैं। इसके बावजूद यदि माइंस क्षेत्र से ट्रकों द्वारा कोयला चोरी हो रही है तो यह गंभीर चिंता का विषय है। BCCL में बड़ी संख्या में CISF के जवान तैनात हैं और तकनीक के बेहतर उपयोग से इस पर प्रभावी रोक लगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि तकनीक का उद्देश्य मानव हस्तक्षेप को कम करना है। यदि प्रवेश और निकासी बिंदुओं को नियंत्रित कर दिया जाए, तो अपने-आप सब कुछ सामने आ जाएगा।

    CMD ने कहा कि 2047 के विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए BCCL की प्रगति बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि धनबाद BCCL के कारण जाना जाता है और हजारों लोगों की आजीविका इससे चलती है, फिर भी BCCL को ही दोषी ठहराया जाता है। इस पर समाज को आत्ममंथन करने की जरूरत है।

    कार्यशाला में कोयला क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों, प्रैक्टिशनर्स और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। देशभर से CISF की कोयला-आधारित इकाइयों के अधिकारी इसमें शामिल हो रहे हैं। साथ ही कोयला खनन, औद्योगिक सुरक्षा और सुरक्षा प्रबंधन से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार साझा कर रहे हैं।

    कार्यशाला के पहले दिन रविवार को सांस्कृतिक संध्या एवं सामूहिक रात्रि भोज का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय प्रशासन, पुलिस, CBI, BCCL, DGMS, बैंकिंग क्षेत्र और CISF के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। कार्यक्रम में आईजी दीपक कुमार वर्मा, डीआईजी जे. तिवारी, BCCL निदेशक (मानव संसाधन) मुरली कृष्ण रमैय्या, तकनीकी निदेशक संजय कुमार सिंह, सीवीओ अमन राज सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।