BBMKU: अगस्त से धनबाद-बोकारो के सभी काॅलेजों में होगा एडमिशन, लागू की जाएगी नई शिक्षा नीति
काॅलेजों में सत्र 2022 से नई शिक्षा नीति के तहत ही एडमिशन होगा। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों की एचआरडी में चल रही बैठक में अब तक हुई चर्चा में यह साफ हो गया है। दो जुलाई से शुरू हुई बैठक का बुधवार को अंतिम दिन है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: काॅलेजों में सत्र 2022 से नई शिक्षा नीति के तहत ही एडमिशन होगा। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों की एचआरडी में चल रही बैठक में अब तक हुई चर्चा में यह साफ हो गया है। दो जुलाई से शुरू हुई बैठक का बुधवार को अंतिम दिन है। इस बैठक में बीबीएमकेयू के एनईपी को-ऑर्डिनेटर डाॅ. धनंजय कुमार सिंह भी शामिल हुए हैं।
बुधवार को बैठक खत्म होने के बाद सभी विश्वविद्यालय अपने-अपने स्तर पर दाखिले की तैयारी शुरू कर देंगे। इसी महीने तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी और अगस्त से स्नातक में दाखिला शुरू होगा। इस बार भी एडमिशन चांसलर पोर्टल के माध्यम से ही होगा। एडमिशन से पहले सिलेबस डिजाइन करने और सिलेबस कमेटी से स्वीकृति लेने और उसे एकेडमिक काउंसिल से पारित कराने समेत अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जाएगी। नई शिक्षा नीति को लेकर आठ जुलाई को बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इसके जरिए बीबीएमकेयू के अधीन सभी कालेजों को नई शिक्षा नीति लागू होने संबंधित जानकारी के साथ नए बदलाव से भी अवगत कराया जाएगा।
नई शिक्षा नीति लागू होने के फायदे
स्नातक चार साल का, नहीं पड़ेगी पीजी की जरूरत: नई शिक्षा नीति लागू होते ही स्नातक स्तर का पाठ्यक्रम चार वर्षों का हो जाएगा। चार साल कोर्स करने वाले छात्र छात्राओं को इसके बाद पीजी करने की जरूरत नहीं होगी बल्कि सीधे पीएचडी के लिए पात्र हो जाएंगे। पढ़ाई और परीक्षाएं सेमेस्टर आधारित ही रहेंगी। चार वर्ष के पाठ्यक्रम में तीन वर्ष स्नातक की तरह ही रहेंगे। चौथे वर्ष में छात्र-छात्राओं को शोध की पढ़ाई करायी जाएगी। चौथे वर्ष में उन्हीं छात्र-छात्राओं को शामिल होने की अनुमति मिलेगी जो तीन वर्ष का स्नातक 75 प्रतिशत अंकों के साथ पास करेंगे।
एक साल में सर्टिफिकेट, दूसरे में डिप्लोमा और तीन वर्षों में डिग्री: स्नातक के वैसे छात्र जो बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं। उनके लिए भी नई शिक्षा नीति पहले से कहीं बेहतर होगी। इसमें अगर कोई छात्र पहले साल में ही पढ़ाई छोड़ देता है तो उसे सर्टिफिकेट, दूसरे साल में डिप्लोमा और तीनों वर्ष पूरे करने पर डिग्री मिलेगी। बीच में पढ़ाई छोड़ देने पर भी उनका नामांकन बेकार नहीं जाएगा।
दो के बजाय एक वर्ष में पीजी: अभी पीजी की पढ़ाई दो साल की है। दो वर्षों तक पढ़ाई के बाद ही पीजी की डिग्री मिलती है। नई शिक्षा नीति की स्नातक की चार वर्षीय पाठ्यक्रम में दाखिला लेनेवाले छात्रों को एक साल में ही पीजी करने का मौका मिल सकेगा। इसके बाद पीएचडी भी कर सकेंगे। कालेजों में क्रेडिट सिस्टम से पढ़ाई शुरू होगी जिसमें छात्र छात्राओं को विषय चुनने की बाध्यता नहीं रहेगी। अपनी रुचि या पसंदीदा विषय चुन कर क्रेडिट सिस्टम के माध्यम से पढ़ाई कर सकेंगे और परीक्षा भी देंगे।